बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
देखिये वो काली काली बदलियॉं
जुल्फ की घटा चुरा ना ले कहीं
चोरी-चोरी आ के शोख बिजलियॉं
आप की अदा चुरा ना ले कहीं
यूं कदम अकेले ना आगे बढाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
देखिये गुलाब की वो डालियॉं
बढ के चूम ले ना आप के कदम
खोये खोये भंवरे भी हैं बाग में
कोई आप को बना ना ले सनम
बहकी-बहकी नजरों से खुद को बचाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
जिंदगी के रास्ते अजीब हैं
इनमें इस तरह चला ना किजिये
खैर है इसी में आपकी हुजूर
अपना कोई साथी ढुंढ लिजिये
सुन के दिलकी बात यूं ना मुस्कुराईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
बेकरार कर के हमें यूं ना जाईये
आप को हमारी कसम लौट आईये
गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार आणि गायक: हेमंत कुमार
चित्रपट: बीस साल बाद
सबकुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी
सच हैं दुनियाँ वालों, के हम हैं अनाड़ी
दुनिया ने कितना समझाया, कौन हैं अपना कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छूपाकर, हम ने आप का दिल बहलाया
खुद ही मर मिटने की ये ज़िद हैं हमारी
दिल का चमन उजडते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा
हम ने हर जीने वाले को, धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिकारी
असली नकली चेहरे देखे, दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी
गीतकार:शैलेंद्र
संगीतकार:शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट:अनाडी
तू कहे अगर जीवन भर, मैं गीत सुनाता जाऊँ
मन बिन बजाता जाऊँ
और आग मैं अपने दिल की, हर दिल में लगाता जाऊँ
दुख दर्द मिटाता जाऊँ, तू कहे अगर
मैं साज़ हूँ तू सरगम है, देती जा सहारे मुझ को
मैं राग हूँ, तू बीना है, जिस दम तू पुकारे मुझ को
आवाज़ में तेरी हरदम आवाज़ मिलाता जाऊँ
आकाश पे छाता जाऊँ, तू कहे अगर
इन बोलों में तू ही तू है, मैं समझू या तू जाने
इन में हैं कहानी मेरी, इन में हैं तेरे अफ़साने
तू साज़ उठा उल्फत का, मैं धून पे गाता जाऊँ
सपनों को जगाता जाऊँ, तू कहे अगर
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: नौशाद
गायक: मुकेश
चित्रपट: अंदाज
गोमू संगतीनं माझ्या तू येशील काय ?
माझ्या पिरतीची रानी तू होशील काय ?
आरं संगतीनं तुझ्या मी येणार नाय !
तुझ्या पिरतीची रानी मी होणार नाय !
ग तुझं टप्पोरं डोलं जसं कोल्याचं जालं
माझं कालिज घोळं, त्यात मासोली झालं
माझ्या प्रीतिचा सुटलाय तुफान वारा वारा वारा
रं नगं दावूस भलताच तोरा, जा रं गुमान साळसूद चोरा
तुझ्या नजरंच्या जादूला अशी मी भुलणार नाय
रं माझ्या रूपाचा ऐना, तुझ्या जिवाची दैना
मी रं रानाची मैना, तुझा शिकारी बाणा
खुळा पारधी ग जाळ्यामंदी आला आला आला
ग तुला रुप्याची नथ मी घालीन
ग तुला मिरवत मिरवत नेईन
तुज्या फसव्या या जाल्याला अशी मी गावनार नाय
गोमू संगतीनं माझ्या तू येशील काय ?
आरं संगतीनं तुझ्या मी येणार ......हाय !
तुझ्या पिरतिची रानी मी होनार हाय !
