मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया जो लिखा था, आसूओं के संग बह गया एक हवा का झोंका आया, टूटा डाली से फूल ना पवन की, ना चमन की, किस की हैं ये भूल खो गयी खुशबू हवा में, कुछ ना रह गया उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां ना डगर हैं, ना खबर हैं, जाना हैं मुझ'को कहा बन के सपना, हमसफ़र का साथ रह गया गीतकार: एम. जी. हशमत संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी गायक: किशोर कुमार चित्रपट: कोरा कागज
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
शुक्रवार, ३१ जानेवारी, २०१४
मेरा जीवन कोरा कागज...
पिया बॉंवरी...
नीसागम नीऽऽधप पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पी कहॉं, पी कहॉं, पिया पिया बोले रे पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पिया बॉंवरी डार-डार पिया फुलों की चादर बुनी फुलों की चादर रंगों की झालर बुनी (२) भई बॉंवरी, हुई बॉंवरी, बॉंवरी हांऽऽ हांऽऽ पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पी कहॉं, पी कहॉं, धनीमरे पमग पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पिया बॉंवरी काले-काले पिया सावन के बादल चुने बादल चुन के ऑंखों में काजल घुले (२) हुई बॉंवरी, हुई सॉंवरी, हुं हुं हुं हुंऽऽऽ पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पी कहॉं, पी कहॉं, पिया पिया बोले रे पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी पिया बॉंवरी,पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी, पिया बॉंवरी गीतकार: गुलजार संगीतकार: राहुल देव बर्मन गायिका: आशा भोसले चित्रपट: खूबसुरत
ना ये चाँद होगा, ना तारे रहेंगे...
ना ये चाँद होगा, ना तारे रहेंगे मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे बिछड़कर चले जाये तुम से कही तो ये ना समझना मोहब्बत नही जहा भी रहे हम तुम्हारे रहेंगे जमाना अगर कुछ कहे भी तो क्या मगर तुम ना कहना हमें बेवफा तुम्हारे लिये हैं, तुम्हारे रहेंगे ये होगा सितम हम ने पहले ना जाना बना भी ना था, जल गया आशियाना कहा अब मोहब्बत के मारे रहेंगे गीतकार: एस. एच. बिहारी संगीतकार आणि गायक: हेमंतकुमार चित्रपट: शर्त
गुरुवार, ३० जानेवारी, २०१४
ये रात ये चांदनी फिर कहा...
ये रात ये चाँदनी फिर कहा, सुन जा दिल की दास्ताँ चाँदनी राते, प्यार की बातें, खो गयी जाने कहा आती हैं सदा तेरी, टूटे हुये तारों से आहट तेरी सुनती हूँ, खामोश नज़ारों से भीगी हवा उंदी घटा, कहती हैं तेरी कहानी तेरे लिए बेचैन है, शोलों में लिपटी जवानी सीने में बल खा रहा हैं धुवाँ लहरों के लबों पर हैं, खोये हुये अफ़साने गुलजार उम्मीदों के सब हो गये वीराने तेरा पता पाऊ कहा, सूने हैं सारे ठिकाने जाने कहा गुम हो गये, जा के वो अगले जमाने बरबाद हैं आरजू का जहाँ गीतकार: साहिर लुधियानवी संगीतकार: सचिन देव बर्मन गायक-गायिका: हेमंत कुमार-लता मंगेशकर चित्रपट: जाल
आधा है चंद्रमा रात आधी...
आधा है चंद्रमा रात आधी (२)
रह ना जाये तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
आधा है चंद्रमा रात आधी
रह ना जाये तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
आधा है चंद्रमा...
पिया आधी है प्यार की भाषा
आधी रहने दो मन की अभिलाषा (२)
आधे छलके नयन, आधे ढलके नयन
आधी पलकों मे भी है बरसात आधी
आधा है चंद्रमा रात आधी
रह ना जाये तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
आधा है चंद्रमा...
