बुधवार, ३१ जुलै, २०१३

ओ नींद न मुझको आए...


ओ नींद न मुझको आए
दिल मेरा घबराए
चुपके-चुपके, कोई आ के
सोया प्यार जगाए

सोया हुआ सँसार है,सोया हुआ सँसार
मैं जागूँ यहाँ, तू जागे वहाँ
एक दिल में दर्द दबाए
ओ नींद न...

इक बीच में दीवार है,इक बीच में दीवार
मैं तड़पूँ यहाँ, तू तड़पे वहाँ
हाय चैन जिया नहीं पाए
ओ नींद न...

मैं हूँ यहाँ बेक़रार रे, तू है वहाँ बेक़रार
मैं गाऊँ यहाँ, तू गाये वहाँ
हाय दिल को दिल बहलाए
ओ नींद न...

गीतकार: पी.एल.संतोषी
संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी
गायक-गायिका: हेमंत कुमार, लता मंगेशकर
चित्रपट : पोस्ट बॉक्स ९९९

मंगळवार, ३० जुलै, २०१३

छलके तेरी आंखों से...



छलके तेरी आंखों से शराब और ज्यादा
खिलते रहे होटो के गुलाब और ज्यादा

क्या बात है जाने तेरी मेहफिल मे सितमगर
धडके हैं दिल-ए-खाना खराब और ज्यादा

इस दिल मे अभी और भी जख्मो की जगह है
अब रुकी कटारी को दुआब और ज्यादा

तू इश्क के तुफान को बाहो मे जकड ले
अल्लाह करे जोरे शबाब और ज्यादा

छलके तेरी आंखों से शराब और ज्यादा
खिलते रहे होटो के गुलाब और ज्यादा

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरजू

बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये...




बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये

देखिये वो काली काली बदलियॉं
जुल्फ की घटा चुरा ना  ले कहीं
चोरी-चोरी आ के शोख बिजलियॉं
आप की अदा चुरा ना ले कहीं
यूं कदम अकेले ना आगे बढाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये

देखिये गुलाब की वो डालियॉं
बढ के चूम ले ना आप के कदम
खोये खोये भंवरे भी हैं बाग में
कोई आप को बना ना ले सनम
बहकी-बहकी नजरों से खुद को बचाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये

जिंदगी के रास्ते अजीब हैं
इनमें इस तरह चला ना किजिये
खैर है इसी में आपकी हुजूर
अपना कोई साथी ढुंढ लिजिये
सुन के दिलकी बात यूं ना मुस्कुराईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये

गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार आणि गायक: हेमंत कुमार
चित्रपट: बीस साल बाद

शुक्रवार, २६ जुलै, २०१३

मोगरा फुलला ...





मंडळी, हे आहे  १५०वे गाणे.


मोगरा फुलला मोगरा फुलला ।
फुलें वेंचितां बहरू कळियांसी आला ॥१॥

इवलेंसे रोप लावियलें द्वारी ।
त्याचा वेलु गेला गगनावेरी ॥२॥

मनाचिये गुंती गुंफियेला शेला ।
बाप रखुमादेविवरी विठ्ठलें अर्पिला ॥३॥

रचना: संत ज्ञानेश्वर
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायिका: लता मंगेशकर

सबकुछ सीखा हम ने...





सबकुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सच हैं दुनियाँ वालों, के हम हैं अनाड़ी

दुनिया ने कितना समझाया, कौन हैं अपना कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छूपाकर, हम ने आप का दिल बहलाया
खुद ही मर मिटने की ये ज़िद हैं हमारी

दिल का चमन उजडते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा
हम ने हर जीने वाले को, धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिकारी

असली नकली चेहरे देखे, दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी

गीतकार:शैलेंद्र
संगीतकार:शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट:अनाडी

तू कहे अगर जीवन भर..


तू  कहे अगर जीवन भर, मैं गीत सुनाता जाऊँ 
मन बिन बजाता जाऊँ 

और आग मैं अपने दिल की, हर दिल में लगाता जाऊँ 
दुख दर्द मिटाता जाऊँ, तू कहे अगर

मैं साज़ हूँ तू सरगम है, देती जा सहारे मुझ को
मैं राग हूँ, तू बीना है, जिस दम तू पुकारे मुझ को
आवाज़ में तेरी हरदम  आवाज़ मिलाता जाऊँ
आकाश पे छाता जाऊँ, तू कहे अगर

इन बोलों में तू ही तू है, मैं समझू या तू जाने
इन में हैं कहानी मेरी, इन में हैं तेरे अफ़साने
तू साज़ उठा उल्फत का, मैं धून पे गाता जाऊँ
सपनों को जगाता जाऊँ, तू कहे अगर

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: नौशाद
गायक: मुकेश
चित्रपट: अंदाज

गोमू संगतीनं माझ्या तू येशील काय ?



गोमू संगतीनं माझ्या तू येशील काय ?
माझ्या पिरतीची रानी तू होशील काय ?
आरं संगतीनं तुझ्या मी येणार नाय !
तुझ्या पिरतीची रानी मी होणार नाय !

ग तुझं टप्पोरं डोलं जसं कोल्याचं जालं
माझं कालिज घोळं, त्यात मासोली झालं
माझ्या प्रीतिचा सुटलाय तुफान वारा वारा वारा
रं नगं दावूस भलताच तोरा, जा रं गुमान साळसूद चोरा
तुझ्या नजरंच्या जादूला अशी मी भुलणार नाय

रं माझ्या रूपाचा ऐना, तुझ्या जिवाची दैना
मी रं रानाची मैना, तुझा शिकारी बाणा
खुळा पारधी ग जाळ्यामंदी आला आला आला
ग तुला रुप्याची नथ मी घालीन
ग तुला मिरवत मिरवत नेईन
तुज्या फसव्या या जाल्याला अशी मी गावनार नाय

गोमू संगतीनं माझ्या तू येशील काय ?
आरं संगतीनं तुझ्या मी येणार ......हाय !
तुझ्या पिरतिची रानी मी होनार हाय !

गीतकार: सुधीर मोघे
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायक-गायिका: हेमंत कुमार, आशा भोसले
चित्रपट: हा खेळ सावल्यांचा

गुरुवार, २५ जुलै, २०१३

ऐ मेरे प्यारे वतन...



ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल कुर्बान।
तू ही मेरी आरजू तू ही मेरी आबरू तू ही मेरी जान ॥धृ॥

तेरे दामन से जो आये उन हवा-ओंको सलाम
चूम् लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आये तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल् कुर्बान ॥१॥

माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्ही सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुर्बान॥२॥

छोड़ कर तेरी ज़मींको दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है येही तमन्ना तेरे जर्रों की कसम
हम जहां पैदा हुये उस जगह ही निकले दम
तुझ पे दिल कुर्बान ॥३॥

गीतकार: प्रेम धवन
संगीतकार: सलील चौधरी
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: काबुलीवाला

इक परदेसी मेरा दिल ले गया...



इक परदेसी मेरा दिल ले गया
जाते जाते मीठा मीठा गम दे गया

कौन परदेसी तेरा दिल ले गया
मोटी मोटी अखियों में आसूं दे गया

मेरे परदेसीयों की यही हैं निशानी
अखियां बिलोर की, शीशे की जवानी
ठण्डी ठण्डी आहों का सलाम दे गया

ढुँढ रहे तुझे लाखो दिलवाले
कर दें ओ गोरी जरा ऑंखो सें उजाले
ऑंखों का उजाला परदेसी ले गया

उस को बुला दूँ, सामने ला दूँ
क्या मुझे दोगी जो तुम से मिला दूँ
जो भी मेरे पास था वो सब ले गया

गीतकार:कमर जलालाबादी
संगीतकार: ओ.पी.नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,आशा भोसले
चित्रपट: फागुन


है अपना दिल तो आवारा....



है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा

हसीनों ने बुलाया, गले से भी लगाया
बहुत समझाया, यही न समझा
बहुत भोला है बेचारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा ...

अजब है दीवाना, न घर ना ठिकाना
ज़मीं से बेगाना, फलक से जुदा
ये एक टूटा हुआ तारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा ...

ज़माना देखा सारा, है सब का सहारा
ये दिल ही हमारा, हुआ न किसी का
सफ़र में है ये बंजारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा ...

हुआ जो कभी राज़ी, तो मिला नहीं काज़ी
जहाँ पे लगी बाज़ी, वहीं पे हारा
ज़माने भर का नाकारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा ...


है अपना दिल तो आवारा
न जाने किस पे आएगा ...

(रुकेगा न रुका है न जाने धुन ही क्या है
कभी ये रस्ता है कभी वो रस्ता) - २
फिरे है दर बदर मारा
न जाने किस पे आएगा ...

(किसीसे ये मिला था बताए कोई क्या था
बेदारी का समा था के था वो सपना) - २
ख़ुद अपने दर्द से हारा
न जाने किस पे आएगा ...

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: एस.डी बर्मन
गायक: हेमंत कुमार
चित्रपट: सोलवा साल

बुधवार, २४ जुलै, २०१३

आपके पहलू में आकर रो दिये...




आपके पहलू मे आकर रो दिये
दास्तान-ए-गम सुनाकर रो दिये

जिंदगी ने कर दिया जब भी उदास
आ गये घबरा के हम मंझिल के पास
सर झुकाया, सर झुकाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये


शाम जब आंसू बहाती आ गयी
हर तरफ गम की उदासी छा गयी
दीप यादों के जलाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये

गम उदासी का सहा जाता नहीं
आपके बिन अब रहा जाता नहीं
प्यार में क्या-क्या गंवाकर रो दिये
दास्तान-ए-गम सुनाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये


गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: मेरा साया

मंगळवार, २३ जुलै, २०१३

अय मेरी जोहरा जबीं...





अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान

ये शोखियॉं ये बॉंकपन
जो तुझमें है कही नही
दिलो को जीतने का फन
जो तुझमें है कही नही
मैं तेरी, मैं तेरी ऑंखो में पा गया दो जहॉं
अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान

तू मीठे बोल जानेमन
जो मुस्कुराके बोल दे
तो धडकनो में आज भी
शराबी रंग घोल दे
ओ सनम, ओ सनम मैं तेरा आशिके-जॉंविदां
अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: वक्त

ये रात भीगी-भीगी...



ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फिजायें
उठा धीरे-धीरे, वो चाँद प्यारा प्यारा
क्यों आग सी लगा के, गुमसुम हैं चांदनी
सोने भी नहीं देता, मौसम का ये इशारा

इठलाती हवा, नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यों बेचैन हैं दिल
जीवन में ना जाने क्या हैं कमी
क्यों आग सी लगा के, गुमसुम हैं चांदनी
सोने भी नहीं देता, मौसम का ये इशारा
ये रात भीगी-भीगी...

जो दिन के उजाले में ना मिला
दिल ढूंढें ऐसे सपने को
इस रात की जगमग में डूबी
मैं ढूंढ रही हूँ अपने को
ये रात भीगी-भीगी...

ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं
भूले से जो हम को याद करे
एक हलकी सी मुसकान से जो
सपनों का जहां आबाद करे
ये रात भीगी-भीगी...

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायक-गायिका: मन्ना डे, लता मंगेशकर
चित्रपट: चोरी चोरी

झिमझिम झरती श्रावणधारा...




झिमझिम झरती श्रावणधारा धरतीच्या कलशात
प्रियाविण उदास वाटे रात

बरस बरस तू मेघा रिमझिम, आज यायचे माझे प्रियतम
आतुरलेले लोचन माझे बघती अंधारात

प्रासादी या जिवलग येता, कमळमिठीमधे भृंग भेटता
बरस असा की प्रिया न जाइल माघारी दारात

मेघा असशी तू आकाशी, वर्षातुन तू कधी वर्षसी
वर्षामागुन वर्षति नयने करती नित्‌ बरसात

गीतकार: मधुकर जोशी
संगीतकार: दशरथ पुजारी
गायिका: सुमन कल्याणपूर

सोमवार, २२ जुलै, २०१३

रैना बीती जाये...





रैना बीती जाये, श्याम न आये
निंदिया न आये, निंदिया न आये

शाम को भूला, श्याम का वादा
संग दीये के, जागे राधा
निंदिया न आये, निंदिया न आये
रैना बीती जाये...

किस सौतन ने रोकी डगरिया
किस बैरन से लागी नज़रिया
निंदिया न आये, निंदिया न आये
रैना बीती जाये..

बिरहा की मारी, प्रेम दीवानी
तन मन प्यासा, अंखियों में पानी
निंदिया न आये, निंदिया न आये
रैना बीती जाये...



गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: अमर प्रेम

अमृताहुनी गोड नाम तुझे देवा...





