गुरुवार, १५ नोव्हेंबर, २०१२

ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना...




ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल ना जाना

बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
ढुंढेंगे तुझे गली-गली सब ये गम के मारे
पुछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना
जानेवाले हो सके तो लौट के आना

है तेरा वहॉं कौन सभी लोग हैं पराये
परदेस की गर्दिश में  कहीं तू भी खो ना जाये
कॉंटों भरी डगर है तू दामन बचाना
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना

दे दे के ये आवाज कोई हर घडी बुलाये
फिर जाये जो उस पार कभी लौटके ना आये
है भेद ये कैसा  कोई कुछ तो बताना
ओ जानेवाले हो सके तो लौटके आना

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक: मुकेश
चित्रपट बंदिनी


बुधवार, १४ नोव्हेंबर, २०१२

वो शाम कुछ अज़ीब थी...





वो शाम कुछ अज़ीब थी
ये शाम भी  अज़ीब हैं
वो कल भी पास-पास थी
वो आज भी करीब हैं  -  २
वो शाम .........

झूकी हुई निगाह में
कही मेरा खयाल था
दबी दबी हंसी में इक
हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो   - २
न जाने क्यों लगा मुझे
के मुस्कुरा रहीं है वो
वो शाम ......

मेरा खयाल है अभी
झूकी हूई निगाह में
मिली हुई हंसी भी है
दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हुं,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो  -  २
यही खयाल हैं मुझे
के साथ आ रही हैं वो
वो शाम   ........

गीतकार: गुलझार
संगीतकार: हेमंत कुमार
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: खामोशी

मंगळवार, १३ नोव्हेंबर, २०१२

तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे...



तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....

वो बहारें वो चॉंदनी रातें
हमने की थी जो प्यार की बातें...२
उन नजारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....

मेरे हाथों मे तेरा चेहेरा था
जैसे कोई गुलाब होता है...२
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तर्‍हा भुलाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं...

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: पगला कहीं का

ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका...




ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
   
तेरे होंट क्या है, गुलाबी कंवल है
ये दो पत्तिया, प्यार की इक गज़ल है
वो नाजुक लबो से मुहब्बत की बाते
हमी को सुनाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
    
कभी घुल के मिलना, कभी खुद झिझकना
कभी रासतो पर बेहेकना मचलना
ये पलको की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया 

फिज़ाओ मे थंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओ की बडी मेहरबानी
हर इक पेच मे सैकडो मैकदे है
तेरा लडखडाना गज़ब हो गया
ऐ फुलों की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरझू

रविवार, ११ नोव्हेंबर, २०१२

धीरे धीरे चल चांद गगनमें...





धीरे धीरे चल चांद गगनमें,धीरे धीरे चल चांद  गगनमें
धीरे धीरे चल चांद गगनमें, अरे,धीरे धीरे चल चांद  गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
गुन गुन गुंजे राग आज पवन में
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
होंगी दो दो बात आज मिलन में
धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
रिमझिम बरसे प्यार आज चमनमें
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
धीरे धीरे चल....

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: लव मॅरेज

शनिवार, १० नोव्हेंबर, २०१२

दीवाना हुआ बादल...



दीवाना हुआ बादल  सावन की घटा छाई
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगडाई

ऐसी तो मेरी तकदीर ना थी
तुम सा जो कोई महबूब मिले
दिल आज खुशी से पागल है
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले
दिल क्यों ना बने पागल क्या तुमने अदा पाई

जब तुम से नजर टकराई सनम
जजबात का एक तूफ़ान उठा
तिनके की तरह मैं बह निकली
सैलाब मेरे रोके ना रुका
जीवन में मची हलचल और बजने लगी शहनाई

है आज नए अरमानों से
आबाद मेरे दिल की नगरी
बरसों से खिजा का आलम था
वीरान बड़ी दुनियाँ थी मेरी
हाथों में तेरा आँचल आया के बहार आयी

गीतकार: एस. एच बिहारी
संगीतकार: ओ.पी नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी , आशा भोसले
चित्रपट: काश्मीर की कली

शुक्रवार, ९ नोव्हेंबर, २०१२

कोई होता जिस को अपना..





कोई होता जिस को अपना
हम अपना कह लेते यारो
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकीन कोई मेरा अपना

आंखो में नींद ना होती
आंसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता

भूला हुवा कोई वादा
बिती हुई कुछ यादे
तनहाई दोहराती हैं रातभर
कोई दिलासा होता
कोई तो अपना होता

गीतकार: गुलजार
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: मेरे अपने

छू लेने दो नाजूक होटों को...




छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
कुदरत ने जो हमको बक्षा है
वो सबसे हॅंसी इनाम है ये

शरमा के ना यूं ही खो देना
रंगीन जवानी की गलियां
बेताब धडकते सीनो का
अरमान भरा पैगाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को

अच्छों को बुरा साबित करना
दुनिया की पुरानी आदत है
इस मय को मुबारक चीज समझ
माना के बहोत बदनाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को

गीतकार:  साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट:  काजल

मंगळवार, ९ ऑक्टोबर, २०१२

यारी है इमान मेरा.....

माझे मित्र राजाभाऊ उर्फ शैलेंद्र साठे ह्यांनी गायलेलं हे जंजीर चित्रपटातलं गाजलेलं गीत ऐका.








ग़र ख़ुदा मुझसे कहे, कुछ माँग ऐ बंदे मेरे

मैं ये माँगूँ, महफ़िलों के दौर यूँ चलते रहें

हमप्याला हो, हमनवाला हो, हमसफ़र हमराज़ हों

ता-क़यामत, जो चिराग़ों की तरह जलते रहें



यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी

प्यार हो बंदों से ये सबसे बड़ी है बंदगी



साज़-ए-दिल छेड़ो जहां में, प्यार की गूँजे सदा

जिन दिलों में प्यार है उनसे बहारें हों फ़िदा

प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके सादगी

यारी है ईमान मेरा...



जान भी जाए अगर, यारी में यारों ग़म नहीं

अपने होते यार हो ग़मगीन, मतलब हम नहीं

हम जहाँ हैं उस जगह, झूमेगी नाचेगी ख़ुशी

यारी है ईमान मेरा...



गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेज़ार नज़र आता है

चश्म-ए-बद का शिकार यार नज़र आता है

छुपा न हमसे, ज़रा हाल-ए-दिल सुना दे तू

तेरी हँसी की क़ीमत क्या है, ये बता दे तू



कहे तो आसमाँ से चाँद-तारे ले आऊँ

हंसी जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ

ओए! ओए! क़ुर्बान

तेरा ममनून हूँ, तूने निभाया याराना

तेरी हँसी है आज सबसे बड़ा नज़राना

यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई, आ गई

यारी है ईमान मेरा...



लो शेर! कुरबां! कुरबां!

कवी:गुलशन बावरा
संगीतकार:कल्याणजी-आनंदजी
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: जंजीर

गुरुवार, २१ जून, २०१२

चाफा बोलेना, चाफा चालेना...