आस कब तक रहेगी अधुरी
प्यास होगी नही क्या ये पूरी (२)
प्यासा प्यासा पवन, प्यासा प्यासा गगन
प्यासे तारो की भी है बरसात आधी
आधा है चंद्रमा रात आधी
रह ना जाये तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
आधा है चंद्रमा...
सूर आधा है शाम का आधा
रहा राधा का प्यार भी आधा (२)
नैन आधे खिले, होठ आधे हिले
रही पल मे मिलन की वह बात आधी
आधा है चंद्रमा रात आधी
रह ना जाये तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
आधा है चंद्रमा...
गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: सी रामचंद्र
गायक-गायिका: महेंद्र कपूर, आशा भोसले
चित्रपट: नवरंग
बुधवार, २९ जानेवारी, २०१४
चल अकेला, चल अकेला....
चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला
हजारों मील लम्बे रास्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वासते तुझको बुलाते
है कौन सा वो इंसान यहाँ पर जिसने दुःख ना झेला
चल अकेला...
तेरा कोई साथ ना दे तो खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को करके अरे आकाश ओढ़ ले
यहाँ पूरा खेल अभी जीवन का तुने कहाँ है खेला
चल अकेला...
गीतकार: पदीप
संगीतकार: ओ.पी.नैय्यर
गायक: मुकेश
चित्रपट: संबंध
जीवन से लंबे, हैं बंधू
जीवन से लंबे, हैं बंधू ये जीवन के रस्ते, ये जीवन के रस्ते इक पल थम के रोना होगा, इक पल चलना हँस के ये जीवन के रस्ते, ये जीवन के रस्ते जीवन से लंबे, हैं बंधू...
राहो से राही का रिश्ता, कितने जनम पुराना एक को चलते, जाना आगे, एक को पीछे आना मोड पे मत रूक जाना, बंधू, दो राहो मे फँस के ये जीवन के रस्ते, ये जीवन के रस्ते जीवन से लंबे हैं बंधू... दिन और रात के हाथो नापी, नापी एक उमरिया साँस की डोरी, छोटी पड गयी, लंबी आस डगरिया भोर के मंझिलवाले, उठकर, भोर से पहले चलते ये जीवन के रस्ते, ये जीवन के रस्ते जीवन से लंबे हैं बंधू.... गीतकार: गुलजार संगीतकार: वसंत देसाई गायक: मन्ना डे चित्रपट: आशिर्वाद
रविवार, २६ जानेवारी, २०१४
भुली हुई यादों...
भुली हुई यादों, मुझे इतना ना, सतावो
अब चैन से, रहने दो, मेरे, पास ना, आवो
भुली हुई यादों...
दामन में लिये, बैठा हूँ, टूटे हुवे, तारे, टूटे हुवे, तारे
कब तक, मैं जियूँगा यूँही, खाबों के, सहारे, खाबों के सहारे
दिवाना हूँ , अब और ना, दिवाना बनावो
अब चैन से, रहने दो, मेरे, पास ना, आवो
भुली हुई यादों...
लूटो ना मुझे, इस तरह, दो राहे पे ला के, दो राहे पे ला के
आवाज ना दो, एक नयी, राह दिखा के, नयी राह दिखा के
सँभला हूँ मैं, गिर गिरके मुझे, फिर ना गिरावो
अब चैन से रहने दो, मेरे, पास ना, आवो
भुली हुई यादों, मुझे इतना ना, सतावो
अब चैन से रहने दो, मेरे, पास ना, आवो
भुली हुई यादों...
गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: मदन मोहन
गायक: मुकेश
चित्रपट: संजोग
हे चिंचेचे झाड....
हे चिंचेचे झाड दिसे मज चिनार वृक्षापरी
दिसशी तू, दिसशी तू, नवतरुणी काश्मिरी !