गीतकार: सुधीर मोघे
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायक-गायिका: हेमंत कुमार, आशा भोसले
चित्रपट: हा खेळ सावल्यांचा
आपके पहलू मे आकर रो दिये
दास्तान-ए-गम सुनाकर रो दिये
जिंदगी ने कर दिया जब भी उदास
आ गये घबरा के हम मंझिल के पास
सर झुकाया, सर झुकाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये
शाम जब आंसू बहाती आ गयी
हर तरफ गम की उदासी छा गयी
दीप यादों के जलाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये
गम उदासी का सहा जाता नहीं
आपके बिन अब रहा जाता नहीं
प्यार में क्या-क्या गंवाकर रो दिये
दास्तान-ए-गम सुनाकर रो दिये
आपके पहलू मे आकर रो दिये
गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: मेरा साया
अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान
ये शोखियॉं ये बॉंकपन
जो तुझमें है कही नही
दिलो को जीतने का फन
जो तुझमें है कही नही
मैं तेरी, मैं तेरी ऑंखो में पा गया दो जहॉं
अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान
तू मीठे बोल जानेमन
जो मुस्कुराके बोल दे
तो धडकनो में आज भी
शराबी रंग घोल दे
ओ सनम, ओ सनम मैं तेरा आशिके-जॉंविदां
अय मेरी जोहरा जबीं, तुझे मालूम नही
तू अभी तक है हॅंसी और मैं जवान
तुझपे कुरबान मेरी जान मेरी जान
ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फिजायें
उठा धीरे-धीरे, वो चाँद प्यारा प्यारा
क्यों आग सी लगा के, गुमसुम हैं चांदनी
सोने भी नहीं देता, मौसम का ये इशारा
इठलाती हवा, नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यों बेचैन हैं दिल
जीवन में ना जाने क्या हैं कमी
क्यों आग सी लगा के, गुमसुम हैं चांदनी
सोने भी नहीं देता, मौसम का ये इशारा
ये रात भीगी-भीगी...
जो दिन के उजाले में ना मिला
दिल ढूंढें ऐसे सपने को
इस रात की जगमग में डूबी
मैं ढूंढ रही हूँ अपने को
ये रात भीगी-भीगी...
ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं
भूले से जो हम को याद करे
एक हलकी सी मुसकान से जो
सपनों का जहां आबाद करे
ये रात भीगी-भीगी...
जाओ रे जोगी तुम जाओ रे
ये हैं प्रेमिओं की नगरी, यहां प्रेम ही हैं पूजा
प्रेम की पीडा सच्चा सुख हैं
प्रेम बीना ये जीवन दुःख हैं, जाओ रे ...
जीवनसे कैसा छुटकारा
हैं नदिया के साथ किनारा, जाओ रे ...
ज्ञान की कैसी सीमा ज्ञानी
गागर में सागर का पानी, जाओ रे ...
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: आम्रपाली
वो जब याद आये, बहोत याद आये
गम-ए-जिन्दगी के, अँधेरे में हम हैं
चराग-ए-मोहब्बत जलाए, बुझाए
आहटे जाग उठी, रास्ते हँस दिए
थामकर दिल उठे, हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ हैं
चले आ रहे है, वो नज़रे झुकाए
दिल सुलगने लगा, अश्क बहने लगे
जाने क्या क्या हमे, लोग कहने लगे
मगर रोते रोते हँसी आ गयी हैं
खयालों में आ के वो जब मुस्कुराये
वो जुदा क्या हुए, जिन्दगी खो गयी
शम्मा जलती रही, रोशनी खो गयी
बहूत कोशिशें की, मगर दिल ना बहला
कई साज छेड़े, कई गीत गाए
गीतकार: फारूक कैसर
संगीतकार: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: पारसमणी
आप की नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे
दिल की ऐ धड़कन ठहर जा, मिल गयी मंझील मुझे
जी हमे मंजूर है, आप का ये फैसला
कह रही हैं हर नजर, बन्दा परवर शुक्रिया
हँस के अपनी जिन्दगी में, कर लिया शामिल मुझे
आप की मंझील हूँ मैं, मेरी मंझील आप है
क्यों मैं तूफ़ां से डरू, मेरा साहिल आप है
कोई तूफानोंसे कह दे, मिल गया साहिल मुझे
पड गयी दिल पर मेरे, आप की परछाईयाँ
हर तरफ बजने लगी, सेकड़ों शहनाईयां
दो जहां की आज खुशियाँ, हो गयी हासिल मुझे
गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: अनपढ
रहे ना रहे हम महका करेंगे
बन के कली, बन के सबा, बाग-ए-वफ़ा में
मौसम कोई हो इस चमन में रंग बन के रहेंगे हम खिरामा
चाहत की खुशबू यू ही ज़ुल्फों से उड़ेगी, खीजा हो या बहारें
यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे, बन के कली..
खोये हम ऐसे, क्या हैं मिलना, क्या बिछड़ना नहीं हैं याद हम को
कूंचे में दिल के जब से आये सिर्फ़ दिल की ज़मीं हैं याद हम को
इसी सरजमीं पे हम तो रहेंगे, बन के कली..
