वो शाम कुछ अज़ीब थी
ये शाम भी अज़ीब हैं
वो कल भी पास-पास थी
वो आज भी करीब हैं - २
वो शाम .........
झूकी हुई निगाह में
कही मेरा खयाल था
दबी दबी हंसी में इक
हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो - २
न जाने क्यों लगा मुझे
के मुस्कुरा रहीं है वो
वो शाम ......
मेरा खयाल है अभी
झूकी हूई निगाह में
मिली हुई हंसी भी है
दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हुं,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो - २
यही खयाल हैं मुझे
के साथ आ रही हैं वो
वो शाम ........
गीतकार: गुलझार
संगीतकार: हेमंत कुमार
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: खामोशी
तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....
वो बहारें वो चॉंदनी रातें
हमने की थी जो प्यार की बातें...२
उन नजारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....
मेरे हाथों मे तेरा चेहेरा था
जैसे कोई गुलाब होता है...२
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तर्हा भुलाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं...
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: पगला कहीं का
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
तेरे होंट क्या है, गुलाबी कंवल है
ये दो पत्तिया, प्यार की इक गज़ल है
वो नाजुक लबो से मुहब्बत की बाते
हमी को सुनाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
कभी घुल के मिलना, कभी खुद झिझकना
कभी रासतो पर बेहेकना मचलना
ये पलको की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
फिज़ाओ मे थंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओ की बडी मेहरबानी
हर इक पेच मे सैकडो मैकदे है
तेरा लडखडाना गज़ब हो गया
ऐ फुलों की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरझू
धीरे धीरे चल चांद गगनमें,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
धीरे धीरे चल चांद गगनमें, अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
गुन गुन गुंजे राग आज पवन में
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
होंगी दो दो बात आज मिलन में
धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
रिमझिम बरसे प्यार आज चमनमें
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
धीरे धीरे चल....
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: लव मॅरेज
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
कुदरत ने जो हमको बक्षा है
वो सबसे हॅंसी इनाम है ये
शरमा के ना यूं ही खो देना
रंगीन जवानी की गलियां
बेताब धडकते सीनो का
अरमान भरा पैगाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
अच्छों को बुरा साबित करना
दुनिया की पुरानी आदत है
इस मय को मुबारक चीज समझ
माना के बहोत बदनाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: काजल
माझे मित्र राजाभाऊ उर्फ शैलेंद्र साठे ह्यांनी गायलेलं हे जंजीर चित्रपटातलं गाजलेलं गीत ऐका.
ग़र ख़ुदा मुझसे कहे, कुछ माँग ऐ बंदे मेरे
मैं ये माँगूँ, महफ़िलों के दौर यूँ चलते रहें
हमप्याला हो, हमनवाला हो, हमसफ़र हमराज़ हों
ता-क़यामत, जो चिराग़ों की तरह जलते रहें
यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी
प्यार हो बंदों से ये सबसे बड़ी है बंदगी
साज़-ए-दिल छेड़ो जहां में, प्यार की गूँजे सदा
जिन दिलों में प्यार है उनसे बहारें हों फ़िदा
प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके सादगी
यारी है ईमान मेरा...
जान भी जाए अगर, यारी में यारों ग़म नहीं
अपने होते यार हो ग़मगीन, मतलब हम नहीं
हम जहाँ हैं उस जगह, झूमेगी नाचेगी ख़ुशी
यारी है ईमान मेरा...
गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेज़ार नज़र आता है
चश्म-ए-बद का शिकार यार नज़र आता है
छुपा न हमसे, ज़रा हाल-ए-दिल सुना दे तू
तेरी हँसी की क़ीमत क्या है, ये बता दे तू
कहे तो आसमाँ से चाँद-तारे ले आऊँ
हंसी जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ
ओए! ओए! क़ुर्बान
तेरा ममनून हूँ, तूने निभाया याराना
तेरी हँसी है आज सबसे बड़ा नज़राना
यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई, आ गई
यारी है ईमान मेरा...