चाफा बोलेना, चाफा चालेना
चाफा खंत करी, काही केल्या फुलेना !! ॥धृ.॥

गेले आंब्याच्या बनी
म्हंटली मैनेसवे गाणी
आम्ही गळयांत गळे मिळवूनी रे!

गेले केतकीच्या बनी
गंध दरवळला वनी
नागासवे गळाले देहभान रे!!

चल ये रे, ये रे गडया, नाचू उडू घालू फुगडया!
खेळू झिम्मा झिम पोरी झिम पोरी झिम!!

हे विश्वाचे अंगण
आम्हा दिले आहे आंदण
उणे करु आपण दोघे जण रे!

जन विषयाचे किडे
ह्यांची धाव बाह्याकडे
आपण करु शुद्ध रसपान रे!!

चाफा फुली आला फुलून
तेजी दिशा गेल्या आटून
कोण मी-चाफा? कोठे दोघे जण रे ?

गीतकार : बी(नारायण मुरलीधर गुप्ते)
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका : लता मंगेशकर

जाये तो जाये कहॉं...




जाये तो जाये कहॉं
समझेगा कौन यहॉं
दर्दभरे दिल की जुबॉं

मायुसिओंका मजमा हैं जीमें
क्या रह गया हैं इस ज़िंदगीमें
रूहमें ग़म दिलमें धुवॉं

उनका भी ग़म है अपना भी ग़म हैं
अब दिलके बचनेकी उम्मीद कम हैं
एक कश्ती सौ तुफॉं

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट : टॅक्सी ड्रायव्हर

बुधवार, २० जून, २०१२

प्रेमाला उपमा नाही....




मी कशी ओळखू प्रीती, हे हृदय म्हणू की लेणे
प्रेमाला उपमा नाही हे देवाघरचे देणे

हिरवेपण पिउनी ओले
थेंबांचे मोती झाले
मी कशी फुलोरा शोधू, हे फूल म्हणू की पाने

किरणांची लेऊन लाली
हे मेघ उतरले खाली
मी कशी ओळखू जादू, हे परीस म्हणू की सोने

का नकळत डोळे मिटती
स्पर्शात शहारे उठती
मी कशी भावना बोलू, हे शब्द म्हणू की गाणे

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: प्रभाकर जोग
गायक-गायिका: सुरेश वाडकर,अनुराधा पौडवाल
चित्रपट: कैवारी

विकत घेतला श्याम...


नाही खर्चली कवडी दमडी, नाही वेचला दाम
विकत घेतला श्याम, बाई मी विकत घेतला श्याम

कुणी म्हणे ही असेल चोरी, कुणा वाटते असे उधारी
जन्मभरीच्या श्वासाइतुके, मोजियले हरी नाम

बाळ गुराखी यमुनेवरचा, गुलाम काळा संतांघरचा
हाच तुक्याचा विठठल आणि दासाचा श्रीराम

जितुके मालक, तितुकी नावे, हृदये तितुकी याची गावे
कुणी न ओळखी तरिही याला, दिन अनाथ अनाम

गीतकार:ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके,आशा भोसले

मंगळवार, १९ जून, २०१२

अशी पाखरे येती...




अशी पाखरे येती आणिक स्मृती ठेवूनी जाती
दोन दिसांची रंगतसंगत, दोन दिसांची नाती

चंद्र कोवळा पहिला वहिला, झाडामागे उभा राहिला
जरा लाजूनी जाय उजळूनी, काळोखाच्या राती

फुलून येता फुल बोलले, मी मरणावर हृदय तोलले
नव्हते नंतर परि निरंतर गंधित झाली माती

हात एक तो हळू थरथरला, पाठीवर मायेने फिरला
देवघरातील समईमधूनी, अजून जळती वाती

कुठे कुणाच्या घडल्या भेटी, गीत एक मोहरले ओठी
त्या जुळल्या हृदयांची गाथा, सूर अजुनही गाती


गीतकार :मंगेश पाडगांवकर
संगीतकार:यशवंत देव
गायक :सुधीर फडके

फिर वोही शाम...




फिर वोही शाम वोही गम वोही तनहाई है
दिलको समझाने तेरी याद चली आई है

फिर तसव्वूर तेरे पहलू मे बिठा जायेगा
फिर गया वक्त घडीभरको पलट आयेगा
दिल बहल जायेगा आखिरको  तो सौदाई है
फिर वोही शाम

जाने अब तुझसे मुलाकात कभी हो के न हो
जो अधुरी रही वो बात कभी हो के ना हो
मेरी मंज़िल तेरी मंज़िलसे बिछड आई है
फिर वोही शाम

गीतकार: राजेंद कृष्ण
संगीतकार: मदन मोहन
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: जहां आरा

सोमवार, १८ जून, २०१२

ये हवा, ये रात,ये चांदनी



माझ्या जन्माच्या वेळी म्हणजे १९५२ साली प्रकाशित झालेलं  हे गाणं
आजही तेवढेच ताजंतवानं वाटतंय.  :)

ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू तेरी जूस्तजू में बहार है

तुझे क्या खबर है ओ बे खबर
तेरी इक नजर में है क्या असर
जो गज़ब मे आये तो केहर है
जो हो मेहरबां तो करार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात,ये चांदनी...

तेरी बात बात है दिल नशी
कोई तुझ से  बढ के नही हसीं
है कली कली पे जो मस्तियां
तेरी आंखका ये खुमार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं

गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: सज्जाद हूसेन
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: संगदिल

रविवार, १७ जून, २०१२

ज़िंदगीभर नही भुलेगी वो बरसातकी रात...




हे माझं ह्या जालनिशीवरचं ५० वं गाणं आहे.... हा प्रयत्न कितपत यशस्वी झालाय सांगा...मी स्वत: अजून पूर्ण समाधानी नाहीये..
पण सद्द्या तरी ह्यापेक्षा जास्त चांगलं मला गाता येत नाहीये. 

ज़िंदगी भर नही भुलेगी वो बरसात की रात
एक अन्जान हसीना से मुलाकात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी

हाय वो रेशमी ज़ुल्फो से बरसता पानी
फुल से गालो पे रुकने को तरसता पानी
दिल मे तुफान उठाते हुवे जज़बात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी

डरके बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखाके सिमटना उसका
कभी देखी ना सुनी ऐसी तिलिस्मातकी रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी

सुर्ख आचल को दबाकर जो निचोडा उसने
दिल पे जलता हुवा एक तीर सा छोडा उसने
आग पानी मे लगाते हुवे
आग पानी मे लगाते हुवे हालात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी

मेरे नग़मो मे जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसी ख्वाब की तावीर थी वो
आसमानो से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी
चित्रपट: बरसात की रात

प्रभाती सूर नभी रंगती...




खरं तर ह्या गाण्याला माझा आवाज अजिबात पोषक नाहीये हे कळतंय..
पण मला हे गाणं आवडत असल्यामुळे मुद्दाम गायचा प्रयत्न केलाय मी.