बघ निळसर पाणी झेलमचे झुळझुळे
हे गवत नव्हे गे पिवळे केशर मळे
ही किमया केवळ घडते प्रीतीमुळे
उघडे डोंगर आज हिमाचे मुगुट घालिती शिरी
रुसलीस उगा का जवळी ये ना जरा
गा गीत बुल्बुला माझ्या चितपाखरा
हा राग खरा की नखर्याचा मोहरा
कितीवार मी मरू तुझ्यावर किती करू शाहिरी
हर रंग दाविती गुलाब गहिरे, फिके
तुज दाल सरोवर दिसते का लाडके
पाण्यात तरंगे घरकुलसे होडके
त्यात बैसुनी मधुचंद्राची रात करू साजिरी
गीतकार: ग.दि. माडगूळकर
संगीतकार: एन दत्ता
गायक: महेंद्र कपूर
चित्रपट: मधुचंद्र
शोधिसी मानवा राऊळी, मंदिरी...
शोधिसी मानवा राऊळी, मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
मेघ हे दाटती कोठुनी अंबरी ?
सूर येती कसे वाजते बासरी ?
रोमरोमी फुले तीर्थ हे भूवरी
दूर इंद्रायणी, दूर ती पंढरी
गंध का हासतो पाकळी सारुनी ?
वाहते निर्झरी प्रेमसंजीवनी
भोवताली तुला साद घाली कुणी
खूण घे जाणुनी रूप हे ईश्वरी
भेटतो देव का पूजनी अर्चनी ?
पुण्य का लाभते दानधर्मातुनी ?
शोध रे दिव्यता आपुल्या जीवनी
आंधळा खेळ हा खेळशी कुठवरी ?
गीतकार: वंदना विटणकर
संगीतकार: श्रीकांत ठाकरे
गायक: मोहम्मद रफी
शनिवार, २५ जानेवारी, २०१४
झूम झूम के नाचो आज...
झूम झूम के नाचो आज, नाचो आज, गाओ खुशी के गीत आज किसी की हार हुई हैं, आज किसी की जीत गाओ खुशी के गीत... कोई किसी की आँख का तारा, जीवन साथी साजन प्यारा और कोई तकदीर का मारा, ढूँढ रहा हैं दिल का सहारा किसी को दिल का दर्द मिला हैं, किसी को मन का मीत गाओ खुशीके गीत... देखो तो कितना खुश हैं जमाना, दिल में उमंगें लब पे तराना दिल जो दुखे आँसू ना बहाना, ये तो यहाँ का ढंग पुराना इस को मिटाना, उस को बनाना, इस नगरी की रीत गाओ खुशी के गीत... झूम झूम के नाचो आज, नाचो आज, गाओ खुशी के गीत आज किसी की हार हुई हैं, आज किसी की जीत गाओ खुशी के गीत... गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार: नौशाद गायक: मुकेश चित्रपट: अंदाज
जिंदा हूँ इस तरह....
जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए-जिंदगी नही जलता हुआ दिया हूँ मगर रोशनी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... वो मुद्दते हुई है किसी से जुदा हुये लेकिन ये दिलकी आग अभी तक बुझी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... आने को आ चुका था किनारा भी सामने खुद उसके पास भी मेरी नैया गई नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... होटो के पास आये हँसी, क्या मजाल है दिलका मुआमला है कोई दिल्लगी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... ये चॉंद ये हवा ये फजा सब है मांद मांद जब तू नही तो इन में कोई दिलकशी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... गीतकार: बेहजाद लखनवी संगीतकार: राम गांगुली गायक: मुकेश चित्रपट: आग
शुक्रवार, २४ जानेवारी, २०१४
आ लौट के आजा मेरे मीत...
आ लौट के आजा मेरे मीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
मेरा सूना पड़ा रे संगीत
तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
बरसे गगन मेरे, बरसे नयन
देखो तरसे है मन, अब तो आजा
शीतल पवन ये लगाये अगन
हो सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा
तूने भली रे निभायी प्रीत
तुझे मेरे गीत...
इक पल है हँसना, इक पल है रोना
कैसा है जीवन का खेला
एक पल है मिलना, एक पल बिछुड़ना
दुनिया है दो दिन का मेला
ये घडी न जाए बीत
तुझे मेरे गीत...