लो शेर! कुरबां! कुरबां!
कवी:गुलशन बावरा
संगीतकार:कल्याणजी-आनंदजी
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: जंजीर
नाही खर्चली कवडी दमडी, नाही वेचला दाम
विकत घेतला श्याम, बाई मी विकत घेतला श्याम
कुणी म्हणे ही असेल चोरी, कुणा वाटते असे उधारी
जन्मभरीच्या श्वासाइतुके, मोजियले हरी नाम
बाळ गुराखी यमुनेवरचा, गुलाम काळा संतांघरचा
हाच तुक्याचा विठठल आणि दासाचा श्रीराम
जितुके मालक, तितुकी नावे, हृदये तितुकी याची गावे
कुणी न ओळखी तरिही याला, दिन अनाथ अनाम
गीतकार:ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके,आशा भोसले
माझ्या जन्माच्या वेळी म्हणजे १९५२ साली प्रकाशित झालेलं हे गाणं
आजही तेवढेच ताजंतवानं वाटतंय. :)
ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू तेरी जूस्तजू में बहार है
तुझे क्या खबर है ओ बे खबर
तेरी इक नजर में है क्या असर
जो गज़ब मे आये तो केहर है
जो हो मेहरबां तो करार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात,ये चांदनी...
तेरी बात बात है दिल नशी
कोई तुझ से बढ के नही हसीं
है कली कली पे जो मस्तियां
तेरी आंखका ये खुमार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं
हे माझं ह्या जालनिशीवरचं ५० वं गाणं आहे....
हा प्रयत्न कितपत यशस्वी झालाय सांगा...मी स्वत: अजून पूर्ण समाधानी नाहीये..
पण सद्द्या तरी ह्यापेक्षा जास्त चांगलं मला गाता येत नाहीये.
ज़िंदगी भर नही भुलेगी वो बरसात की रात
एक अन्जान हसीना से मुलाकात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
हाय वो रेशमी ज़ुल्फो से बरसता पानी
फुल से गालो पे रुकने को तरसता पानी
दिल मे तुफान उठाते हुवे जज़बात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
डरके बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखाके सिमटना उसका
कभी देखी ना सुनी ऐसी तिलिस्मातकी रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
सुर्ख आचल को दबाकर जो निचोडा उसने
दिल पे जलता हुवा एक तीर सा छोडा उसने
आग पानी मे लगाते हुवे
आग पानी मे लगाते हुवे हालात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
मेरे नग़मो मे जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसी ख्वाब की तावीर थी वो
आसमानो से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी
चित्रपट: बरसात की रात
खरं तर ह्या गाण्याला माझा आवाज अजिबात पोषक नाहीये हे कळतंय..
पण मला हे गाणं आवडत असल्यामुळे मुद्दाम गायचा प्रयत्न केलाय मी.