प्रभाती सूर नभी रंगती, दशदिशा भूपाळी म्हणती

पानोपानी अमृत शिंपित, उषा हासरी हसते धुंदित
जागी होऊन फुले सुगंधित, तालावर डोलती

कृषीवलाची हाक ऐकूनी, मोट धावते शेतामधूनी
पक्षी अपुल्या मधूर स्वरांनी, स्वरांत स्वर मिळविती

प्रसन्न वदनी सुहासिनी कुणी, सडे शिंपिती मृदुल करांनी
श्रीविष्णुचे नाम स्मरुनी, तार कुणी छेडिती

गीतकार : रमेश आणावकर
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका: आशा भोसले

शनिवार, १६ जून, २०१२

चंदनसा बदन...




चंदनसा बदन चंचल चितवन
धीरेसे तेरा ये मुसकाना
मुझे दोष ना देना जगवालों
हो जाऊ अगर मैं दिवाना

ये काम कमान भवें तेरी
पलकोंके किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होठो पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड जाये
आबाद हो दिलका विराना
चंदनसा बदन चंचल चितवन 

तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरताकी मूरत है
किसी औरको शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरूरत है
पहले भी बहोत मैं तरसा हूँ
तू और न दिलको तरसाना

गीतकार: इंदीवर
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट सरस्वतीचंद्र

गुरुवार, १४ जून, २०१२

मुसाफिर हूँ यारो...





मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जूड गयी
मै मूडा तो साथ साथ राह मूड गयी
हवाके परोपर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

दिनने हाथ थामकर इधर बिठा लिया
रातने इशारेसे उधर बुला लिया
सुबहसे शामसे मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

गीतकार: गुलजार
संगीतकार: आर डी बर्मन
गायक: किशोरकुमार
चित्रपट: परिचय

मंगळवार, १२ जून, २०१२

घनःश्याम सुंदरा श्रीधरा अरुणोदय झाला...



घनःश्याम सुंदरा श्रीधरा अरुणोदय झाला
उठिं लवकरि वनमाळी उदयाचळी मित्र आला

आनंदकंदा प्रभात झाली उठी सरली राती
काढी धार क्षीरपात्र घेउनी धेनु हंबरती
लक्षिताती वासुरें हरि धेनु स्तनपानाला

सायंकाळीं एके मेळीं द्विजगण अवघे वृक्षीं
अरुणोदय होताच उडाले चरावया पक्षी
प्रभातकाळी उठुनि कावडी तीर्थ पथ लक्षी
करुनी सडासंमार्जन गोपी कुंभ घेऊनी कुक्षीं
यमुनाजळासि जाति मुकुंदा दध्योदन भक्षी

कोटी रवीहून तेज आगळें तुझिया वदनाला
होनाजी हा नित्य ध्यातसे हृदयी नाम माला

गीतकार: शाहीर होनाजी बाळा
संगीतकार: वसंत देसाई
गायक-गायिका: पंडितराव नगरकर. लता मंगेशकर
चित्रपट: अमर भूपाळी

चॉंदसी मेहबूबा हो....





चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था

ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोलीभाली है दो नैना सीधेसादे हैं
दो नैना सीधेसादे हैं
ऐसाही रूप खयालोंमें था ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था

मेरी खुशियांही ना बॉंटे  मेरे गमभी सेहना चाहे
मेरी खुशियांही ना बॉंटे  मेरे गमभी सेहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलोंके मेरे दिलमें रेहना चाहे
मेरे दिलमें रेहना चाहे
इस दुनियामें कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था

गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट हिमालयकी गोदमें

सोमवार, ११ जून, २०१२

एका तळ्यात होती...



स्त्रीच्या आवाजात गाण्याचा हा एक प्रयत्न.




एका तळ्यात होती, बदके पिले सुरेख
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक

कोणी न त्यास घेई, खेळावयास संगे
सर्वाहूनी निराळे ते वेगळे तरंगे
दावूनि बोट त्याला, म्हणती हसून लोक
आहे कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक

पिल्लास दुःख भारी, भोळे रडे स्वतःशी
भावंड ना विचारी, सांगेल ते कुणाशी ?
जे ते तयास टोची, दावी उगाच धाक
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक

एके दिनी परंतू, पिल्लास त्या कळाले
भय वेड पार त्याचे, वार्‍यासवे पळाले
पाण्यात पाहताना, चोरुनिया क्षणैक
त्याचेच त्या कळाले, तो राजहंस एक

गीतकार:ग.दि. माडगुळकर
संगीतकार: श्रीनिवास खळे
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: सुखाचे सोबती 

रविवार, १० जून, २०१२

तसवीर बनाता हूँ तसवीर नही बनती...



तसवीर बनाता हूँ तसवीर नही बनती
एक ख्वाबसा देखा है ताबिर नही बनती

बेदर्द मोहब्बतका इतनासा है अफसाना
नजरोंसे मिली नजरे मैं हो गया दीवाना
अब दिलके बहलाने की तदबीर नही बनती

दमभर के लिये मेरी दुनियॉंमें चले आओ
तरसी हुई आखोंको फ़िर शक्ल दिखा जाओ
मुझसे तो मेरी बिगडी तकदीर नही बनती

गीतकार: कुमार बाराबंक्वी
संगीतकार: नौशाद
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: बरादरी

शनिवार, ९ जून, २०१२

मैं ज़िंदगीका साथ निभाता चला गया




मैं ज़िंदगीका साथ निभाता चला गया
हर फिक्र को धुवेंमें उडाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा

बरबादियोंका सोग मनाना फिज़ूल था
बरबादियोंका जश्न मनाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा


जो मिल गया उसीको मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा


ग़म और खुशीमें फ़र्क ना मेहसूस हो जहॉं
मैं दिलको उस मकामपे लाता चला गया
मैं ज़िंदगीका साथ निभाता चला गया
हर फिक्र को धुवेंमें उडाता चला गया


गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: जयदेव
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: हम दोनो




गुरुवार, ७ जून, २०१२

ज़िंदगी देनेवाले सून....


ज़िंदगी देनेवाले सून
तेरी दुनियासे दिल भर गया
मैं यहॉं जीते जी मर गया

रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
ऑंख विरान है, दिल परेशान है
ग़मका सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...

बेखता तूने मुझसे खुशी छीन ली
ज़िंदा रखा मगर ज़िंदगी छीन ली
कर दिया दिलका ख़ून चूप कहॉं तक रहूँ
साफ क्यूँ ना कहूँ
तू खुशीसे मेरी डर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...

गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार: गुलाम मोहम्मद
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: दिल-ए-नादान



मंगळवार, ५ जून, २०१२

शाम-ए-ग़म की कसम...



शाम-ए-ग़म की कसम आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा आ भी जा आज मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की कसम
दिल परेशान हैं रात विरान हैं
देख जा किस तरह आज तनहा हैं हम
शाम-ए-ग़म की कसम

चैन कैसा जो पेहलूमें तू ही नहीं
मार डाले ना दर्द-ए-जुदाई कहीं
रूत हसीं हैं तो क्या चांदनी है तो क्या
चांदनी ज़ुल्म है और जुदाई सितम
शाम-ए-ग़म की कसम

अब तो आजा के अब रात भी सो गई
ज़िंदगी ग़मके सेहरावमें खो गई
ढुंढती है नज़र तू कहॉं है मगर
देखते देखते आया ऑंखोंमें नम
शाम-ए-ग़म की कसम

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: खय्याम
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: फूटपाथ

सोमवार, ४ जून, २०१२

ऐ मेरे दिल कहीं और चल...


ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गम की दुनियासे दिल भर गया
ढुंढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

चल जहां गमके मारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
इन बहारोसे क्या फायदा
जिसमें दिलकी कली जल गई
जख्म फिरसे हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कही और चल

चार आंसू कोई रो दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
लुट रहा था किसीका जहां
देखती रह गई ये जमीं
चूप रहा बेरहम आसमां
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: तलत महमूद
चित्रपट: दाग

मैं कहीं कवी ना बन जाऊं...



मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता

तुझे दिलके आईनेमे मैने बार बार देखा
तेरी अखरियोंमे देखा तो छलकता प्यार देखा
तेरा तीर मैने देखा तो जिगरके पार देखा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता


तेरा रंग है सलोना तेरे अंगमें लचक है
तेरी बातमें है जादू तेरे बोलमें खनक है
तेरी हर अदा मुहब्बत तू जमीं की खनक है
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता

मेरा दिल लुभा रहा है तेरा रूप सादा सादा
ये झुकीझुकी निगाहें करे प्यार और ज्यादा
मैं तुझीपे जान दूंगा, है यही मेरा इरादा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: प्यार ही प्यार

रविवार, ३ जून, २०१२

ओ जिया ओ जिया ओ जिया कुछ बोल दो..



ओ हो  आ हा
ओ जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो...


नजरोसे जितने तीर चले, चलने दो जिगर पर झेलेंगे
इन प्यारकी उजली राहोंपर हम जानकी बाजी खेलेंगे
इन दो नैनोंके सागरमें,कोई दिलकी नैया डुबोता है
जिया ओ,जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो...

तुमभी तो इस आगमें जलते हो, चेहरेसे बयॉं हो जाता हैं
हर बातपे आहे भरते हो, हर बातपे दिल थर्राता है
जब दिलपे छुरिया चलती हैं, तब चैनसे कोई सोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: जब प्यार किसीसे होता है

गुरुवार, ३१ मे, २०१२

अभी ना जाओ छोड़ कर





 अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं - (२)
अभी अभी तो आई हो - अभी अभी तो
अभी अभी तो आई हो, बहार बनके छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
(ये शाम ढल तो ले ज़रा - २), ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ
नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहाँ नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं

 सितारे झिलमिला उठे, सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
बस अब न मुझको टोकना
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़के राह रोकना
अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी
यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा
जो खत्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं
 अभी नहीं अभी नहीं
 नहीं नहीं नहीं नहीं
 अभी ना जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं

 अधूरी आस, अधूरी आस छोड़के, अधूरी प्यास छोड़के
जो रोज़ यूँही जाओगी तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मक़ाम आएंगे जो हम को आज़माएंगे
बुरा ना मानो बात का ये प्यार है गिला नहीं
 हाँ, यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी  भरा नहीं
 हाँ, दिल अभी भरा नहीं
 नहीं नहीं नहीं नहीं

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: जयदेव
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,आशा भोसले
चित्रपट: हम दोनो

बुधवार, ३० मे, २०१२

दिवस तुझे हे फुलायचे...




दिवस तुझे हे फुलायचे
झोपाळ्यावाचून झुलायचे

स्वप्नात गुंगत जाणे,
वाटेत भेटते गाणे
गाण्यात हृदय झुरायचे

मोजावी नभाची खोली, 
घालावी शपथ ओली
श्वासात चांदणे भरायचे

थरारे कोवळी तार, 
सोसेना सुरांचा भार
फुलांनी जखमी करायचे

माझ्या या घराच्या पाशी, 
थांब तू गडे जराशी
पापण्या मिटून भुलायचे


गीतकार: मंगेश पाडगावकर
संगीतकार: यशवंत देव 
गायक: अरूण दाते

सोमवार, २८ मे, २०१२

हम बेखुदीमें तुमको पुकारे...





हम बेखुदीमें तुमको पुकारे चले गये
हम...
हम बेखुदीमें तुमको पुकारे चले गये
सागरमें जिंदगीको उतारे चले गये
हम...

देखा की ये तुम्हे हम,बनके दीवाना
उतरा जो नशा तो हमने ये जाना
साऽऽरे वो जिंदगीके सहारे चले गये
हम बेखुदीमें तुमको पुकारे चले गये
हम..

तुम तो ना कहो हम खुदहीसे खेले
डूबे नहीं हमी यूं नशेमें अकेले
शीऽऽशेमें आपको भी उतारे चले गये
हम बेखुदीमें तुमको पुकारे चले गये
सागरमें जिंदगीको उतारे चले गये
हम...

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट : काला पानी


शुक्रवार, २५ मे, २०१२

बार बार देखो,हजार बार देखो...



बार बार देखो,हजार बार देखो
के देखनेकी चीज है हमारा दिलरुबा
ताली हो...

हांजी हां और भी होंगे दिलदार यहां
लाखों दिलोंकी बहार यहां
पर ये बात कहां
ये बेमिसाल-हुस्न-लाजवाब-ये अदा
ताली हो...

दिल मिला,एक जान-ए-मेहफिल मिला
यार जिराग-ए-मंझिल मिला
ये ना पुछो के कहां
नया-नया-ये-आशिकीका राज-है-मेरा
ताली हो....

बल्ले बल्ले, उठके मिस्टर क्यूं चले
प्यारपे मेरे कहूं क्यूं जले
बैठभी जावो मेहेरबान
दुवा-करो-मिले-तुम्हे-भी-ऐसा-दिलरूबा
ताली हो....

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: रवी
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: चायना टाऊन

गुरुवार, २४ मे, २०१२

माना जनाब ने पुकारा नहीं...



माना जनाब ने पुकारा नहीं
क्या मेरा साथ भी गॅंवारा नहीं
मुफ्तमें बनके चल दिये तनके
वल्लाह जवाब तुम्हारा नही
माना जनाबने....


यारोंका चलन है गुलामी
देते है हसींनोको सलामी
गुस्सा ना कीजिये जाने भी दीजिये
बंदगी तो बंदगी तो लीजिये साहब
माना जनाबने...

माशा अल्लाह कहना तो माना
बन गया बिगडा जमाना
तुमको हॅंसा दिया प्यार सिखा दिया
शुक्रिया तो शुक्रिया तो कीजिये साहब
माना जनाबने...

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक : किशोर कुमार
चित्रपट: पेईंग गेस्ट

बुधवार, २३ मे, २०१२

प्रिया आज माझी नसे साथ द्याया...


प्रिया आज माझी नसे साथ द्याया,
नको धुंद वारे, नको चांदण्या या!

