गुरुवार, १५ नोव्हेंबर, २०१२

ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना...




ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल ना जाना

बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
ढुंढेंगे तुझे गली-गली सब ये गम के मारे
पुछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना
जानेवाले हो सके तो लौट के आना

है तेरा वहॉं कौन सभी लोग हैं पराये
परदेस की गर्दिश में  कहीं तू भी खो ना जाये
कॉंटों भरी डगर है तू दामन बचाना
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना

दे दे के ये आवाज कोई हर घडी बुलाये
फिर जाये जो उस पार कभी लौटके ना आये
है भेद ये कैसा  कोई कुछ तो बताना
ओ जानेवाले हो सके तो लौटके आना

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक: मुकेश
चित्रपट बंदिनी


बुधवार, १४ नोव्हेंबर, २०१२

वो शाम कुछ अज़ीब थी...





वो शाम कुछ अज़ीब थी
ये शाम भी  अज़ीब हैं
वो कल भी पास-पास थी
वो आज भी करीब हैं  -  २
वो शाम .........

झूकी हुई निगाह में
कही मेरा खयाल था
दबी दबी हंसी में इक
हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो   - २
न जाने क्यों लगा मुझे
के मुस्कुरा रहीं है वो
वो शाम ......

मेरा खयाल है अभी
झूकी हूई निगाह में
मिली हुई हंसी भी है
दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हुं,
मेरा नाम गुनगुना रही हैं वो  -  २
यही खयाल हैं मुझे
के साथ आ रही हैं वो
वो शाम   ........

गीतकार: गुलझार
संगीतकार: हेमंत कुमार
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: खामोशी

मंगळवार, १३ नोव्हेंबर, २०१२

तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे...



तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....

वो बहारें वो चॉंदनी रातें
हमने की थी जो प्यार की बातें...२
उन नजारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....

मेरे हाथों मे तेरा चेहेरा था
जैसे कोई गुलाब होता है...२
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तर्‍हा भुलाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं...

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: पगला कहीं का

ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका...




ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
   
तेरे होंट क्या है, गुलाबी कंवल है
ये दो पत्तिया, प्यार की इक गज़ल है
वो नाजुक लबो से मुहब्बत की बाते
हमी को सुनाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
    
कभी घुल के मिलना, कभी खुद झिझकना
कभी रासतो पर बेहेकना मचलना
ये पलको की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया 

फिज़ाओ मे थंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओ की बडी मेहरबानी
हर इक पेच मे सैकडो मैकदे है
तेरा लडखडाना गज़ब हो गया
ऐ फुलों की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरझू

रविवार, ११ नोव्हेंबर, २०१२

धीरे धीरे चल चांद गगनमें...





धीरे धीरे चल चांद गगनमें,धीरे धीरे चल चांद  गगनमें
धीरे धीरे चल चांद गगनमें, अरे,धीरे धीरे चल चांद  गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये जालिम नजर तुम्हारी
गुन गुन गुंजे राग आज पवन में
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
वो क्या चीज थी, मिलाके नजर पिला दी
हो, हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
होंगी दो दो बात आज मिलन में
धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें

दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
दो दिल मिल गये, दिये जल गये हजारों
हो, अजी तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हजारों
रिमझिम बरसे प्यार आज चमनमें
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
कहीं ढल ना जाये रात टूट ना जाये सपने
अरे,धीरे धीरे चल चांद गगनमें
धीरे धीरे चल....

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: लव मॅरेज

शनिवार, १० नोव्हेंबर, २०१२

दीवाना हुआ बादल...



दीवाना हुआ बादल  सावन की घटा छाई
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगडाई

ऐसी तो मेरी तकदीर ना थी
तुम सा जो कोई महबूब मिले
दिल आज खुशी से पागल है
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले
दिल क्यों ना बने पागल क्या तुमने अदा पाई

जब तुम से नजर टकराई सनम
जजबात का एक तूफ़ान उठा
तिनके की तरह मैं बह निकली
सैलाब मेरे रोके ना रुका
जीवन में मची हलचल और बजने लगी शहनाई

है आज नए अरमानों से
आबाद मेरे दिल की नगरी
बरसों से खिजा का आलम था
वीरान बड़ी दुनियाँ थी मेरी
हाथों में तेरा आँचल आया के बहार आयी

गीतकार: एस. एच बिहारी
संगीतकार: ओ.पी नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी , आशा भोसले
चित्रपट: काश्मीर की कली

शुक्रवार, ९ नोव्हेंबर, २०१२

कोई होता जिस को अपना..





कोई होता जिस को अपना
हम अपना कह लेते यारो
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकीन कोई मेरा अपना

आंखो में नींद ना होती
आंसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता

भूला हुवा कोई वादा
बिती हुई कुछ यादे
तनहाई दोहराती हैं रातभर
कोई दिलासा होता
कोई तो अपना होता

गीतकार: गुलजार
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: मेरे अपने

छू लेने दो नाजूक होटों को...




छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
कुदरत ने जो हमको बक्षा है
वो सबसे हॅंसी इनाम है ये

शरमा के ना यूं ही खो देना
रंगीन जवानी की गलियां
बेताब धडकते सीनो का
अरमान भरा पैगाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को

अच्छों को बुरा साबित करना
दुनिया की पुरानी आदत है
इस मय को मुबारक चीज समझ
माना के बहोत बदनाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को
कुछ और नही है जाम है ये
छू लेने दो नाजूक होटों को

गीतकार:  साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट:  काजल