मंगळवार, १३ नोव्हेंबर, २०१२

ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका...




ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
   
तेरे होंट क्या है, गुलाबी कंवल है
ये दो पत्तिया, प्यार की इक गज़ल है
वो नाजुक लबो से मुहब्बत की बाते
हमी को सुनाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
    
कभी घुल के मिलना, कभी खुद झिझकना
कभी रासतो पर बेहेकना मचलना
ये पलको की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में है
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया
ऐ फुलो की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया 

फिज़ाओ मे थंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओ की बडी मेहरबानी
हर इक पेच मे सैकडो मैकदे है
तेरा लडखडाना गज़ब हो गया
ऐ फुलों की रानी बहारो की मलिका
तेरा मुस्‌कुराना गज़ब हो गया

गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरझू

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