नको पारिजाता धरा भुषवू ही,
पदांची तिच्या आज चाहूल नाही,
प्रियेविण आरास जाईल वाया !

फुले सान झेलू तरी भार होतो,
पुढे वाट साधी तरी तोल जातो
कुणाला कळाव्या मनाच्या व्यथा या !

न शांती जीवाला न प्राणास धीर,
कसा आज कंठात येईल सूर,
उरी वेदना मात्र जागेल गाया!

अता आठवीता तशा चांद राती,
उरे मौक्तिकाविण शिंपाच हाती,
उशाला उभी ती जुनी स्वप्नामाया

गीतकार: यशवंत देव
संगीतकार: प्रभाकर जोग
गायक: सुधीर फडके

मंगळवार, २२ मे, २०१२

बदनपे सितारे लपेटे हुये...



बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये


हमीं जब ना होंगे तो ऐ दिलरुबा
किसे देखकर हाये शरमाओगी
ना देखोगी फिर तुम कभी आईना
हमारे बिना रोज घबराओगी
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये

है बनने संवरनेका जबही मजा
कोई देखनेवाला आशिक तो हो
नही तो ये जलवे है बुझते दिये
कोई मिटनेवाला एक आशिक तो हो
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये

मोहब्बतकी ये इन्तहा हो गयी
की मस्तीमें तुमको खुदा कह गया
जमाना ये इन्साफ करता रहा
बुरा कह गया या भला कह गया
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये


गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट : प्रिन्स

सोमवार, २१ मे, २०१२

दोस्त दोस्त ना रहा...




दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा

अमानतें मैं प्यार की, गया था जिसको सौंपकर
वो मेरे दोस्त तुम ही तो थे, तुम ही तो थे

जो जिंदगी की राहमें, बने थे मेरे हमसफर
वो मेरे दोस्त तुम ही तो थे, तुम ही  तो थे

सारे भेद खूल गये, राजदार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा

गले लगी सेहम सेहम, भरे गले से बोलती
वो तुम न थी तो कौन था तुम ही तो थी

सफरके वक्तमें पलक, पे मोतियों को तोलती
वो तुम न थी तो कौन था, तुम ही तो थी

नशेकी रात ढल गयी, अब खुमार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट: संगम

शनिवार, १९ मे, २०१२

कौन आया मेरे मनके द्वारे...




कौन आया मेरे मनके द्वारे
पायल की झनकार लिये
कौन आया

ऑंख ना जाने दिल पहचाने
सुरतीयॉं कुछ ऐसी
याद करूं तो याद ना आये
मुरतीयॉं ये ऐसी
पागल मनवा सोचमें डूबा
सपनोंका संसार लिये
कौन आया

इक पल सोचूं मेरी आशा
रूप बदलकर आई
दूजे पल फिर ध्यान ये आये
हो ना कही परछाई
जो परदेसी के घर आई
एक अनोखा प्यार लिये
कौन आया


गीतकार:राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार:मदन मोहन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: देख कबीरा रोया

एहसान तेरा होगा मुझ पर..





एहसान तेरा होगा मुझपर
दिल चाहता है वो कहने दो
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंव में रेहने दो

तुम ने मुझको हसना सिखाया
रोने कहोगे रो लेंगे अब 
ऑंसू का हमारे गम ना करो
वो बेहते है तो बेहने दो
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंवमें रेहने दो


चाहे बना दो चाहे मिटा दो
मर भी गये तो देंगे दुवायें
उड उड के कहेगी खाक सनम
ये दर्द-ए-मोहब्बत सेहने दो 
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंव में रेहने दो



गीतकार:हसरत जयपुरी
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायक-गायिका: मोहम्मद  रफी, लता मंगेशकर
चित्रपट: जंगली

प्रथम तुला वंदितो....




प्रथम तुला वंदितो कृपाळा, गजानना, गणराया

विघ्नविनाशक , गुणिजन पालक, दुरीत तिमीर हारका
सुखकारक तू, दुःख विदारक, तूच तुझ्या सारखा
वक्रतुंड ब्रम्हांड नायका, विनायका प्रभूराया

सिद्धी विनायक, तूच अनंता, शिवात्मजा मंगला
सिंदूर वदना, विद्याधीशा, गणाधीपा वत्सला
तूच ईश्वरा साह्य करावे, हा भव सिंधू तराया

गजवदना तव रूप मनोहर, शुक्लांबर शिवसूता
चिंतामणी तू अष्टविनायक, सकलांची देवता
रिद्धी सिद्धीच्या वरा, दयाळा, देई कृपेची छाया

गीतकार: शांताराम नांदगांवकर
संगीतकार: अनिल-अरूण
गायक-गायिका: पंडित वसंतराव देशपांडे, अनुराधा पौडवाल
चित्रपट: अष्टविनायक


गुरुवार, १७ मे, २०१२

मनाच्या धुंदीत लहरीत ये ना...




मनाच्या धुंदीत लहरीत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
जराशी सोडून जनरीत ये ना
सखे गं साजणी ये ना

चांदणं रुपाचं आलय भरा
मुखडा तुझा हा अती साजरा
माझ्या शिवारी ये तू जरा
चारा घालीन तुज पाखरा
माझे डोळे शिणले गं तुझी वाट पाहुनी, ग ये
गुलाबी गालात हासत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
जराशी लाजत मुरकत ये ना
सखे गं साजणी ये ना

आता कुठवर धीर मी धरू
काळीज करते बघ हुरुहुरू
सजणी नको ग मागं फिरू
माझ्या सुरात सुर ये भरू
माझे डोळे शिणले गं तुझी वाट पाहुनी, ग ये
बसंती वार्‍यात तोर्‍यात ये ना
सखे गं साजणी ये ना
सुखाची उधळीत बरसात ये ना
सखे गं साजणी ये ना

गीतकार: शांता शेळके
संगीतकार: देवदत्त साबळे
गायक: जयवंत कुलकर्णी

शुक्रतारा,मंदवारा....



शुक्रतारा, मंदवारा, चांदणे पाण्यातुनी
चंद्र आहे, स्वप्न वाहे धुंद या गाण्यातुनी
आज तू डोळ्यांत माझ्या मिसळुनी डोळे पहा
तू अशी जवळी रहा ॥धृ.॥

मी कशी शब्दात सांगू भावना माझ्या तुला
तू तुझ्या समजून घे रे लाजणार्‍या या फुला
अंतरीचा गंध माझ्या आज तू पवना वहा
तू असा जवळी रहा ॥१॥

लाजर्‍या माझ्या फुला रे गंध हा बिलगे जिवा
अंतरीच्या स्पंदनाने अन्‌ थरारे ही हवा
भारलेल्या या स्वरांनी भारलेला जन्म हा
तू अशी जवळी रहा ॥२॥

शोधिले स्वप्नात मी ते ये करी जागेपणी
दाटुनी आलास तू रे आज माझ्या लोचनी
वाकला फांदीपरी आता फुलांनी जीव हा
तू असा जवळी रहा ॥३॥

गीतकार : मंगेश पाडगावकर
संगीतकार : श्रीनिवास खळे
गायक-गायिका : अरूण दाते , सुधा मल्होत्रा

सोमवार, १४ मे, २०१२

ही चाल तुरुतुरू....