अमृताहुनी गोड नाम तुझे देवा ।
मन माझे केशवा का बा न घे ॥१॥

सांग पंढरीराया काय करु यांसी ।
का रूप ध्यानासी न ये तुझे ॥२॥

किर्तनी बैसता निद्रे नागविले ।
मन माझे गुंतले विषयसुखा ॥३॥

हरिदास गर्जती हरिनामाच्या कीर्ती ।
न ये माझ्या चित्‍ती नामा म्हणे ॥४॥

रचनाकार: संत नामदेव
संगीतकार: बाळ माटे
गायिका: माणिक वर्मा

रविवार, २१ जुलै, २०१३

जाओ रे जोगी तुम जाओ रे...


जाओ रे जोगी तुम जाओ रे
ये हैं प्रेमिओं की नगरी, यहां प्रेम ही हैं पूजा

प्रेम की पीडा सच्चा सुख हैं
प्रेम बीना ये जीवन दुःख हैं, जाओ रे ...

जीवनसे कैसा छुटकारा
हैं नदिया के साथ किनारा, जाओ रे ...

ज्ञान की कैसी सीमा ज्ञानी
गागर में सागर का पानी, जाओ रे ...

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: आम्रपाली

शनिवार, २० जुलै, २०१३

यूँ हसरतों के दाग़...



यूँ हसरतों के दाग़ मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये

घर से चले थे हम तो खुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे वही साथ हो लिये
खुद दिल से...

मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी से काँटों में सो लिये
खुद दिल से...

होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
ये चुप सी क्यों लगी है अजी कुछ तो बोलिये
खुद दिल से...

गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: अदालत

वो जब याद आये...


वो जब याद आये, बहोत याद आये
गम-ए-जिन्दगी के, अँधेरे में हम हैं
चराग-ए-मोहब्बत जलाए, बुझाए

आहटे जाग उठी, रास्ते हँस दिए
थामकर दिल उठे, हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ हैं
चले आ रहे है, वो नज़रे झुकाए

दिल सुलगने लगा, अश्क बहने लगे
जाने क्या क्या हमे, लोग कहने लगे
मगर रोते रोते हँसी आ गयी हैं
खयालों में आ के वो जब मुस्कुराये

वो जुदा क्या हुए, जिन्दगी खो गयी
शम्मा जलती रही, रोशनी खो गयी
बहूत कोशिशें की, मगर दिल ना बहला
कई साज छेड़े, कई गीत गाए

गीतकार: फारूक कैसर
संगीतकार: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: पारसमणी

आप की नज़रों ने समझा...


आप की नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे
दिल की ऐ धड़कन ठहर जा, मिल गयी मंझील मुझे

जी हमे मंजूर है, आप का ये फैसला
कह रही हैं हर नजर, बन्दा परवर शुक्रिया
हँस के अपनी जिन्दगी में, कर लिया शामिल मुझे

आप की मंझील हूँ मैं, मेरी मंझील आप है
क्यों मैं तूफ़ां से डरू, मेरा साहिल आप है
कोई तूफानोंसे कह दे, मिल गया साहिल मुझे

पड गयी दिल पर मेरे, आप की परछाईयाँ
हर तरफ बजने लगी, सेकड़ों शहनाईयां
दो जहां की आज खुशियाँ, हो गयी हासिल मुझे


गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: अनपढ

रहे ना रहे हम....


 
रहे ना रहे हम महका करेंगे
बन के कली, बन के सबा, बाग-ए-वफ़ा में

मौसम कोई हो इस चमन में रंग बन के रहेंगे हम खिरामा
चाहत की खुशबू यू ही ज़ुल्फों से उड़ेगी, खीजा हो या बहारें
यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे, बन के कली..

खोये हम ऐसे, क्या हैं मिलना, क्या बिछड़ना नहीं हैं याद हम को
कूंचे में दिल के जब से आये सिर्फ़ दिल की ज़मीं हैं याद हम को
इसी सरजमीं पे हम तो रहेंगे, बन के कली..

जब हम ना होंगे, जब हमारी खाँक़ पे तुम रुकोगे चलते चलते
अश्कों से भीगी चाँदनी में इक सदा सी सुनोगे चलते चलते
वही पे कही, हम तुम से मिलेंगे, बन के कली..

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: रोशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: ममता

शुक्रवार, १९ जुलै, २०१३

मोसे छल किये जाय...




मोसे छल किये जाय,
हाय रे हाय हाय देखो सैंया बेइमान
सैंया बेइमान
मोसे छल, मोसे छल, मोसे छल किये जाय, हाय रे हाय हाय देखो... हाँ
सैंया बेइमान

समझाके मैं तो हारी
धमकाया दी नी गारी
नीनी नीनी रेरे गग मम पप धनी सा सा सा
समझाके मैं तो हारी
हाँ धमकाया दी नी गारी,
और करूँ भी क्या
देखो मोरा जियरा  हाँ जियरा तड़पाय, जियरा तड़पाय
मोहे हाय हाय देखो सैंया बेइमान
मोसे छल, मोसे छल, मोसे छल किये जाय, हाय रे हाय हाय देखो सैंया
बेइमान

मन का है बैरी काला, दिल जिसे दे डाला,
नीनी नीनी रेरे गग मम पप धनी  सा सा सा
मन का है बैरी काला,
हाँ दिल जिसे दे डाला
प्रीत मोरी पल पल रोये
तड़पाय तड़पाय तरसाय, तड़पाय तरसाय
मोहे हाय हाय देखो सैंया बेइमान
मोसे छल हाँ, मोसे छल, मोसे छल किये जाय, हाय रे हाय हाय देखो
हाँ सैंया बेइमान
(देखो सैंया बेइमान)\-२
मोसे छल किये जाय, देखो सैंया बेइमान
हाँ हॉं बेइमान, हाँ बेइमान

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: गाईड

गुरुवार, १८ जुलै, २०१३

सॉंवरे सॉंवरे ...



सॉंवरे सॉंवरे  जाओ
सॉंवरे सॉंवरे
काहे मोसे करो जोराजोरी
बयां ना मरोडो मोरी,
दुंगी, दुंगी गारी हटो जाओ जी
सॉंवरे सॉंवरे

संग ना सहेली, आयी थी अकेली
अब ना जात है मोरे श्याम
रोको ना डगर मोरी
सॉंवरे सॉंवरे

मुरली बजाओ, गैंया चराओ
हमरी गेंद छोडो हे छैल
मिलो जब आवे होरी
सॉंवरे सॉंवरे

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: पंडित रवि शंकर
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: अनुराधा

नैनो में बदरा छाये...


नैनो में बदरा छाये, बिजली सी चमके हाये
ऐसे में बलम मोहे, गरवा लगा ले

मदिरा में डूबी अखियाँ, चंचल हैं दोनों सखियाँ
छलती रहेगी तोहे, पलकों की प्यारी पखियाँ
शरमाके देंगी तोहे, मदिरा के प्याले

प्रेमदिवानी हूँ मैं, सपनों की रानी हूँ मैं
पिछले जनम से तेरी, प्रेम कहानी हूँ मैं
आ इस जनम में भी तू, अपना बना ले

गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: मेरा साया

बुधवार, १७ जुलै, २०१३

तेरे सूर और मेरे गीत...


