सोमवार, ४ जून, २०१२

ऐ मेरे दिल कहीं और चल...


ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गम की दुनियासे दिल भर गया
ढुंढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

चल जहां गमके मारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
इन बहारोसे क्या फायदा
जिसमें दिलकी कली जल गई
जख्म फिरसे हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कही और चल

चार आंसू कोई रो दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
लुट रहा था किसीका जहां
देखती रह गई ये जमीं
चूप रहा बेरहम आसमां
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: तलत महमूद
चित्रपट: दाग

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