ही चाल तुरुतुरु उडती केस भुरुभुरु
डाव्या डोळ्यावर बट ढळली
जशी मावळत्या उन्हात केवड्याच्या बनात
नागीण सळसळली

इथं कुणी आसपास ना
डोळ्याच्या कोनात हास ना
तू जरा माझ्याशी बोल ना
ओठांची मोहोर खोल ना
तू लगबग जाता मागं वळून पाहाता
वाट पावलात अडखळली

उगाच भुवई ताणून
फुकाचा रुसवा आणून
पदर चाचपून हातानं
ओठ जरा दाबीशी दातानं
हा राग जीवघेणा  खोटा खोटाच बहाणा
आता माझी मला खूण कळली


गीतकार: शांता शेळके
संगीतकार: देवदत्त साबळे
गायक: जयवंत कुलकर्णी

रविवार, १३ मे, २०१२

नको देवराया अंत आता पाहू...




नको देवराया अंत आता पाहू ।
प्राण हा सर्वथा, जाऊ पाहे ॥

हरिणीचे पाडस, व्याघ्रे धरीयेले ।
मजलागी जाहले तैसे देवा ॥१॥

तुजविण ठावं न दिसे त्रिभुवनी
धावे हे जननी विठाबाई ॥२॥

मोकलूनी आस, जाहले उदास
घेई कान्होपात्रेस हृदयात ॥३॥

रचना: संत कान्होपात्रा
संगीतकार: आनंदघन
गायक: हृदयनाथ मंगेशकर
चित्रपट: साधी माणसं

शुक्रवार, ११ मे, २०१२

सारंगा तेरी यादमें...




सारंगा तेरी यादमें
सारंगा तेरी यादमें नैन हुये बेचैन
मधुर तुम्हारे मिलन बिना दिन कटते नही रैन,
सारंगा तेरी यादमें....

वो अम्बुवाका झुलना,वो पिपल की छांव
घुंघट में जब चांद था, मेहंदी लगी थी पांव
आज उजडके रह गया, वो सपनोंका गांव
सारंगा तेरी यादमें....

संग तुम्हारे दो घडी, बित गये जो पल
जल भरके मेरे नैन में, आज हुये ओझल
सुख लेके दुख दे गई, दो अखियां चंचल
सारंगा तेरी यादमें....

गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: सरदार मलिक
गायक: मुकेश
चित्रपट: सारंगा

बुधवार, २ मे, २०१२

कही दूर जब दिन ढल जाये




कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
मेरे खयालों के आंगन में
कोई सपनों के दीप जलाये

कभी यूं ही जब हुई बोझल सांसे
भर आई बैठे बैठे जब यूं ही आंखे
कभी मचलके, प्यार से चल के
छुये कोई मुझे पर नझर ना आये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये

कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते
कहीं पे निकल आये जनमों के नाते
थमी थी उलझन बैरी अपना मन
अपना ही होके सहे दर्द पराये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
मेरे खयालों के आंगन में
कोई सपनों के दीप जलाये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये

गीतकार: योगेश
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: मुकेश
चित्रपट: आनंद

रविवार, २९ एप्रिल, २०१२

नवीन आज चंद्रमा, नवीन आज यामिनी...




नवीन आज चंद्रमा, नवीन आज यामिनी
मनी नवीन भावना, नवेच स्वप्न लोचनी

दूर बाल्य राहिले, दूर राहिल्या सखी
बोलण्या कुणासवे  सूर दाटले मुखी
अननुभुत माधुरी  आज गीत गायने

अनादि चंद्र अंबरी, अनादि धुंद यामिनी
यौवनात तू नवी मदीय प्रीत-स्वामिनी
घर न प्रीतकुंज हा, बैस ये सुहासिनी

कोण बाई बोलले, वाणि ही प्रियंवदा
या मनात नांदते तुझीच प्रीतसंपदा
कशास वेगळेपणा, जवळ ये विलासिनी

गीतकार: ग दि माडगूळकर
संगीत: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके आणि उषा अत्रे
चित्रपट: उमज पडेल तर

शुक्रवार, २७ एप्रिल, २०१२

जे वेड मजला लागले...





जे वेड मजला लागले, तुजलाहि ते लागेल का ?
माझ्या मनीची ही व्यथा कोणी तुला सांगेल का ?

मी पाहतो स्वप्नी तुला, मी पाहतो जागेपणी
जे मी मुकेपणि बोलतो, शब्दात ते रंगेल का ?

हा खेळ घटकेचा तुझा, घायाळ मी पण जाहलो
जे जागले माझ्या मनी, चित्ती तुझ्या जागेल का ?

माझे मनोगत मी तुला, केले निवेदन आज, गे
सर्वस्व मी तुज वाहिले, तुजला कधी उमगेल का ?

गीतकार: डॉ. वसंत अवसरे(शांता शेळके)
संगीत: वसंत पवार
गायक-गायिका: सुधीर फडके आणि आशा भोसले
चित्रपट: अवघाचि संसार

गुरुवार, २६ एप्रिल, २०१२

धुंदी कळ्यांना, धुंदी फुलांना ...



धुंदी कळ्यांना, धुंदी फुलांना
शब्दरुप आले, मुक्या भावनांना

तुझ्या जीवनी नीतिची जाग आली

माळरानी या प्रीतीची बाग झाली
सुटे आज माझ्या सुखाचा उखाणा

तुझा शब्द की थेंब हा अमृताचा

तुझा स्पर्श की हात हा चांदण्यांचा
उगा लाजण्याचा किती हा बहाणा

चिरंजीव होई कथा मिलनाची

तृषा वाढते तृप्त या लोचनांची
युगांचे मिळावे रुप या क्षणांना

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके आणि आशा भोसले
चित्रपट: धाकटी बहीण

चंद्र आहे साक्षिला...



पान जागे फुल जागे, भाव नयनी जागला
चंद्र आहे साक्षिला, चंद्र आहे साक्षिला

चांदण्याचा गंध आला, पौर्णिमेच्या रात्रीला
चंद्र आहे साक्षिला, चंद्र आहे साक्षिला

स्पर्श हा रेशमी, हा शहारा बोलतो
सूर हा, ताल हा, जीव वेडा डोलतो
रातराणीच्या फुलांनी, देह माझा चुंबिला

लाजरा, बावरा, हा मुखाचा चंद्रमा
अंग का चोरिसी, दो जीवांच्या संगमा
आज प्रीतीने सुखाचा, मार्ग माझा शिंपिला

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके आणि आशा भोसले
चित्रपट: चंद्र आहे साक्षीला

मंगळवार, २४ एप्रिल, २०१२

विसरशील खास मला...