तेरे सूर और मेरे गीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत 

धड़कन में तू हैं समाया हुआ, ख़यालों में तू ही तू छाया हुआ
दुनिया के मेले में लाखों मिले, मगर तू ही तू दिल को भाया हुआ
मैं तेरी जोगन तू मेरा मीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत

मुझ को अगर भूल जाओगे तुम, मुझ से अगर दूर जाओगे तुम
मेरी मोहब्बत में तासीर हैं, तो खींचके मेरे पास आओगे तुम
देखो हमारी होगी जीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत 

गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: वसंत देसाई
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: गुंज उठी शहनाई

मेरा जूता है जापानी...



मेरा जूता है जापानी ये पतलून इंगलिश्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी

निकल पड़े हैं खुल्ली सड़क पर अपना सीना ताने
मंजिल कहाँ, कहाँ रुकना है,उपरवाला जाने
बढ़ते जाए हम सैलानी, जैसे एक दरिया तूफानी
सर पे लाल टोपी रूसी

ऊपर-नीचे नीचे-ऊपर लहर चले जीवन की
नादान है जो बैठ किनारे, पूछे राह वतन की
चलना जीवन की कहानी, रुकना मौत की निशानी
सर पे लाल टोपी रूसी

होंगे राजे राजकुंवर हम बिगडे दिल शहज़ादे
हम सिंघासन पर जा बैठें जब जब करें इरादे
सूरत है जानी पहचानी दुनिया वालों को हैरानी
सर पे लाल टोपी रूसी


गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट: श्री ४२०

मंगळवार, १६ जुलै, २०१३

ब्रह्मा, विष्णू आणि महेश्वर...




ब्रह्मा, विष्णू आणि महेश्वर सामोरी बसले
मला हे दत्‍तगुरू दिसले

माय उभी ही गाय हो‍उनी, पुढे वासरू पाहे वळुनी
कृतज्ञतेचे श्वान बिचारे पायावर झुकले

चरण शुभंकर फिरता तुमचे, मंदिर बनले उभ्या घराचे
घुमटामधुनी हृदयपाखरू स्वानंदे फिरले

तुम्हीच केली सारी किमया, कृतार्थ झाली माझी काया
तुमच्या हाती माझ्या भवती औदुंबर वसले

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: आम्ही जातो अमुच्या गावा

तेरे मेरे मिलन की ये रैना...



तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना       

नन्हा सा गुल खिलेगा अंगना
सुनी बैयां  सजेगी सजना
जैसे खेले चंदा बादल में
खेलेगा वो तेरे आंचल मे
चंदनियां गुनगुनायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना

तुझे थामे कई हातो से
मिलुंगा मदभरी रातो से
जगाके अनसुनी सी धडकन
बलमवा भर दुंगी तोरा मन
नई अदा से सतायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना       

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक-गायिका: किशोर कुमार,लता मंगेशकर
चित्रपट: अभिमान

मनमोहना बडे झुठे...


 मंडळी, ’मोद’गाणीवरचं हे माझं १२५वं गाणं आहे.

मनमोहना बडे झुठे
हार के हार नही माने
मनमोहना...

बने थे खिलाडी पिया
निकले अनाडी
मोसे बेईमानी करे
मुझ से ही रुठे
मनमोहना...

तुम्हरी ये बांसी कान्हा
बनी  गला   फासी
तान सुना के मेरा
तनमन लुटे
मनमोहना...

गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर -जयकिशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: सीमा

सोमवार, १५ जुलै, २०१३

जो वादा किया वो निभाना पडेगा...


जो वादा किया वो निभाना पडेगा
रोके ज़माना चाहे, रोके खुदाई, तुम को आना पडेगा

तरसती निगाहों ने आवाज दी है
मोहब्बत की राहों ने आवाज दी है
जान-ए-हया, जान-ए-अदा छोडो तरसाना
तुम को आना पडेगा

ये माना हमे जा से जाना पडेगा
पर ये समझ लो तुम ने जब भी पुकारा, हम को आना पडेगा

हम अपनी वफ़ा पे ना इल्जाम लेंगे
तुम्हे दिल दिया है, तुम्हे जान भी देंगे
जब इश्क का सौदा किया, फिर क्या घबराना, हम को आना पडेगा

चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे
ना टूटेंगे अब ये दो पयमान हमारे
एक दूसरा जब दे सदा, हो के दीवाना हम को आना पडेगा

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: ताजमहल

मधुबन में राधिका नाचे रे...



मधुबन में राधिका नाचे रे
गिरधर की मुरलिया बाजे रे
मधुबन में राधिका...

पग में घुँघर बाँध के
घुँघटा मुख पर डार के
नैनन में कजरा लगा के रे
मधुबन में राधिका...

डोलत छम-छम कामनी
चमकत जैसे दामनी
चंचल प्यारी छब लागे रे
मधुबन में राधिका...

मिरदंग बाजे तिरकिट धूम तिरकिट धूम ता ता
मिरदंग बाजे तिरकिट धूम तिरकिट धूम ता ता
नाचत छूम छूम ताथई ताथई ता ता
छूम छूम छा ना ना ना, छूम छूम छा ना ना ना
क्रांध क्रांध क्रांध धा, धा धा धा
मधुबन में राधिका नाचे रे
मधुबन में राधिका

मधुबन में राधिका नाचे रे
मधुबन में राधिका
नीसा रेसा गरे मग, पम धप, नीध सांनी रेंसां
रेसा नीध पम पध नीसां रेंसां नीध पम गम धप गम रेसा

मधुबन में राधिका नाचे रे
सांसां, सांनीधप मपधप गमरेसा ऩीरेसा
सासागम धधनीध सां
मधुबन में राधिका नाचे रे
मधुबन में राधिका

ओदे नादिर दिरधा नीता धारे दीम दीम तानाना
नादिर दिरधा निता धारे दीम दीम तानाना
ना दिर दिरधा नीता धारे दीम दीम ता ना ना
नादिर दिरधा नीता धारे

ओ दे ताना दिर दिर ताना, दिर दिर दिर दिर दूम दिर दिर दिर
धा तिरकिट तक दूम तिरकिट तक
तिरकिट तिरकिट ताधानी
नादिर दिरधा नीता 
ओदे नादिर दिरधा नीता
ओदे नादिर दिरधा नीता धारे दीम दीम तानाना

गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार: नौशाद अली
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: कोहीनूर

लागा चुनरी में दाग....




लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे
चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...

हो गई मैली मोरी चुनरिया
कोरे बदन सी कोरी चुनरिया
जाके बाबुल से नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...

भूल गई सब बचन बिदा के
खो गई मैं ससुराल में आके
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...

कोरी चुनरिया आत्मा मोरी
मैल है माया जाल
वो दुनिया मोरे बाबुल का घर
ये दुनिया ससुराल
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार:  रोशन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: दिल ही तो है

रविवार, १४ जुलै, २०१३

आयो कहां से घनश्याम...



आयो कहां से घनश्याम
रैना बितायी किस धाम
हाय राम, आयो कहां से....

हा रात की जागी रे...
रात की जागी रे अखियां तोरी
हो रही गली गली जिया की चोरी
हो नही जाना बदनाम हाय राम
आयो कहां से....


सज धज तुम्हरी का कहू रसिया
धनीध ध धनीध ध मधप गपम रेमग
मगसा निसा निसा निसागमग सागम पनीगम
पनीसा गमगसा नीनीप मगसा प
ऐसे लगे तेरे हातो मे बन्सियां
जैसे कटारी लियो थाम हाय राम
आयो कहां से....

हां मै ना कहूं कछु मोसे ना रुठो
तुम खुद अपने जियरा से पुंछो
बिती कहां पे कला शाम,
आयो कहां से....

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: आर. डी. बर्मन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: बुढ्ढा मिल गया

शनिवार, १३ जुलै, २०१३

या सुखांनो या...



या सुखांनो या
एकटी पथ चालले, दोघांस आता हात द्या, साथ द्या

विरहांतीचा एकांत व्हा, अधीर व्हा आलिंगने
गाली-ओठी व्हा सुखांनो भाववेडी चुंबने
हो‌उनी स्वर वेळूचे वार्‍यासवे दिनरात या, गात या

आमुच्या बागेत व्हा लडिवाळ तुम्ही पाखरे
शयनघरच्या या छताची व्हा रुपेरी झुंबरे
होऊ द्या घर नांदते तुम्हीच त्यांना घास द्या, हात द्या

अंगणी प्राजक्‍त व्हा, सौधावरी व्हा चांदणे
जोडप्याचे गूज जुईचे चिमुकल्यांचे रांगणे
यौवनी सहजीवनी, दोन्ही मनांचे गीत व्हा, प्रीत व्हा

गीतकार: ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: या सुखांनो या

घनु वाजे घुणघुणा...




घनु वाजे घुणघुणा ।    वारा वाजे रुणझुणा ।
भवतारकु हा कान्हा ।    वेगीं भेटवा का ॥१॥

चांदु वो चांदणे ।    चांपेवो चंदने ।
देवकीनंदने ।    वीण नावडे वो ॥२॥

चंदनाची चोळी ।    माझे सर्व अंग पोळी ।
कान्हो वनमाळी ।    वेगीं भेटवा कां ॥३॥

सुमनाची सेज ।    सितळ वो निकी ।
पोळे आगीसारिखी ।    वेगीं विझवा कां ॥४॥

तुम्ही गातसां सुस्वरे ।    ऐकोनि द्यावी उत्‍तरे ।
कोकिळें वर्जावें ।    तुम्हीं बाईयांनो ॥५॥

दर्पणी पाहतां ।    रूप न दिसे आपुलें ।
बाप रखुमादेवीवरें ।    मज ऐसें केलें ॥६॥

रचनाकार: संत ज्ञानेश्वर
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायिका: लता मंगेशकर

शुक्रवार, १२ जुलै, २०१३

बैयाँ ना धरो...




बैयाँ ना धरो ओ बलमा
ना करो मोसे रार
बैयाँ ना धरो ओ बलमा

ढलेगी चुनरिया तन से
हँसेंगी रे चूड़ियाँ छन से
मचेगी झनकार
बैयाँ ना धरो..

मोहे छोड़ो हाये सजना
जिया सीस उठाये सजना
रहा मोहे निहार
बैयाँ ना धरो..

मैं तो आप बहकी
चलूँ जैसे महकी
चमेलिया की डार
बैयाँ ना धरो..

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: दस्तक

बाई बाई, मनमोराचा कसा पिसारा फुलला...



बाई बाई, मन मोराचा कसा पिसारा फुलला

चिमनी मैना, चिमना रावा
चिमन्या अंगणी, चिमना चांदवा
चिमनी जोडी, चिमनी गोडी
चोच लाविते, चिमन्या चार्‍याला
चिमनं, चिमनं, घरटं बांधलं, चिमन्या मैनेला

शिलेदार घरधनी माझा, थोर मला राजांचा राजा
भोळा भोळा जीव माजा जडला त्याच्या पायाला

रे मनमोरा, रंगपिसारा, अंगी रंगुनि जीव रंगला
गोजिरवानी, मंजुळ गानी, वाजविते बासुरी डाळिंब ओठाला
येडं, येडं, मन येडं झालं, ऐकुन गानाला

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: आनंदघन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: मोहित्यांची मंजुळा

आली हासत पहिली रात...




आली हासत पहिली रात
उजळत प्राणांची फुलवात

प्रकाश पडता माझ्यावरती
फुलते बहरून माझे यौवन
हसली नवती चंचल होऊन
नयनांच्या महालात

मोहक सुंदर फूल जिवाचे
पतिचरणावर प्रीत अर्पिता
मीलनाचा स्पर्ष होता
विरली अर्धांगात

लाज बावरी मी सावरता
हर्षही माझा बघतो चोरून
भास तयाचा नेतो ओढून
स्वप्‍नाच्या हृदयात

गीतकार: पी. सावळाराम
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: शिकलेली बायको

गुरुवार, ११ जुलै, २०१३

कशी करू स्वागता...




कशी करू स्वागता
एकांताचा आरंभ कैसा ?
असते कशी सांगता ?

कशी हसू मी, कैसी बोलू ?
किती गतीने कैसी चालू ?
धीटपणाने मिठी घालू का
कवळू तुज नाथा ?

फुलते कळि की फुलवी वारा
चंद्र हसवि की हसवी तारा
कुठले आधी कुठले नंतर
येई ना सांगता

कुणी न पुढती कुणी न पाठी
घरात आहे मीच एकटी
प्रथमदर्शनी बोलायाचा
भाव तरी कोणता ?

गीतकार: ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: सुमन कल्याणपूर
चित्रपट: मुंबईचा जावई

का रे दुरावा, का रे अबोला ...