गीतकार: भरत व्यास
संगीतकार: एस.एन. त्रिपाठी
गायक: मुकेश
चित्रपट: रानी रूपमती
ऐ दिल-ए-बे करार झूम...
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
अब्र-ए-बहार आ गया, दौर-ए-खिजा चला गया
इश्क मुराद पा गया, हुस्न की मच रही है धूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
छिटकी हुई है चांदनी, मस्ती मे है कली कली
झूम रही है जिंदगी, तू भी हजार बार झूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
तारे है माहताब है, हुस्न है और शबाब है
जिंदगी कामयाब है, आरझूओं का है हुजूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
तेरा नशा तेरा खुमार, अब है बहार ही बहार
पी के खुशी मे बार बार, पिर-ए-जवॉं के हाथ चूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
ऐ दिल-ए-बे करार झूम, ऐ दिल-ए-बे करार झूम
गीतकार: खुमार बाराबंक्वी
संगीतकार: नौशाद
गायक: कुंदनलाल सहगल
चित्रपट: शाहजहॉं
गुरुवार, २३ जानेवारी, २०१४
जाने वो कैसे लोग थे...
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगी काँटों का हार मिला
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो ग़म की गर्द मिली
चाहत के नग़मे चाहे तो आहें सर्द मिली
दिल के बोझ को दूना कर गया जो ग़मखार मिला
हमने तो जब...बिछड़ गया हर साथी देकर पल दो पल का साथ
किसको फ़ुरसत है जो थामे दीवानों का हाथ
हमको अपना साया तक अक्सर बेज़ार मिला
हमने तो जब...
इसको ही जीना कहते हैं तो यूँ ही जी लेंगे
उफ़ न करेंगे लब सी लेंगे आँसू पी लेंगे
ग़म से अब घबराना कैसा, ग़म सौ बार मिला
हमने तो जब...
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: एस.डी बर्मन
गायक: हेमंत कुमार
चित्रपट: प्यासा
मैं क्या जानूं क्या जादू है
मैं क्या जानूं क्या जादू है इन दो मतवाले नैंनों मे जादू है
एक एक अथाह सागर सा है इन दो मतवाले नैनों मे जादू है मैं क्या जानूं क्या जादू है
मन पुछ रहा है अब मुझसे नैनों ने कहा है क्या तुझसे जब नैन मिले नैनों ने कहा
अब नैन बसे के नैनों मे मैं क्या जानूं क्या जादू है गीतकार: केदार शर्मा संगीतकार: पंकज मलिक गायक: कुंदनलाल सहगल चित्रपट: जिंदगी
दिल जलता है तो जलने दो...
दिल जलता है तो जलने दे आँसू ना बहा फ़रियाद ना कर दिल जलता है तो जलने दे तू परदा नशीं का आशिक़ है यूं नाम-ए-वफ़ा बरबाद ना कर दिल जलता है तो जलने दे मासूम नजर के तीर चला बिस्मिल को बिस्मिल और बना अब शर्म-ओ-हया के परदे में यूं छुप छुप के बेदाद ना कर दिल जलता है तो जलने दे हम आस लगाये बैठे हैं तुम वादा करके भूल गये या सूरत आके दिखा जाओ या कह दो हमको प्यार ना कर दिल जलता है, दिल जलता है, दिल जलता है ... गीतकार: सफदर आह संगीतकार: अनिल विश्वास गायक: मुकेश चित्रपट: पहली नजर
बुधवार, २२ जानेवारी, २०१४
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना...