विसरशील खास मला दृष्टिआड होता
वचनें ही गोड गोड देशि जरी आता

दृष्टिआड झाल्यावर सृष्टिही निराळी
व्यवसायही विविध, विविध विषय भोवताली
गुंतता तयात कुठे, वचन आठवीता

स्वैर तू विहंग, अंबरात विहरणारा
वशही वशीकरण तुला सहज जादुगारा
लाभशील माझा मज केवि जसा होता

अंतरीची आग तुला जाणवू कशाने
बोलवे न वेदनाच वचन दु:ख नेणे
याकरता दृष्टिआड होऊ नको नाथा

गीतकार: ज. के. उपाध्ये
संगीतकार: यशवंत देव
गायिका: आशा भोसले


सोमवार, २३ एप्रिल, २०१२

उठि श्रीरामा,पहाट झाली...



उठि श्रीरामा, पहाट झाली; पूर्व दिशा उमलली
उभी घेउनी कलश दुधाचा, कौसल्या माउली

होमगृही या ऋषीमुनींचे सामवेद रंगले
गोशाळेतुन कालवडींचे, दुग्धपान संपले
मंदिरातले भाट चालले, गाऊन भूपाळी


काल दर्पणी चंद्र दावुनी सुमंत गेले गृहा
त्याच दर्पणी आज राघवा, सूर्योदय हा पहा
वसिष्ठ मुनिवर घेउन गेले पुजापात्र राउळी

राजमंदिरी दासी आल्या रत्‍नदीप विझविण्या
ऊठ राजसा, पूर्वदिशेचा स्वर्ण-यज्ञ पाहण्या
चराचराला जिंकुन घेण्या अरुणप्रभा उजळली

शुक्रवार, २० एप्रिल, २०१२

मेरे नैना सावन भादो...





मेरे नैना सावन भादो,
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा

ऐ दिल दीवाने, खेल है क्या जाने
दर्द भरा ये, गीत कहांसे
इन होटोंपे आयेऽऽऽ, दूर कहीं ले जाये
भूल गया क्या, भूलके भी है
मुझको याद जरासा, फिर भी मेरा मन प्यासा

बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूं तुम्हें, याद नही है
अब सोचूं नहीं भूलेऽऽऽ, वो सावन के झूले
रूत आये रूत जाये देके
झुठा एक दिलासा, फिर भी मेरा मन प्यासा

बरसों बीत गये, हमको मिले बिछ्डे
बिजुरी बनके, गगनपे चमकी
बीते समयकी रेखाऽऽऽ, मैंने तुमको देखा
मन संग आंख-मिचौली खेले
आशा और निराशा, फिर भी मेरा मन प्यासा

गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: राहुलदेव बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट:  मेहबूबा

मंगळवार, १७ एप्रिल, २०१२

एक धागा सुखाचा!


प्रदीर्घ कालावधीनंतर पुन्हा एकदा घेऊन येत आहे...माझे एक आवडते गीत.



एक धागा सुखाचा, शंभर धागे दु:खाचे
जरतारी हे वस्त्र माणसा, तुझिया आयुष्याचे

पांघरसी जरी असला कपडा, येसी उघडा, जासी उघडा
कपड्यासाठी करीसी नाटक, तीन प्रवेशांचे

मुकी अंगडी बालपणाची, रंगित वसने तारुण्याची
जीर्ण शाल मग उरे शेवटी, लेणे वार्धक्याचे

या वस्त्रांते विणतो कोण,एकसारखी नसती दोन
कुणा न दिसले त्रिखंडात त्या, हात विणकर्‍याचे

गीतकार: ग. दि. माडगूळकर 
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक: सुधीर फडके
चित्रपट: जगाच्या पाठीवर

मंगळवार, १४ फेब्रुवारी, २०१२

ज्योती कलश छलके...

माझं अजून एक आवडतं गाणं ऐका....प्रभाकर जोग ह्यांच्या गाणार्‍या वायोलिनचा रूळ बनवून मीच गायलंय ते.





ज्योती कलश छलके
हुये गुलाबी, लाल सुनहरे
रंग  दल बादलके

घर आंगन वन उपवन उपवन
करती ज्योती अमरितके पूजन
मंगल घट ढलके...ज्योती कलश छलके

पात पात बिरवा हरियाला
धरतीका मुख हुआ उजाला
सच सपने कल के...ज्योती कलश छलके

उषाने ऑंचल फैलाया
फैली सुखकी शीतल छाया
नीचे ऑंचलके...ज्योती कलश छलके

ज्योती यशोदा धरती गय्या
नील गगन गोपाल कन्हैया
शामल छबी छलके...ज्योती कलश छलके

गीत: नरेंद्र शर्मा
संगीत: सुधीर फडके
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: भाभी की चुडियॉं




सोमवार, १३ फेब्रुवारी, २०१२

चौदवींका चॉंद हो....

मोहम्मद रफी ह्यांच्या मखमली आवाजातले हे गीत माझ्या अनेक आवडत्या गीतांपैकी एक....मीही गाण्याचा प्रयत्न केलाय...ऐकून सांगा कितपत जमलंय ते.


चौदवींका चॉंद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजबाब हो

जुल्फे है जैसे कॉंधे पे बादल झुके हुये
ऑंखे हैं जैसे मय के पयाले भरे हुये
मस्ती है जिसमें प्यारकी तुम, वोह शराब हो

चेहरा है जैसे झिलमे खिलता हुआ कंवल
या जिंदगी के साझपे छेडी हुई गझल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो

होठोंपे खेलती हैं तबस्सूम की बिजलियॉं
सजदे तुम्हारी राहमें करती हैं कैकशॉं
दुनिया-इ-हुस्नो-इश्क का तुम ही शबाब हो

गीत: शकील बदायुनी
संगीत: रवि
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: चौदवींका चॉंद

पुछो ना कैसे मैने रैन बिताई...

मन्ना डे ह्यांच्या आवाजातलं एक सदाबहार गीत..माझ्या अनेक आवडत्या गीतांपैकी एक आहे....ऐका माझ्या  आवाजात..रुळासंगे.


पुंछो ना कैसे मैने रैन बिताई
इक पल जैसे इक युग बिता
युग बिते मोहे नींद न आई

इक जले दीपक इक मन मेरा
फिर भी ना जायें मेरे मन का अँधेरा
तडपत तरसत उमर गँवाई

ना कही चँदा ना कहीं तारें
ज्योत के प्यासे मेरे नैन बेचारे
भोर भी आंस की किरण ना लाई

गीत: शैलेंद्र
संगीत: एस.डी.बर्मन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: मेरी सुरत तेरी ऑंखे

आकाशी झेप घे रे पाखरा...

आराम हराम आहे ह्या चित्रपटातील गीतकार जगदीश खेबूडकर ह्यांचे गीत,संगीतकार आणि गायक सुधीर फडके ह्यांनी गायलेले हे गीत माझ्या अनेक आवडत्या गीतांपैकी एक....ऐका माझ्या आवाजात...रूळासंगे.