का रे दुरावा, का रे अबोला
अपराध माझा असा काय झाला

नीज येत नाही मला एकटीला
कुणी ना विचारी धरी हनुवटीला
मान वळविसी तू वेगळ्या दिशेला

तुझ्यावाचुनी ही रात जात नाही
जवळी जरा ये हळू बोल काही
हात चांदण्याचा घेई उशाला

रात जागवावी असे आज वाटे
तृप्‍त झोप यावी पहाटे पहाटे
नको जागणे हे नको स्वप्‍नमाला

गीतकार: ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: मुंबईचा जावई

जीवनात ही घडी अशीच राहु दे....





जीवनात ही घडी अशीच राहु दे
प्रीतिच्या फुलावरी वसंत नाचु दे

रंगविले मी मनात चित्र देखणे..
आवडले वेडीला स्वप्‍न खेळणे
स्वप्‍नातिल चांदवा जिवास लाभु दे

हळुच तुला बघण्याचा छंद आगळा
लज्जेचा त्याविण का अर्थ वेगळा
स्पर्षातुन अंग अंग धुंद होऊ दे

पाहु दे असेच तुला नित्य हासता
जाउ दे असाच काळ शब्द झेलता
मीलनात प्रेमगीत धन्य होऊ दे

गीतकार आणि संगीतकार: यशवंत देव
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: कामापुरता मामा

जिवलगा, कधि रे येशील तू ?





दिवसामागूनि दिवस चालले, ऋतू मागूनी ऋतू
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

धरेस भिजवून गेल्या धारा
फुलून जाईचा सुके फुलोरा
नभ धरणीसी जोडून गेले सप्‍तरंग सेतू !

शारदशोभा आली, गेली
रजनीगंधा फुलली, सुकली
चंद्रकलेसम वाढुन विरले अंतरीचे हेतू !

हेमंती तर नुरली हिरवळ
शिशिर करी या शरिरा दुर्बळ
पुन्हा वसंती डोलू लागे प्रेमांकित केतू !

पुनरपि ग्रीष्मी तीच काहीली
मेघावली नभि पुनरपि आली
पुनश्च वर्षा लागे अमृत विरहावर ओतू !

गीतकार: ग.दि. माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: सुवासिनी

जिथे सागरा धरणी मिळते...





जिथे सागरा धरणी मिळते
तिथे तुझी मी वाट पाहते..

डोंगर दरिचे सोडून घर ते
पल्लव पाचूचे तोडून नाते
हर्षाचा जल्लोष करुनी जेथे प्रीत नदीची एकरुपते

वेचित वाळूत शंख शिंपले
रम्य बाल्य ते जिथे खेळले
खेळाचा उल्हास रंगात येउनी धुंदीत यौवन जिथे डोलते

बघुनी नभीची चंद्रकोर ती
सागर हृदयी उर्मी उठती
सुखदुःखाची जेथे सारखी प्रीतजीवना ओढ लागते

गीतकार: पी. सावळाराम
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका: सुमन कल्याणपूर
चित्रपट: पुत्र व्हावा ऐसा गुंडा

ही वाट दूर जाते...





ही वाट दूर जाते, स्वप्‍नामधील गावा
माझ्या मनातला का तेथे असेल रावा ?

जेथे मिळे धरेला आभाळ वाकलेले
अस्ताचलास जेथे रविबिंब टेकलेले
जेथे खुळ्या ढगांनी रंगीन साज ल्यावा

घे साउली उन्हाला कवळून बाहुपाशी
लागुन ओढ वेडी खग येति कोटरासी
एक एक चांदणीने नभदीप पाजळावा

स्वप्‍नामधील गावा स्वप्‍नामधून जावे
स्वप्‍नातल्या प्रियाला मनमुक्‍त गीत गावे
स्वप्‍नातल्या सुखाचा स्वप्‍नीच वेध घ्यावा

गीतकार: शांता शेळके
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायिका: आशा भोसले

गंध फुलांचा गेला सांगून...




गंध फुलांचा गेला सांगून
तुझे नि माझे व्हावे मीलन, व्हावे मीलन

सहज एकदा जाता जाता मिळुनि हसल्या अपुल्या नजरा
दो हृदयांच्या रेशीमगाठी प्रीत भावना गेली बांधून

विरह संपता, मीलनाची अमृतगोडी चाखीत असता
सखया अवचित जवळी येता ढळे पापणी गेले लाजून

मनामनांच्या हर्षकळ्यांची आज गुलाबी फुले जाहली
वरमाला ही त्याच फुलांची गुंफून सखया तुलाच वाहीन

गीतकार: पी. सावळाराम
संगीतकार: विश्वनाथ मोरे
गायक-गायिका: सूरेश वाडकर, आशा भोसले
चित्रपट: भालू

बुधवार, १० जुलै, २०१३

एकाच ह्या जन्मी जणू...




एकाच ह्या जन्मी जणू
फिरुनी नवी जन्मेन मी

स्वप्‍नाप्रमाणे भासेल सारे
जातील सार्‍या लयाला व्यथा
भवती सुखाचे स्वर्गीय वारे
नाही उदासी ना आर्तता
ना बंधने वा नाही गुलामी
भीती अनामी विसरेन मी
हरवेन मी, हरपेन मी
तरीही मला लाभेन मी

आशा उद्याच्या डोळ्यांत माझ्या
फुलतील कोमेजल्यावाचुनी
माझ्या मनीचे गूज घ्या जाणुनी
या वाहणार्‍या गाण्यातुनी
लहरेन मी, बहरेन मी,
शिशिरांतुनी उगवेन मी

गीतकार: सुधीर मोघे
संगीतकार: सुधीर फडके
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: पुढचं पाऊल

चांदणे शिंपीत जाशी...




चांदणे शिंपीत जाशी चालता तू चंचले
ओंजळी उधळीत मोती हासरी ताराफुले

वाहती आकाशगंगा की कटीची मेखला
तेज:पुंजाची झळाळी तार पदरा गुंफीले

गुंतविले जीव हे मंजीर की पायी तुझ्या
जे तुझ्या तालावरी, बोलावरी, नादावले

गे निळावंती कशाला झाकशी काया तुझी ?
पाहु दे मेघाविण सौंदर्य तूझे मोकळे

गीतकार: राजा बढे
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायिका: आशा भोसले

मंगळवार, ९ जुलै, २०१३

आज प्रीतिला पंख हे लाभले रे...