ओ साथी रे........... तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना, ओ साथी रे... तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना फुलो में कलियो में सपनो की गलियो में फुलो में कलियो में सपनो की गलियो में तेरे बिना कुछ कही ना, तेरे बिना भी क्या जीना ओ साथी रे...........तेरे बिना भी क्या जीना हर धडकन में प्यास हैं तेरी, सांसो में तेरी खुशबू है इस धरती से उस अंबर तक, मेरी नजर में तू ही तू है प्यार ये टूटे ना.... प्यार ये टूटेना, तू मुझसे रुठेना साथ ये छुटे कभी ना... तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना ओ साथी रे................ तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना तुज बिन जोगन मेरी राते, तुज बिन मेरे दिन बंजारे मेरा जीवन जलती भूमी, बुझे बुझे मेरे सपने सारे तेरे बिना मेरी... तेरे बिना मेरी, मेरे बिना तेरी ये जिंदगी जिंदगी ना, तेरे बिना भी क्या जीना, ओ साथी रे........ तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना तेरे बिना भी क्या जीना, तेरे बिना भी क्या जीना गीतकार : अंजान संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी गायक: किशोर कुमार चित्रपट: मुकद्दर का सिकंदर
सोमवार, २० जानेवारी, २०१४
कोई हमदम न रहा...
कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा हम किसी के न रहे, कोई हमारा न रहा शाम तनहाई की है, आयेगी मंझील कैसे जो मुझे राह दिखाए, वही तारा न रहा क्या बताऊ मैं कहा, यूँ ही चला जाता हूँ जो मूझे फिर से बुला ले, वो इशारा न रहा गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार आणि गायक: किशोर कुमार चित्रपट: झुमरू
जब दिल ही टूट गया...
प्रेमभंग झाल्यावर..एके काळी सगळ्या प्रेमी जीवांचे हेच आवडते गाणे असायचे...आणि ते ही सैगलसाहेबांच्या आवाजात गाण्याचा प्रयत्न करून आपली दर्दभरी दास्तान ऐकवायचे....त्यामुळे ऐकण्यातली मजा काही औरच असायची.
सांगणारा दु:खी असायचा...पण ऐकणारे आमच्यासारखे टवाळ श्रोते मात्र त्याची मजा लुटायचे. :ड
जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया
हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया...
उल्फत का दिया हमने इस दिल में जलाया था
उल्फत का दिया हमने इस दिल में जलाया था
उम्मीद के फुलों से इस घर को सजाया था
उम्मीद के फुलों से इस घर को सजाया था
इक भेदी लूट गया, इक भेदी लूट गया
हम जी के क्या करंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया...
मालूम ना था इतनी, मुश्किल हैं मेरी राहें
मुश्किल हैं मेरी राहें
मालूम ना था इतनी, मुश्किल हैं मेरी राहें
मुश्किल है मेरी राहें
अरमां के बहे ऑंसू, हसरत ने भरी आहें
अरमां के बहे ऑंसू, हसरत ने भरी आहें
हर साथी छूट गया, हर साथी छूट गया
हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया...
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: नौशाद
गायक: कुंदनलाल सहगल
चित्रपट: शाहजहॉं
रविवार, १९ जानेवारी, २०१४
तेरी दुनियॉं में दिल लगता नही...
माझ्या जन्माआधीच जन्माला आलेलं आणि गाजलेलं हे गाणं, मी पहिल्यांदा ऐकल्यापासूनचमला खूप आवडलंय आणि आज ते रूळासहित मला गायला मिळतंय...खूप छान वाटलं गाताना. मुकेश त्याच्या पार्श्वगायनाच्या कारकिर्दीच्या सुरुवातीला सैगलसाहेबांची नक्कल करून गायचा...असे म्हणत. बहुदा हे गाणं त्यापैकीच एक असावे असे मला वाटतंय. ह्या गाण्यातली भावना जरी निराशा व्यक्त करणारी असली तरी मला ह्या गाण्याच्या चालीतला संयतपणा आणि गोडवा खूप आवडतो. तेरी दुनियाँ में दिल लगता नही, वापस बुला ले मैं सजदे में गिरा हूँ, मुझ को ऐ मालिक उठा ले बहार आई थी, किस्मत ने मगर ये गुल खिलाया जलाया आशियाँ, सय्याद नें पर नोंच डाले भंवर का सर ना चकराये, न दिल लहरों का डूबे ले कश्ती आप कर दी मैने तूफां के हवाले गीतकार:केदार शर्मा संगीतकार: रोशन गायक: मुकेश चित्रपट: बावरे नैन
ये शाम मस्तानी...