प्रभाती सूर नभी रंगती, दशदिशा भूपाळी म्हणती
पानोपानी अमृत शिंपित, उषा हासरी हसते धुंदित
जागी होऊन फुले सुगंधित, तालावर डोलती
कृषीवलाची हाक ऐकूनी, मोट धावते शेतामधूनी
पक्षी अपुल्या मधूर स्वरांनी, स्वरांत स्वर मिळविती
प्रसन्न वदनी सुहासिनी कुणी, सडे शिंपिती मृदुल करांनी
श्रीविष्णुचे नाम स्मरुनी, तार कुणी छेडिती
गीतकार : रमेश आणावकर
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका: आशा भोसले
चंदनसा बदन चंचल चितवन
धीरेसे तेरा ये मुसकाना
मुझे दोष ना देना जगवालों
हो जाऊ अगर मैं दिवाना
ये काम कमान भवें तेरी
पलकोंके किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होठो पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड जाये
आबाद हो दिलका विराना
चंदनसा बदन चंचल चितवन
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरताकी मूरत है
किसी औरको शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरूरत है
पहले भी बहोत मैं तरसा हूँ
तू और न दिलको तरसाना
गीतकार: इंदीवर
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट सरस्वतीचंद्र
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जूड गयी
मै मूडा तो साथ साथ राह मूड गयी
हवाके परोपर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
दिनने हाथ थामकर इधर बिठा लिया
रातने इशारेसे उधर बुला लिया
सुबहसे शामसे मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोलीभाली है दो नैना सीधेसादे हैं
दो नैना सीधेसादे हैं
ऐसाही रूप खयालोंमें था ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
मेरी खुशियांही ना बॉंटे मेरे गमभी सेहना चाहे
मेरी खुशियांही ना बॉंटे मेरे गमभी सेहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलोंके मेरे दिलमें रेहना चाहे
मेरे दिलमें रेहना चाहे
इस दुनियामें कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट हिमालयकी गोदमें
एका तळ्यात होती, बदके पिले सुरेख
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
कोणी न त्यास घेई, खेळावयास संगे
सर्वाहूनी निराळे ते वेगळे तरंगे
दावूनि बोट त्याला, म्हणती हसून लोक
आहे कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
पिल्लास दुःख भारी, भोळे रडे स्वतःशी
भावंड ना विचारी, सांगेल ते कुणाशी ?
जे ते तयास टोची, दावी उगाच धाक
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
एके दिनी परंतू, पिल्लास त्या कळाले
भय वेड पार त्याचे, वार्यासवे पळाले
पाण्यात पाहताना, चोरुनिया क्षणैक
त्याचेच त्या कळाले, तो राजहंस एक
गीतकार:ग.दि. माडगुळकर
संगीतकार: श्रीनिवास खळे
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: सुखाचे सोबती
ज़िंदगी देनेवाले सून
तेरी दुनियासे दिल भर गया
मैं यहॉं जीते जी मर गया
रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
ऑंख विरान है, दिल परेशान है
ग़मका सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...
बेखता तूने मुझसे खुशी छीन ली
ज़िंदा रखा मगर ज़िंदगी छीन ली
कर दिया दिलका ख़ून चूप कहॉं तक रहूँ
साफ क्यूँ ना कहूँ
तू खुशीसे मेरी डर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गम की दुनियासे दिल भर गया
ढुंढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
चल जहां गमके मारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
इन बहारोसे क्या फायदा
जिसमें दिलकी कली जल गई
जख्म फिरसे हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कही और चल
चार आंसू कोई रो दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
लुट रहा था किसीका जहां
देखती रह गई ये जमीं
चूप रहा बेरहम आसमां
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: तलत महमूद
चित्रपट: दाग
तुझे दिलके आईनेमे मैने बार बार देखा
तेरी अखरियोंमे देखा तो छलकता प्यार देखा
तेरा तीर मैने देखा तो जिगरके पार देखा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
तेरा रंग है सलोना तेरे अंगमें लचक है
तेरी बातमें है जादू तेरे बोलमें खनक है
तेरी हर अदा मुहब्बत तू जमीं की खनक है
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
मेरा दिल लुभा रहा है तेरा रूप सादा सादा
ये झुकीझुकी निगाहें करे प्यार और ज्यादा
मैं तुझीपे जान दूंगा, है यही मेरा इरादा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: प्यार ही प्यार
ओ हो आ हा
ओ जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो...
नजरोसे जितने तीर चले, चलने दो जिगर पर झेलेंगे
इन प्यारकी उजली राहोंपर हम जानकी बाजी खेलेंगे
इन दो नैनोंके सागरमें,कोई दिलकी नैया डुबोता है
जिया ओ,जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो...