आज प्रीतिला पंख हे लाभले रे
झेप घेउनी पाखरू चालले रे

उंच मनोरे नव्या जगाचे
चिरंजीव हे स्वप्‍न सुखाचे
तुझी हो‍उनी आज मी राहिले रे

असा लाजरा, बावरा, प्रणय असावा
तुझी सावली त्यात मी घेत विसावा
असे आगळे चित्र मी पाहिले रे

दोन जिवांनी एक असावे
मस्त हो‍उनी धुंद फिरावे
पंचप्राण हे पायी मी वाहिले रे

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: प्रभाकर जोग
गायक-गायिका: सुधीर फडके,आशा भोसले
चित्रपट: कुंकवाचा करंडा

तू जहां जहां चलेगा...


तू जहां जहां चलेगा, मेरा साया साथ होगा
मेरा साया, मेरा साया, मेरा साया, मेरा साया

कभी मुझ को याद कर के जो बहेंगे तेरे आँसू
तो वही पे रोक लेंगे उन्हे आ के मेरे आँसू
तू जिधर का रुख़ करेगा, मेरा साया साथ होगा

तू अगर उदास होगा, तो उदास रहूंगी मैं भी
नज़र आऊ, या ना आऊ तेरे पास रहूंगी मैं भी
तू कही भी जा रहेगा, मेरा साया साथ होगा

मैं अगर बिछड़ भी जाऊ, कभी मेरा गम ना करना
मेरा प्यार याद कर के, कभी आँख नम ना करना
तू जो मूड के देख लेगा, मेरा साया साथ होगा

मेरे गम रहा हैं शामिल  तेरे दुख में, तेरे गम में
मेरे प्यार ने दिया हैं, तेरा साथ हर जनम में
तू कोई जनम भी लेगा, मेरा साया साथ होगा

गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: मेरा साया

कुछ तो लोग कहेंगे..




कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम हैं कहना
छोडो बेकार की, बातो में  कही, बीत ना जाऽऽए रैना

कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुयी
तू, कौन है, तेरा नाम हैं क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुयी
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना

हम को जो, ताने देते है
हम खोये हैं, इन रंग रलियों में
हम ने उन को भी, छुप छुप के
आते देखा इन गलियों में
ये सच हैं, झूठी बात नहीं
तुम बोलो, ये सच हैं ना

गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: आर डी बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: अमर प्रेम

सोमवार, ८ जुलै, २०१३

आवाज दे के हमें तुम बुलाओ...





आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

अभी तो मेरी जिंदगी हैं परेशां
कही मर के हो खाक भी  ना परेशां
दिये की तरह से ना हम को जलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

मैं सांसों के हर तार में छूप रहा हू
मैं धडकन के हर राग में बस रहा हू
जरा दिल की जानिब निगाहे झुकाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

न होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायिका-गायक: लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी
चित्रपट: प्रोफेसर

ओ सजना...




ओ सजना, बरखा बहार आयी 
रस की फुहार लायी, आखियों में प्यार लायी 

तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा
मीठी मीठी अगनी में, जले मोरा जियरा

ऐसे रिमझीम में, ओ सजन
प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख्वाबों में खो गये
सावली सलोनी घटा, जब जब छायी
आखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी 

गीतकार:शैलेंद्र
संगीतकार:सलील चौधरी
गयिका: लता मंगेशकर
चित्रपट:परख

खेळ मांडीयेला...




खेळ मांडीयेला वाळवंटी घाई ।
नाचती वैष्णव भाईं रे ।
क्रोध अभिमान गेला पावटणी ।
एक एका लागतील पायीं रे ॥१॥

गोपीचंदनउटी तुळसीच्या माळा
हार मिरविती गळां ।
टाळ मृदुंग घाई पुष्प वर्षाव ।
अनुपम्य सुखसोंहळा रे ॥२॥

वर्णअभिमान विसरली याती
एकएकां लोटांगणीं जाती ।
निर्मळ चित्तें जालीं नवनीतें ।
पाषाणा पाझर सुटती रे ॥३॥

होतो जयजयकार गर्जत अंबर
मातले हे वैष्णव वीर रे ।
तुका म्हणे सोपी केली पायवाट ।
उतरावया भवसागर रे ॥४॥

रचनाकार: संत तुकाराम महाराज
संगीतकार: श्रीनिवास खळे
गायिका : लता मंगेशकर

रविवार, ७ जुलै, २०१३

पराधीन आहे जगतीं पुत्र मानवाचा...

मंडळी इथे ह्या जालनिशीवर सादर केलेले हे माझे शंभरावे गाणे आहे.
ह्या जालनिशीची सुरुवात मी ज्यांच्या गाण्याने केली ते माझे सुगम संगीतातले आदर्श म्हणजे सुप्रसिद्ध संगीतकार आणि गायक श्री. सुधीर फडके.
 महाकवी आणि गीत रामायणकार ग.दि. माडगूळकर विरचित ’पराधीन आहे जगती पुत्र मानवाचा’ ह्या गीताचे संगीत दिग्दर्शक आणि गायक आहेत स्वत: फडकेसाहेब....हे  मी गायलेले गाणे, मी अतिशय विनम्रपणे  ग.दि. माडगूळकर-सुधीर फडके ह्या अजरामर जोडीला अर्पण करत आहे.
 इथे आजवर मी जी गाणी गायली ती गाण्यासाठी मला बहुतांशी मदत झाली ती सुप्रसिद्ध संगीतकार आणि वायोलिन वादक श्री.प्रभाकर जोग ह्यांच्या ’गाणारे वायोलिन’ची! त्याबद्दल मी त्यांचा शतश: ऋणी आहे.

मंडळी,  गायक गातो आणि वाद्य त्याला साथ करतात...अशी सर्वसामान्य पद्धत आहे...पण मी काही खर्‍या अर्थाने गायक नाहीये...म्हणून मी वाद्यांच्या साथीने...म्हणजे त्यांच्या मागून गाण्याचा प्रयत्न करत असतो...त्यामुळे थोडेफार मागेपुढे होणे क्रमप्राप्त आहे...आपण सांभाळून घेता आहात म्हणूनच हे धाडस मी करतोय..हे वेगळे सांगायला नकोच.  :)




दैवजात दुःखे भरतां दोष ना कुणाचा
पराधीन आहे जगतीं पुत्र मानवाचा

माय कैकयी ना दोषी, नव्हे दोषि तात
राज्यत्याग काननयात्रा, सर्व कर्मजात
खेळ चाललासे माझ्या पूर्वसंचिताचा

अंत उन्‍नतीचा पतनीं होइ या जगात
सर्व संग्रहाचा वत्सा, नाश हाच अंत
वियोगार्थ मीलन होतें, नेम हा जगाचा

जिवासवें जन्मे मृत्यू, जोड जन्मजात
दिसे भासतो तें सारें विश्व नाशवंत
काय शोक करिसी वेड्या, स्वप्निंच्या फळांचा ?

