शुक्रवार, ९ नोव्हेंबर, २०१२

कोई होता जिस को अपना..





कोई होता जिस को अपना
हम अपना कह लेते यारो
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकीन कोई मेरा अपना

आंखो में नींद ना होती
आंसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता

भूला हुवा कोई वादा
बिती हुई कुछ यादे
तनहाई दोहराती हैं रातभर
कोई दिलासा होता
कोई तो अपना होता

गीतकार: गुलजार
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: मेरे अपने

६ टिप्पण्या:

Wahida Kazi म्हणाले...

sundar :-)

प्रमोद देव म्हणाले...

धन्यवाद वाहिदा!

Prashant Kawale म्हणाले...

मस्त गायलेत.... जोरदार पुनरागमन

प्रमोद देव म्हणाले...

धन्यवाद प्रशांतशेठ!

अमोल मेंढे म्हणाले...

mast kaka...kharach awadlay

प्रमोद देव म्हणाले...

धन्यवाद अमोल.