जब हम ना होंगे, जब हमारी खाँक़ पे तुम रुकोगे चलते चलते
अश्कों से भीगी चाँदनी में इक सदा सी सुनोगे चलते चलते
वही पे कही, हम तुम से मिलेंगे, बन के कली..
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: रोशन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: ममता
नैनो में बदरा छाये, बिजली सी चमके हाये
ऐसे में बलम मोहे, गरवा लगा ले
मदिरा में डूबी अखियाँ, चंचल हैं दोनों सखियाँ
छलती रहेगी तोहे, पलकों की प्यारी पखियाँ
शरमाके देंगी तोहे, मदिरा के प्याले
प्रेमदिवानी हूँ मैं, सपनों की रानी हूँ मैं
पिछले जनम से तेरी, प्रेम कहानी हूँ मैं
आ इस जनम में भी तू, अपना बना ले
गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: मेरा साया
तेरे सूर और मेरे गीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत
धड़कन में तू हैं समाया हुआ, ख़यालों में तू ही तू छाया हुआ
दुनिया के मेले में लाखों मिले, मगर तू ही तू दिल को भाया हुआ
मैं तेरी जोगन तू मेरा मीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत
मुझ को अगर भूल जाओगे तुम, मुझ से अगर दूर जाओगे तुम
मेरी मोहब्बत में तासीर हैं, तो खींचके मेरे पास आओगे तुम
देखो हमारी होगी जीत, दोनो मिलकर बनेगी प्रीत
गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: वसंत देसाई
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: गुंज उठी शहनाई
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नन्हा सा गुल खिलेगा अंगना
सुनी बैयां सजेगी सजना
जैसे खेले चंदा बादल में
खेलेगा वो तेरे आंचल मे
चंदनियां गुनगुनायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
तुझे थामे कई हातो से
मिलुंगा मदभरी रातो से
जगाके अनसुनी सी धडकन
बलमवा भर दुंगी तोरा मन
नई अदा से सतायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी
तभी तो चंचल है तेरे नैना
देखो ना..देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक-गायिका: किशोर कुमार,लता मंगेशकर
चित्रपट: अभिमान
जो वादा किया वो निभाना पडेगा
रोके ज़माना चाहे, रोके खुदाई, तुम को आना पडेगा
तरसती निगाहों ने आवाज दी है
मोहब्बत की राहों ने आवाज दी है
जान-ए-हया, जान-ए-अदा छोडो तरसाना
तुम को आना पडेगा
ये माना हमे जा से जाना पडेगा
पर ये समझ लो तुम ने जब भी पुकारा, हम को आना पडेगा
हम अपनी वफ़ा पे ना इल्जाम लेंगे
तुम्हे दिल दिया है, तुम्हे जान भी देंगे
जब इश्क का सौदा किया, फिर क्या घबराना, हम को आना पडेगा
चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे
ना टूटेंगे अब ये दो पयमान हमारे
एक दूसरा जब दे सदा, हो के दीवाना हम को आना पडेगा
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: ताजमहल
लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे
चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
हो गई मैली मोरी चुनरिया
कोरे बदन सी कोरी चुनरिया
जाके बाबुल से नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
भूल गई सब बचन बिदा के
खो गई मैं ससुराल में आके
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
कोरी चुनरिया आत्मा मोरी
मैल है माया जाल
वो दुनिया मोरे बाबुल का घर
ये दुनिया ससुराल
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: दिल ही तो है
स्वप्नाप्रमाणे भासेल सारे
जातील सार्या लयाला व्यथा
भवती सुखाचे स्वर्गीय वारे
नाही उदासी ना आर्तता
ना बंधने वा नाही गुलामी
भीती अनामी विसरेन मी
हरवेन मी, हरपेन मी
तरीही मला लाभेन मी
आशा उद्याच्या डोळ्यांत माझ्या
फुलतील कोमेजल्यावाचुनी
माझ्या मनीचे गूज घ्या जाणुनी
या वाहणार्या गाण्यातुनी
लहरेन मी, बहरेन मी,
शिशिरांतुनी उगवेन मी
तू जहां जहां चलेगा, मेरा साया साथ होगा
मेरा साया, मेरा साया, मेरा साया, मेरा साया
कभी मुझ को याद कर के जो बहेंगे तेरे आँसू