तात स्वर्गवासी झाले, बंधु ये वनांत
अतर्क्य ना झालें काहीं, जरी अकस्मात
मरण-कल्पनेशीं थांबे तर्क जाणत्यांचा

जरामरण यांतुन सुटला कोण प्राणिजात ?
दुःखमुक्‍त जगला का रे कुणी जीवनांत ?
वर्धमान तें तें चाले मार्ग रे क्षयाचा

दोन ओंडक्यांची होते सागरांत भेट
एक लाट तोडी दोघां, पुन्हा नाहिं गांठ
क्षणिक तेंवि आहे बाळा, मेळ माणसांचा

नको आंसु ढाळूं आतां, पूस लोचनांस
तुझा आणि माझा आहे वेगळा प्रवास
अयोध्येंत हो तूं राजा, रंक मी वनींचा

नको आग्रहानें मजसी परतवूंस व्यर्थ
पितृवचन पाळून दोघे हो‍उं रे कृतार्थ
मुकुटकवच धारण करिं, कां वेष तापसाचा

संपल्याविना हीं वर्षें दशोत्‍तरीं चार
अयोध्येस नाहीं येणें, सत्य हें त्रिवार
तूंच एक स्वामी आतां राज्यसंपदेचा

पुन्हां नका येउं कोणी दूर या वनांत
प्रेमभाव तुमचा माझ्या जागता मनांत
मान वाढवी तूं लोकीं अयोध्यापुरीचा

गीतकार: ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार आणि गायक: सुधीर फडके

शनिवार, ६ जुलै, २०१३

स्वप्‍नांत रंगले मी....



स्वप्‍नांत रंगले मी, चित्रात दंगले मी
सत्यातल्या जगी या झोपेत जागले मी

हे वेड प्रेमिकांचे गीतात गाइले मी
हे गीत भावनेचे डोळ्यांत पाहिले मी

या वृक्षवल्लरींना ही ओढ मीलनाची
पाहून जाणिली मी भाषा मुकेपणाची
माझ्या प्रियापुढे का लाजून राहिले मी

एकांत हा क्षणाचा भासे मुहूर्तवेळा
या नील मंडपात जमला निसर्गमेळा
मिळवून शब्द-सूर हे हार गुंफिले मी

घेशील का सख्या तू हातात हात माझा ?
हळव्या स्वयंवराला साक्षी वसंत राजा
या जन्मसोबतीला सर्वस्व वाहिले मी

गीतकार: जगदीश खेबूडकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके,आशा भोसले
चित्रपट: आम्ही जातो आमुच्या गावा

चलो एक बार फिर से




चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

ना मैं तुम से, कोई उम्मीद रख्खू, दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी, तरफ देखो, ग़लत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन, लड़खड़ाये, मेरी बातों से
ना जाहीर हो, तुम्हारी, कश्मकश का, राज नजरों से
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

तुम्हें भी, कोई उलझन, रोकती हैं, पेशकदमी से,
मुझे, भी लोग, कहते हैं, की ये जलवे, पराये हैं
मेरे हमराह भी रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
मेरे हमराह भी, रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
तुम्हारे, साथ भी, गुज़री हुई रातों के, साये हैं
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

तार्रूफ, रोग हो जाये, तो उसको, भूलना बेहतर
ताल्लूक बोझ बन जाये, तो उसको, तोड़ना अच्छा
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक, लाना न हो मुमकिन
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे, एक, खूबसूरत मोड़ दे कर, छोड़ना अच्छा
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार....

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: महेंद्र कपूर
चित्रपट: गुमराह

नैना बरसे, रिमझिम रिमझिम...





नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
पिया तोरे आवन की आस
नैना बरसे, बरसे,बरसे..

वो दिन मेरी निगाहों में, वो यादें मेरी आहों में
ये दिल अबतक भटकता हैं, तेरी उल्फ़त की राहों में
सुनी सुनी राहें, सहमी सहमी बाहें
आँखों में हैं बरसों की प्यास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..

नज़र तुझ बिन मचलती हैं, मोहब्बत हाथ मलती हैं
चला आ मेरे परवाने, वफ़ा की शम्मा जलती हैं
ओ मेरे हमराही, फिरती हूँ घबरायी
जहां भी हैं आ जा मेरे पास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..

अधूरा हूँ मैं अफ़साना, जो याद आऊँ चले आना
मेरा जो हाल हैं तुझ बिन वो आ कर देख के जाना
भीगी भीगी पलकें, छम छम  आँसू छलकें
खोई खोई आँखे हैं उदास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..

ये लाखों गम ये तनहाई, मोहब्बत की ये रुसवाई
कटी ऐसी कई रातें, ना तुम आये ना मौत आई
ये बिंदीयां का तारा, जैसे हो अंगारा
मेहंदी मेरे हाथों की उदास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..

गीतकार: राजा मेहदी अलीखान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: वह कौन थी

मेघा छाये आधी रात...



मेघा छाये आधी रात  बैरन  बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू

सब के आंगन दिया जले रे, मोरे आंगन जिया
हवा लागे शूल जैसी, ताना मारे चुनरियां
आयी हैं  आंसू की  बरात, बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात  बैरन बन गयी निंदियां

रूठ गये रे सपने सारे, टूट गयी रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे , फिर भी मन हैं प्यासा
किसे कहू रे मन की बात,  बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात  बैरन बन गयी निंदियां

गीतकार: नीरज
संगीतकार: एस. डी बर्मन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट : शर्मिली

शुक्रवार, ५ जुलै, २०१३

जिया ले गयो जी मोरा सॉंवरिया






जिया ले गयो जी मोरा सॉंवरिया
लागी मन मे लगन हुयी बावरिया

पनीनी नीरेरे रेमम मधपम परे
नीरेरे रेमम मधध धसानीध नीप

ओ पपिहे, ओ पपिहे
तुने पपिहे नही देखे मोरे सैंया
देखे तो ले लेगा उन्हीकी बलैयां
जा रे दिवाने, मार ना ताने
पिया की सून जाके बांसुरिया

सामने आये तो मै आंखो मे छुपा लूं
थामके बैंया उन्हें दिल मे बिठा लूं
शाम सवेरे, साथ हो मेरे
गोरी के संग जैसे गागरिया

आज किसी ने मुझे अपना बनाया
साथ रहुंगी जैसे पिया की मैं छाया
ठंडी हवाओ तूम भी तो गाओ
प्रीत की देखो बजे झांजरिया

गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट:  अनपढ