तुमभी तो इस आगमें जलते हो, चेहरेसे बयॉं हो जाता हैं
हर बातपे आहे भरते हो, हर बातपे दिल थर्राता है
जब दिलपे छुरिया चलती हैं, तब चैनसे कोई सोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: जब प्यार किसीसे होता है
अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं - (२)
अभी अभी तो आई हो - अभी अभी तो
अभी अभी तो आई हो, बहार बनके छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
(ये शाम ढल तो ले ज़रा - २), ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ
नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहाँ नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं
सितारे झिलमिला उठे, सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
बस अब न मुझको टोकना
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़के राह रोकना
अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी
यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा
जो खत्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं
अभी नहीं अभी नहीं
नहीं नहीं नहीं नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं
अधूरी आस, अधूरी आस छोड़के, अधूरी प्यास छोड़के
जो रोज़ यूँही जाओगी तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मक़ाम आएंगे जो हम को आज़माएंगे
बुरा ना मानो बात का ये प्यार है गिला नहीं
हाँ, यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी भरा नहीं
हाँ, दिल अभी भरा नहीं
नहीं नहीं नहीं नहीं
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: जयदेव
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,आशा भोसले
चित्रपट: हम दोनो
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
हमीं जब ना होंगे तो ऐ दिलरुबा
किसे देखकर हाये शरमाओगी
ना देखोगी फिर तुम कभी आईना
हमारे बिना रोज घबराओगी
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
है बनने संवरनेका जबही मजा
कोई देखनेवाला आशिक तो हो
नही तो ये जलवे है बुझते दिये
कोई मिटनेवाला एक आशिक तो हो
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
मोहब्बतकी ये इन्तहा हो गयी
की मस्तीमें तुमको खुदा कह गया
जमाना ये इन्साफ करता रहा
बुरा कह गया या भला कह गया
बदनपे सितारे लपेटे हुये
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
जरा पास आओ तो चैन आ जाये
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट : प्रिन्स
दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा
अमानतें मैं प्यार की, गया था जिसको सौंपकर
वो मेरे दोस्त तुम ही तो थे, तुम ही तो थे
जो जिंदगी की राहमें, बने थे मेरे हमसफर
वो मेरे दोस्त तुम ही तो थे, तुम ही तो थे
सारे भेद खूल गये, राजदार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा
गले लगी सेहम सेहम, भरे गले से बोलती
वो तुम न थी तो कौन था तुम ही तो थी
सफरके वक्तमें पलक, पे मोतियों को तोलती
वो तुम न थी तो कौन था, तुम ही तो थी
नशेकी रात ढल गयी, अब खुमार ना रहा
जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा
ऐतबार ना रहा
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट: संगम
कौन आया मेरे मनके द्वारे
पायल की झनकार लिये
कौन आया
ऑंख ना जाने दिल पहचाने
सुरतीयॉं कुछ ऐसी
याद करूं तो याद ना आये
मुरतीयॉं ये ऐसी
पागल मनवा सोचमें डूबा
सपनोंका संसार लिये
कौन आया
इक पल सोचूं मेरी आशा
रूप बदलकर आई
दूजे पल फिर ध्यान ये आये
हो ना कही परछाई
जो परदेसी के घर आई
एक अनोखा प्यार लिये
कौन आया
गीतकार:राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार:मदन मोहन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: देख कबीरा रोया
एहसान तेरा होगा मुझपर
दिल चाहता है वो कहने दो
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंव में रेहने दो
तुम ने मुझको हसना सिखाया
रोने कहोगे रो लेंगे अब
ऑंसू का हमारे गम ना करो