तो वही पे रोक लेंगे उन्हे आ के मेरे आँसू
तू जिधर का रुख़ करेगा, मेरा साया साथ होगा
तू अगर उदास होगा, तो उदास रहूंगी मैं भी
नज़र आऊ, या ना आऊ तेरे पास रहूंगी मैं भी
तू कही भी जा रहेगा, मेरा साया साथ होगा
मैं अगर बिछड़ भी जाऊ, कभी मेरा गम ना करना
मेरा प्यार याद कर के, कभी आँख नम ना करना
तू जो मूड के देख लेगा, मेरा साया साथ होगा
मेरे गम रहा हैं शामिल तेरे दुख में, तेरे गम में
मेरे प्यार ने दिया हैं, तेरा साथ हर जनम में
तू कोई जनम भी लेगा, मेरा साया साथ होगा
गीतकार: राजा मेहदी अली खान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: मेरा साया
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम हैं कहना
छोडो बेकार की, बातो में कही, बीत ना जाऽऽए रैना
कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुयी
तू, कौन है, तेरा नाम हैं क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुयी
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना
हम को जो, ताने देते है
हम खोये हैं, इन रंग रलियों में
हम ने उन को भी, छुप छुप के
आते देखा इन गलियों में
ये सच हैं, झूठी बात नहीं
तुम बोलो, ये सच हैं ना
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: आर डी बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: अमर प्रेम
आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
अभी तो मेरी जिंदगी हैं परेशां
कही मर के हो खाक भी ना परेशां
दिये की तरह से ना हम को जलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
मैं सांसों के हर तार में छूप रहा हू
मैं धडकन के हर राग में बस रहा हू
जरा दिल की जानिब निगाहे झुकाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
न होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लायी, आखियों में प्यार लायी
तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा
मीठी मीठी अगनी में, जले मोरा जियरा
ऐसे रिमझीम में, ओ सजन
प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख्वाबों में खो गये
सावली सलोनी घटा, जब जब छायी
आखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी
गीतकार:शैलेंद्र
संगीतकार:सलील चौधरी
गयिका: लता मंगेशकर
चित्रपट:परख
मंडळी इथे ह्या जालनिशीवर सादर केलेले हे माझे शंभरावे गाणे आहे.
ह्या जालनिशीची सुरुवात मी ज्यांच्या गाण्याने केली ते माझे सुगम संगीतातले आदर्श म्हणजे सुप्रसिद्ध संगीतकार आणि गायक श्री. सुधीर फडके.
महाकवी आणि गीत रामायणकार ग.दि. माडगूळकर विरचित ’पराधीन आहे जगती पुत्र मानवाचा’ ह्या गीताचे संगीत दिग्दर्शक आणि गायक आहेत स्वत: फडकेसाहेब....हे मी गायलेले गाणे, मी अतिशय विनम्रपणे ग.दि. माडगूळकर-सुधीर फडके ह्या अजरामर जोडीला अर्पण करत आहे.
इथे आजवर मी जी गाणी गायली ती गाण्यासाठी मला बहुतांशी मदत झाली ती सुप्रसिद्ध संगीतकार आणि वायोलिन वादक श्री.प्रभाकर जोग ह्यांच्या ’गाणारे वायोलिन’ची! त्याबद्दल मी त्यांचा शतश: ऋणी आहे.
मंडळी, गायक गातो आणि वाद्य त्याला साथ करतात...अशी सर्वसामान्य पद्धत आहे...पण मी काही खर्या अर्थाने गायक नाहीये...म्हणून मी वाद्यांच्या साथीने...म्हणजे त्यांच्या मागून गाण्याचा प्रयत्न करत असतो...त्यामुळे थोडेफार मागेपुढे होणे क्रमप्राप्त आहे...आपण सांभाळून घेता आहात म्हणूनच हे धाडस मी करतोय..हे वेगळे सांगायला नकोच. :)
दैवजात दुःखे भरतां दोष ना कुणाचा
पराधीन आहे जगतीं पुत्र मानवाचा
माय कैकयी ना दोषी, नव्हे दोषि तात
राज्यत्याग काननयात्रा, सर्व कर्मजात
खेळ चाललासे माझ्या पूर्वसंचिताचा
अंत उन्नतीचा पतनीं होइ या जगात
सर्व संग्रहाचा वत्सा, नाश हाच अंत
वियोगार्थ मीलन होतें, नेम हा जगाचा
जिवासवें जन्मे मृत्यू, जोड जन्मजात
दिसे भासतो तें सारें विश्व नाशवंत
काय शोक करिसी वेड्या, स्वप्निंच्या फळांचा ?