आकाशी झेप घे रे पाखरा
सोडी सोन्याचा पिंजरा  ||धृ.||

तुज भवती वैभवमाया,
फळ रसाळ मिळते खाया,
सुखलोलुप झाली काया
हा कुठवर वेड्या घेशी आसरा ||१||

घर कसले ही तर कारा,
विषसमान मोतीचारा,
मोहाचे बंधन द्वारा,
तुज आडवितो हा कैसा उंबरा ||२||

तुज पंख दिले देवाने,
कर विहार सामर्थ्याने,
दरी डोंगर हिरवी राने,
जा ओलांडुनी या सरिता सागरा ||३||

कष्टाविण फळ ना मिळते
तुज कळते, परि, ना वळते
हृदयात व्यथा ही जळते
का जीव बिचारा होई बावरा ॥४॥

घामातुन मोती फुलले
श्रमदेव घरी अवतरले
घर प्रसन्नतेने नटले
हा योग जीवनी आला, साजिरा ॥५॥

गीत: जगदीश खेबूडकर
संगीत आणि गायक: सुधीर फडके
चित्रपट: आराम हराम आहे

रविवार, १२ फेब्रुवारी, २०१२

तू प्यार का सागर है....

मन्ना डे ह्यांच्या धीरगंभीर आवाजातलं हे माझं एक आवडतं गीत...माझ्या आवाजात ऐका.


तू प्यार का सागर हैं
तेरी एक बुंद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तूने
चले जायेंगे जहॉंसे हम

घायला मन का पागल पंछी
उडने को बेकरार
पंख हैं कोमल ऑंख हैं धुंधली
जाना हैं सागर पार
अब तू ही इसे समझा
राह भूले थे कहॉं से हम
तू प्यार का सागर हैं

इधर झूम के गाये जिंदगी
उधर हैं मौत खडी
कोई क्या जाने  कहॉं हैं सीमा
उलझन आन पडी
कानोंमें जरा कह दे
की आये कौन दिशासे हम
तू प्यार का सागर हैं

गीत: शैलेंद्र
संगीत: शंकर जयकिशन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: सीमा

शनिवार, ११ फेब्रुवारी, २०१२

जेव्हा तिची नि माझी...

पुन्हा एकदा कवि मंगेश पाडगावकर, संगीतकार यशवंत देव आणि गायक अरूण दाते ह्या त्रयीचे हे एक मुलायम गीत....ऐका माझ्या आवाजात.


जेव्हा तिची नि माझी चोरून भेट झाली
झाली फुले कळ्यांची, झाडे भरास आली

दूरातल्या दिव्यांचे मणिहार मांडलेले
पाण्यात चांदण्यांचे आभाळ सांडलेले
कैफात काजव्यांची अन्‌ पालखी निघाली

केसांतल्या जुईचा तिमिरास गंध होता
श्वासातल्या लयीचा आवेग अंध होता
वेड्या समर्पणाची वेडी मिठी मिळाली

नव्हतेच शब्द तेव्हा, मौनात अर्थ सारे
स्पर्शात चंद्र होता, स्पर्शात लाख तारे
ओथंबला फुलांनी अवकाश भोवताली

गीत: मंगेश पाडगावकर
संगीत: यशवंत देव
गायक: अरूण दाते

शुक्रवार, १० फेब्रुवारी, २०१२

मान वेळावुनी धुंद बोलू नको...

गीतकार मंगेश पाडगांवकर, संगीतकार यशवंत देव आणि गायक अरूण दाते ह्या त्रयीचे हे एक सुंदर गाणे...रूळ मिळाला म्हणून मीही गाऊन घेतले....कृपा करून दातेसाहेबांच्या मुलायम आवाजाशी माझ्या आवाजाची तुलना न करता हे गीत ऐका आणि आपली प्रतिक्रिया द्या.


मान वेळावुनी धूंद बोलू नको
चालताना अशी वीज तोलू नको
ऐक माझे जरा, हट्ट नाही खरा
दृष्ट लागेल गं, दृष्ट लागेल गं

आज वारा बने रेशमाचा झूला
ही खुशीची हवा, साद घाली तुला
मोर सारे तुझे, हे पिसारे तुझे
रुप पाहून हे चंद्र भागेल गं
दृष्ट लागेल गं ...

पाहणे हे तुझे, चांदण्याची सुरी
हाय मी झेलली आज माझ्या उरी
लाट मोठी फुटे, शीड माझे कुठे
ही दिशा कोणती कोण सांगेल गं
दृष्ट लागेल गं ...

गीत: मंगेश पाडगावकर
संगीत: यशवंत देव
गायक : अरूण दाते

सोमवार, ३० जानेवारी, २०१२

सखि मंद झाल्या तारका...

पुन्हा एकदा नव्याने ध्वनीमुद्रण केलंय...ऐका आणि सांगा..काही प्रगती झालेय की अजून सुधारणेला वाव आहे?



सखि मंद झाल्या तारका, आता तरी येशील का ?

मधुरात्र मंथर देखणी, आली तशी गेली सुनी
हा प्रहर अंतिम राहिला, त्या अर्थ तू देशील का ?

हृदयात आहे प्रीत अन्‌ ओठांत आहे गीतही
ते प्रेमगाणे छेडणारा, सूर तू होशील का ?

जे जे हवेसे जीवनी, ते सर्व आहे लाभले
तरिही उरे काही उणे, तू पूर्तता होशील का ?

बोलावल्यावाचूनही मृत्यू जरी आला इथे
थांबेल तोही पळभरी, पण सांग तू येशील का ?

गीत: सुधीर मोघे
संगीत: राम फाटक
गायक: सुधीर फडके

स्वर आले दुरुनी...

सुधीर फडके ह्यांनी गायलेलं हे गीत इतकं अप्रतिम आहे की ते पुन:पुन्हा गावेसे वाटते...ह्या आधीही मी एकदोनदा प्रयत्न केलेला आहेच. त्यावेळी तो बराच तोकडा पडला होता असं मलाच वाटतंय...म्हणून आता पुन्हा एकदा नव्याने गातो आहे...प्रभाकर जोग ह्यांच्या गाणार्‍या वायोलिनच्या रूळावरून मी माझी गाडी धावडवलेय...ह्यावेळी मी खूप काळजी घेऊन गाण्याचा प्रयत्न केलाय...आशा आहे की कानसेनांच्या किमान अपेक्षा तरी मी पूर्ण करू शकेन...आता तुम्ही ऐका आणि ठरवा काय ते!



स्वर आले दुरुनी
जुळल्या सगळ्या त्या आठवणी

निर्जीव उसासे वार्‍याचे
आकाश फिकटल्या तार्‍यांचे
कुजबुजही नव्हती वेलींची
हितगुजही नव्हते पर्णांचे
ऐशा थकलेल्या उद्यानी


विरहार्त मनाचे स्मित सरले
गालावर आसू ओघळले
होता हृदयाची दो शकले
जखमेतून क्रंदन पाझरले
घाली फुंकर हलकेच कुणी


पडसाद कसा आला न कळे
अवसेत कधी  का तम उजळे
संजीवन मिळता आशेचे
निमिषात पुन्हा जग सावरले
किमया असली का केली कुणी ?

गीत: यशवंत देव
संगीत: प्रभाकर जोग
गायक: सुधीर फडके