वो बेहते है तो बेहने दो
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंवमें रेहने दो
चाहे बना दो चाहे मिटा दो
मर भी गये तो देंगे दुवायें
उड उड के कहेगी खाक सनम
ये दर्द-ए-मोहब्बत सेहने दो
मुझे तुम से मुहब्बत हो गयी है
मुझे पलको की छॉंव में रेहने दो
गीतकार:हसरत जयपुरी
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर
चित्रपट: जंगली
मनाच्या धुंदीत लहरीत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
जराशी सोडून जनरीत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
चांदणं रुपाचं आलय भरा
मुखडा तुझा हा अती साजरा
माझ्या शिवारी ये तू जरा
चारा घालीन तुज पाखरा
माझे डोळे शिणले गं तुझी वाट पाहुनी, ग ये
गुलाबी गालात हासत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
जराशी लाजत मुरकत ये ना
सखे गं साजणी ये ना
आता कुठवर धीर मी धरू
काळीज करते बघ हुरुहुरू
सजणी नको ग मागं फिरू
माझ्या सुरात सुर ये भरू
माझे डोळे शिणले गं तुझी वाट पाहुनी, ग ये
बसंती वार्यात तोर्यात ये ना
सखे गं साजणी ये ना
सुखाची उधळीत बरसात ये ना
सखे गं साजणी ये ना
सारंगा तेरी यादमें
सारंगा तेरी यादमें नैन हुये बेचैन
मधुर तुम्हारे मिलन बिना दिन कटते नही रैन,
सारंगा तेरी यादमें....
वो अम्बुवाका झुलना,वो पिपल की छांव
घुंघट में जब चांद था, मेहंदी लगी थी पांव
आज उजडके रह गया, वो सपनोंका गांव
सारंगा तेरी यादमें....
संग तुम्हारे दो घडी, बित गये जो पल
जल भरके मेरे नैन में, आज हुये ओझल
सुख लेके दुख दे गई, दो अखियां चंचल
सारंगा तेरी यादमें....
गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: सरदार मलिक
गायक: मुकेश
चित्रपट: सारंगा
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
मेरे खयालों के आंगन में
कोई सपनों के दीप जलाये
कभी यूं ही जब हुई बोझल सांसे
भर आई बैठे बैठे जब यूं ही आंखे
कभी मचलके, प्यार से चल के
छुये कोई मुझे पर नझर ना आये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते
कहीं पे निकल आये जनमों के नाते
थमी थी उलझन बैरी अपना मन
अपना ही होके सहे दर्द पराये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
मेरे खयालों के आंगन में
कोई सपनों के दीप जलाये
कहीं दूर जब दिन ढल जाये
सांझ की दूलहन बदन चुराये
छुपकेसे आये
गीतकार: योगेश
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: मुकेश
चित्रपट: आनंद
जे वेड मजला लागले, तुजलाहि ते लागेल का ?
माझ्या मनीची ही व्यथा कोणी तुला सांगेल का ?
मी पाहतो स्वप्नी तुला, मी पाहतो जागेपणी
जे मी मुकेपणि बोलतो, शब्दात ते रंगेल का ?
हा खेळ घटकेचा तुझा, घायाळ मी पण जाहलो
जे जागले माझ्या मनी, चित्ती तुझ्या जागेल का ?
माझे मनोगत मी तुला, केले निवेदन आज, गे
सर्वस्व मी तुज वाहिले, तुजला कधी उमगेल का ?
गीतकार: डॉ. वसंत अवसरे(शांता शेळके)
संगीत: वसंत पवार
गायक-गायिका: सुधीर फडके आणि आशा भोसले
चित्रपट: अवघाचि संसार
मेरे नैना सावन भादो,
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
ऐ दिल दीवाने, खेल है क्या जाने
दर्द भरा ये, गीत कहांसे
इन होटोंपे आयेऽऽऽ, दूर कहीं ले जाये
भूल गया क्या, भूलके भी है
मुझको याद जरासा, फिर भी मेरा मन प्यासा
बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूं तुम्हें, याद नही है
अब सोचूं नहीं भूलेऽऽऽ, वो सावन के झूले
रूत आये रूत जाये देके
झुठा एक दिलासा, फिर भी मेरा मन प्यासा
बरसों बीत गये, हमको मिले बिछ्डे
बिजुरी बनके, गगनपे चमकी
बीते समयकी रेखाऽऽऽ, मैंने तुमको देखा
मन संग आंख-मिचौली खेले
आशा और निराशा, फिर भी मेरा मन प्यासा
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: राहुलदेव बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: मेहबूबा
आराम हराम आहे ह्या चित्रपटातील गीतकार जगदीश खेबूडकर ह्यांचे गीत,संगीतकार आणि गायक सुधीर फडके ह्यांनी गायलेले हे गीत माझ्या अनेक आवडत्या गीतांपैकी एक....ऐका माझ्या आवाजात...रूळासंगे.