तात स्वर्गवासी झाले, बंधु ये वनांत
अतर्क्य ना झालें काहीं, जरी अकस्मात
मरण-कल्पनेशीं थांबे तर्क जाणत्यांचा
जरामरण यांतुन सुटला कोण प्राणिजात ?
दुःखमुक्त जगला का रे कुणी जीवनांत ?
वर्धमान तें तें चाले मार्ग रे क्षयाचा
दोन ओंडक्यांची होते सागरांत भेट
एक लाट तोडी दोघां, पुन्हा नाहिं गांठ
क्षणिक तेंवि आहे बाळा, मेळ माणसांचा
नको आंसु ढाळूं आतां, पूस लोचनांस
तुझा आणि माझा आहे वेगळा प्रवास
अयोध्येंत हो तूं राजा, रंक मी वनींचा
नको आग्रहानें मजसी परतवूंस व्यर्थ
पितृवचन पाळून दोघे होउं रे कृतार्थ
मुकुटकवच धारण करिं, कां वेष तापसाचा
संपल्याविना हीं वर्षें दशोत्तरीं चार
अयोध्येस नाहीं येणें, सत्य हें त्रिवार
तूंच एक स्वामी आतां राज्यसंपदेचा
पुन्हां नका येउं कोणी दूर या वनांत
प्रेमभाव तुमचा माझ्या जागता मनांत
मान वाढवी तूं लोकीं अयोध्यापुरीचा
गीतकार: ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार आणि गायक: सुधीर फडके
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
ना मैं तुम से, कोई उम्मीद रख्खू, दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी, तरफ देखो, ग़लत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन, लड़खड़ाये, मेरी बातों से
ना जाहीर हो, तुम्हारी, कश्मकश का, राज नजरों से
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
तुम्हें भी, कोई उलझन, रोकती हैं, पेशकदमी से,
मुझे, भी लोग, कहते हैं, की ये जलवे, पराये हैं
मेरे हमराह भी रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
मेरे हमराह भी, रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
तुम्हारे, साथ भी, गुज़री हुई रातों के, साये हैं
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
तार्रूफ, रोग हो जाये, तो उसको, भूलना बेहतर
ताल्लूक बोझ बन जाये, तो उसको, तोड़ना अच्छा
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक, लाना न हो मुमकिन
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे, एक, खूबसूरत मोड़ दे कर, छोड़ना अच्छा
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार....
वो दिन मेरी निगाहों में, वो यादें मेरी आहों में
ये दिल अबतक भटकता हैं, तेरी उल्फ़त की राहों में
सुनी सुनी राहें, सहमी सहमी बाहें
आँखों में हैं बरसों की प्यास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..
नज़र तुझ बिन मचलती हैं, मोहब्बत हाथ मलती हैं
चला आ मेरे परवाने, वफ़ा की शम्मा जलती हैं
ओ मेरे हमराही, फिरती हूँ घबरायी
जहां भी हैं आ जा मेरे पास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..
अधूरा हूँ मैं अफ़साना, जो याद आऊँ चले आना
मेरा जो हाल हैं तुझ बिन वो आ कर देख के जाना
भीगी भीगी पलकें, छम छम आँसू छलकें
खोई खोई आँखे हैं उदास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..
ये लाखों गम ये तनहाई, मोहब्बत की ये रुसवाई
कटी ऐसी कई रातें, ना तुम आये ना मौत आई
ये बिंदीयां का तारा, जैसे हो अंगारा
मेहंदी मेरे हाथों की उदास
नैना बरसे, रिमझिम, रिमझिम
नैना बरसे, बरसे,बरसे..
गीतकार: राजा मेहदी अलीखान
संगीतकार: मदन मोहन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: वह कौन थी
मेघा छाये आधी रात बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
सब के आंगन दिया जले रे, मोरे आंगन जिया
हवा लागे शूल जैसी, ताना मारे चुनरियां
आयी हैं आंसू की बरात, बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात बैरन बन गयी निंदियां
रूठ गये रे सपने सारे, टूट गयी रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे , फिर भी मन हैं प्यासा
किसे कहू रे मन की बात, बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात बैरन बन गयी निंदियां