शनिवार, ७ सप्टेंबर, २०१३

बाबूजी धीरे चलना...




बाबूजी धीरे चलना
प्यार में, ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना

क्यूँ हो खोये हुये सर झुकाये
जैसे जाते हो सब कुछ लुटाये
ये तो बाबूजी पहला कदम है
नज़र आते हैं अपने पराये
हाँ बड़े धोखे हैं...

ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले
कर न दिल को ग़मों के हवाले
काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है
आ के होंठों पे टूटेंगे प्याले
हाँ बड़े धोखे हैं...

हो गयी है किसी से जो अनबन
थाम ले दूसरा कोई दामन
ज़िंदगानी की राहें अजब हैं
हो अकेला तो लाखों हैं दुश्मन
हाँ बड़े धोखे हैं...

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: ओ.पी.नय्यर
गायिका: गीता दत्त
चित्रपट: आर पार

शुक्रवार, ६ सप्टेंबर, २०१३

आयेगा आने वाला...





आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आने वाला
आयेगा, आयेगा, आयेगा

दीपक बगैर कैसे परवाने जल रहे हैं (२)
कोई नही चलाता और तीर चल रहे हैं (२)
तडपेगा कोई कब तक बेआस बेसहारे (२)
लेकिन ये कह रहे हैं दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आने वाला
आयेगा, आयेगा, आयेगा

भटकी हुई जवानी मंजिल को ढुंढती हैं (२)
माझी बगैर नैय्या साहिल को ढुंढती हैं (२)
क्या जाने दिल की कश्ती कब तक लगे किनारे (२)
लेकिन ये कह रहे हैं दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आने वाला
आयेगा, आयेगा, आयेगा, आयेगा

गीतकार: नक्षब जारव्छी
संगीतकार: खेमचंद प्रकाश
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: महल

आइये मेहरबाँ...




आइये मेहरबाँ, बैठिये जाने-जाँ
शौक़ से लीजिये जी, इश्क की इम्तहाँ

कैसे हो तुम नौजवाँ, इतने हसीं महमाँ
कैसे करूँ मैं बयाँ, दिल की नहीं है ज़ुबाँ
आइये मेहरबाँ...

देखा मचल के जिधर, बिजली गिरा दी उधर
किसका जला आशियाँ, बिजली को ये क्या खबर
आइये मेहरबाँ...

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: ओ.पी नय्यर
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: हावडा ब्रिज

गुरुवार, ५ सप्टेंबर, २०१३

आजा रे, परदेसी...


मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अखियाँ थक गयी पंथ निहार
आजा रे, परदेसी

मैं दिये की ऐसी बाती
जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी

तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यों साजन मेरे
तडपत हूँ मैं साँझ सवेरे

मैं नदियाँ फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
बिन तेरे हर साँस उदासी

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: सलील चौधरी
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट : मधुमती

जाईये आप कहॉं जायेंगे...

’मोद’गाणी वरील हे माझं १७५वं गाणं आहे....मी लौकिकार्थाने गाणं शिकलेलो नाहीये...पण आपल्यासारख्या कानसेन श्रोत्यांकडून ज्या अमूल्य सूचना मिळत असतात त्यातूनच मी शिकत जातोय..त्यासाठीच माझ्या ह्या सर्व श्रोतेरूपी शिक्षकांना हे गाणं आजच्या शिक्षकदिनी अर्पण करतोय.
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जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी
दूर तक आप के पीछे पीछे
मेरी आवाज चली जायेगी

आपको प्यार मेरा याद जहॉं आयेगा
कोई कांटा वोही दामन से लिपट जायेगा (२)
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

जब उठोगे मेरी बेताब निगाहों की तरह
रोक लेंगी कोई डाली मेरी बाहों की तरह (२)
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

देखिये चैन मिलेगा ना कहीं दिल के सिवा
आपका कोई नही, कोई नही दिल के सिवा
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: ओ. पी. नय्यर
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: मेरे सनम

दिल लूटनेवाले जादूगर...





दिल लूटनेवाले जादूगर
अब मैंने तुझे पेहचाना है
नजरें तो ऊठा के देख जरा
तेरे सामने ये दिवाना है

ये चांद सितारें देख ना ले
मेरे प्यार के नाजूक बन्धन को
आंखों में छुपा कर रख लुंगा
इस फूल से कोमल तन मन को
धीरे से, धीरे से कहो ये बात पिया
जग अपना नही बेगाना है
नजरें तो ऊठा के देख जरा
तेरे सामने ये दिवाना है

अरमान था तुझको देखू मैं
सावन की नशीली रातों में
खो जाये पिया हम  तुम दोनो
इन प्यार की मीठी बातों में
तू सामने, तू सामने है तो सबकुछ है
वरना ये तो  मन  विराना है
दिल लूटनेवाले जादूगर
अब मैंने तुझे पेहचाना है

मैं प्यार की माला गुंढुंगी
आशाओं की कलियां चून चून के
रुठे ना कहीं मुझसे दूनिया
ये बात तुम्हारी सून सून के
अरमान भरे, अरमान भरे दिलवालों ने
दूनिया का कहा कब माना है
नजरें तो ऊठा के देख जरा
तेरे सामने ये दिवाना है
दिल लूटनेवाले जादूगर
अब मैंने तुझे पेहचाना है

गीतकार: फारूक कैसर
संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी
गायक-गायिका: मुकेश, लता मंगेशकर
चित्रपट मदारी


बुधवार, ४ सप्टेंबर, २०१३

पंछी बनू उडती फिरूं...




पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी

ओ मेरे जीवन में चमका सवेरा
ओ मिटा दिल से वो गम का अंधेरा
ओ हरे खेतों में गाये कोई लेहरा
ओ यहॉं दिल पर किसी का ना पेहरा
रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में
रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में

ओ दिल ये चाहे बहारों से खेलूं
ओ गोरी नदिया की धारों से खेलूं
ओ चांद सूरज सितारों से खेलूं
ओ अपनी बाहों में आकाश ले लूं
बढती चलूं गाती चलूं अपनी लगन में
बढती चलूं गाती चलूं अपनी लगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी
हिल्लोरी हिल्लोरी हिलो हिलो हिल्लोरी

ओ मैं तो ओढुंगी बादल का आंचल
ओ मैं तो पेहनुंगी बिजली की पायल
ओ छीन लुंगी घटाओं से काजल
ओ मेरा जीवन है नदियां की हलचल
दिल से मेरे लेहरें उठीं ठंडी पवन में
दिल से मेरे लेहरें उठीं ठंडी पवन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनू उडती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: चोरी चोरी

मौसम है आशिकाना...




मौसम है आशिकाना
ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूंढ लाना

कहना के रुत जवॉं है, और हम तरस रहे हैं
काली घटा के साए, बिरहन को डस रहे हैं
डर है न मार डाले, सावन का क्या ठिकाना

सूरज कहीं भी जाए, तुम पर न धूप आए
तुम को पुकारते हैं, इन गेसुओं के साए
आ जाओ मैं बना दूँ, पलकों का शामियाना

फिरते हैं हम अकेले, बाहों में कोई लेले
आख़िर कोई कहाँ तक तनहाइयों से खेले
दिन हो गए हैं जालिम, राते हैं कातिलाना

ये रात ये खामोशी, ये ख्वाब से नज़ारे
जुगनू हैं या जमीन पर, उतरे हुए हैं तारे
बेख्वाब मेरी आंखें, मदहोश है ज़माना

गीतकार: कमाल अमरोही
संगीतकार: गुलाम मोहम्मद
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: पाकिजा

मंगळवार, ३ सप्टेंबर, २०१३

मन डोले मेरा, तन डोले ...



 स्त्रीच्या आवाजात गाण्याचा हा एक वेगळा प्रयोग आहे...खालील विजेटवर ऐका.






मन डोले मेरा, तन डोले
मेरे दिल का गया करार रे
ये कौन बजाये बासुरीयां

मधुर मधुर सपनों में देखी मैने राह नवेली
तोड़ चली मैं लाज का पहरा, जाने कहॉं अकेली
चली मैं, जाने कहॉं अकेली
रस घोले, धून यूँ बोले, जैसे ठंडी पडे फुहार रे
ये कौन बजाये बासुरीयां

कदम कदम पर रंग सुनहरा, ये किस ने बिखराया
नागन का मन बस करने, ये कौन सपेरा आया
न जाने कौन सपेरा आया
पग डोले, दिल यूँ बोले, तेरा हो के रहा शिकार रे
ये कौन बजाये बासुरीयां

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: हेमंतकुमार
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: नागिन

सोमवार, २ सप्टेंबर, २०१३

ये चाँद सा रोशन चेहरा...




ये चाँद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे, कोई राज हैं इन में गहरा
तारीफ़ करू क्या उस की, जिस ने तुम्हें बनाया

इक चीज़ कयामत भी है, लोगों से सुना करते थे
तुम्हे देख के मैने माना, वो ठीक कहा करते थे
है चाल में तेरी जालिम कुछ ऐसी बला का जादू
सौ बार संभाला दिल को, पर होके रहा बेकाबू
तारीफ़ करू क्या उस की, जिस ने तुम्हें बनाया

हर सुबह किरन की लाली, हैं रंग तेरे गालों का
हर शाम की चादर काली, साया हैं तेरे बालों का
तू बलखाती इक नदियाँ, हर मौज तेरी अंगड़ाई
जो इन मौजो में डूबा, उस ने ही दुनियाँ पाई
तारीफ़ करू क्या उस की, जिस ने तुम्हें बनाया

मैं खोज में हूँ मंज़िल की, और मंज़िल पास है मेरे
मुखड़े से हटा दो आँचल, हो जायें दूर अंधेरे
माना की ये जलवे तेरे, कर देंगे मुझे दीवाना
जी भर के ज़रा मैं देखूं, अंदाज़ तेरा मस्ताना
तारीफ़ करू क्या उस की, जिस ने तुम्हें बनाया

गीतकार: एस.एच.बिहारी
संगीतकार: ओ.पी.नय्यर
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: काश्मिर की कली

रविवार, १ सप्टेंबर, २०१३

प्यार हुआ इक़रार हुआ है...




प्यार हुआ इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इक़रार हुआ...

कहो की अपनी प्रीत का मीत ना बदलेगा कभी
तुम भी कहो इस राह का मीत न बदलेगा कभी
प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा
चाँद न चमकेगा कभी
प्यार हुआ इकरार हुआ...

रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ
प्रीत हमारे प्यार के दोहराएंगी जवानियाँ
मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे
फिर भी रहेंगी निशानियाँ
प्यार हुआ इक़रार हुआ...

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायक-गायिका: मन्नाडे,लता मंगेशकर
चित्रपट: श्री ४२०

यूँ तो हमने...





यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं
तुमसा नहीं देखा

उफ़ ये नज़र, उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
ज़ुल्फ़ें हैं या बदलियां
आँखें हैं या बिजलियां
जाने किस किसकी आएगी सज़ा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

तुम भी हंसीं, रुत भी हंसीं
आज ये दिल बस में नहीं
रास्ते ख़ामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पीये बिन आज हमें चढ़ा हैं नशा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

तुम न अगर, बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतनी क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसी का कहा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: ओ.पी. नय्यर
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: तुमसा नहीं देखा