आकाशी झेप घे रे पाखरा
सोडी सोन्याचा पिंजरा ||धृ.||
तुज भवती वैभवमाया,
फळ रसाळ मिळते खाया,
सुखलोलुप झाली काया
हा कुठवर वेड्या घेशी आसरा ||१||
घर कसले ही तर कारा,
विषसमान मोतीचारा,
मोहाचे बंधन द्वारा,
तुज आडवितो हा कैसा उंबरा ||२||
तुज पंख दिले देवाने,
कर विहार सामर्थ्याने,
दरी डोंगर हिरवी राने,
जा ओलांडुनी या सरिता सागरा ||३||
कष्टाविण फळ ना मिळते
तुज कळते, परि, ना वळते
हृदयात व्यथा ही जळते
का जीव बिचारा होई बावरा ॥४॥
घामातुन मोती फुलले
श्रमदेव घरी अवतरले
घर प्रसन्नतेने नटले
हा योग जीवनी आला, साजिरा ॥५॥
गीत: जगदीश खेबूडकर
संगीत आणि गायक: सुधीर फडके
चित्रपट: आराम हराम आहे
गीतकार मंगेश पाडगांवकर, संगीतकार यशवंत देव आणि गायक अरूण दाते ह्या त्रयीचे हे एक सुंदर गाणे...रूळ मिळाला म्हणून मीही गाऊन घेतले....कृपा करून दातेसाहेबांच्या मुलायम आवाजाशी माझ्या आवाजाची तुलना न करता हे गीत ऐका आणि आपली प्रतिक्रिया द्या.
मान वेळावुनी धूंद बोलू नको चालताना अशी वीज तोलू नको ऐक माझे जरा, हट्ट नाही खरा दृष्ट लागेल गं, दृष्ट लागेल गं
आज वारा बने रेशमाचा झूला ही खुशीची हवा, साद घाली तुला मोर सारे तुझे, हे पिसारे तुझे रुप पाहून हे चंद्र भागेल गं दृष्ट लागेल गं ...
पाहणे हे तुझे, चांदण्याची सुरी हाय मी झेलली आज माझ्या उरी लाट मोठी फुटे, शीड माझे कुठे ही दिशा कोणती कोण सांगेल गं दृष्ट लागेल गं ...
गीत: मंगेश पाडगावकर संगीत: यशवंत देव गायक : अरूण दाते
सुधीर फडके ह्यांनी गायलेलं हे गीत इतकं अप्रतिम आहे की ते पुन:पुन्हा गावेसे वाटते...ह्या आधीही मी एकदोनदा प्रयत्न केलेला आहेच. त्यावेळी तो बराच तोकडा पडला होता असं मलाच वाटतंय...म्हणून आता पुन्हा एकदा नव्याने गातो आहे...प्रभाकर जोग ह्यांच्या गाणार्या वायोलिनच्या रूळावरून मी माझी गाडी धावडवलेय...ह्यावेळी मी खूप काळजी घेऊन गाण्याचा प्रयत्न केलाय...आशा आहे की कानसेनांच्या किमान अपेक्षा तरी मी पूर्ण करू शकेन...आता तुम्ही ऐका आणि ठरवा काय ते!