ये शाम मस्तानी, मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे, तेरी और लिए जाए दूर रहती हैं तू, मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे जैसे के तू, हँस के जहर कोई पिए जाए बात जब मैं करू, मुझे रोक लेती हैं क्यों तेरी मीठी नजर, मुझे टोक देती हैं क्यों तेरी हया, तेरी शर्म तेरी कसम मेरे होठ सिये जाए एक रूठी हुयी, तकदीर जैसे कोई खामोश ऐसे हैं तू, तसवीर जैसे कोई तेरी नजर, बन के जुबान लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए गीतकार: आनंद बक्षी संगीतकार: राहुल देव बर्मन गायक: किशोर कुमार चित्रपट: कटी पतंग
ये मेरा दिवानापन है...
दिल से तुझको बेदिली है, मुझको है दिल का गुरूर
तू ये माने के न माने, लोग मानेंगे ज़ुरूर
ये मेरा दीवानापन है
या मोहोब्बत का सुरूर
तू न पहचाने, तो है ये
तेरी नज़रों का क़ुसूर
दिल को तेरी ही तमन्ना, दिल को है तुझसे ही प्यार
चाहे तू आए न आए, हम करेंगे इंतज़ार
ये मेरा दीवानापन है...
ऐसे वीराने में एक दिन, घुट के मर जाएंगे हम
जितना जी चाहे पुकारो, फिर नहीं आएंगे हम
ये मेरा दीवानापन है.
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
चित्रपट: यहुदी
शनिवार, १८ जानेवारी, २०१४
लाखों हैं निगाह में....
लाखों हैं निगाह में, जिंदगी की राह में, सनम हसीन जवॉं, होठो में गुलाब है, ऑंखो में शराब है, लेकिन वोह बात कहॉं ? लट है किसी की जादू का जाल, रंग डाले दिले पे किसी का जमाल(२) तौबा ये निगाहें, के रोकती है राहें(२) देखो ले ले के तीरकमान...ओये लाखों हैं निगाह में, जिंदगी की राह में, सनम हसीन जवॉं, होठो में गुलाब है, ऑंखो में शराब है, लेकिन वोह बात कहॉं ? जानू ना दिवाना मैं दिल का कौन है खयालों की मलिका(२) भीगी भीगी रूत की छावों तले मान लो कहीं वोह आ न मिले(२) कैसे पेहचानू,के नाम नहीं जानू(२) किसे ढुंढें मेरे अरमान...ओये लाखों हैं निगाह में, जिंदगी की राह में, सनम हसीन जवॉं, होठो में गुलाब है, ऑंखो में शराब है, लेकिन वोह बात कहॉं ? कभी कभी वोह इक माहजबीं डोलती है दिल के पास कहीं(२) हैं जो यही बातें, तो होंगी मुलाकातें(२) कभी यहॉं नहीं तो वहॉं...ओये लाखों हैं निगाह में, जिंदगी की राह में, सनम हसीन जवॉं, होठो में गुलाब है, ऑंखो में शराब है, लेकिन वोह बात कहॉं ? गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार: ओ.पी.नय्यर गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: फिर वोही दिल लाया हूँ |
शुक्रवार, १७ जानेवारी, २०१४
रसिक बलमा...
रसिक बलमा, हाये दिल क्यो लगाया तोसे दिल क्यो लगाया, जैसे रोग लगाया जब याद आये तिहारी, सूरत वो प्यारी प्यारी नेहा लगा के हारी, तड़पू मैं गम की मारी ढूँढे हैं पागल नैना, पाये ना एक पल चैना ड़सती हैं उजली रैना, का से कहू मैं बैना गीतकार: हसरत जयपूरी संगीतकार: शंकर-जयकिशन गायिका: लता मंगेशकर चित्रपट: चोरी चोरी
जरा सामने तो आओ छलिये...
जरा सामने तो आओ छलिये, छुप छुप छलने में क्या राज है यूं छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज है...(२) जरा सामने तो आओ छलिये... हम तुम्हे चाहे तुम नही चाहो ऐसा कभी ना हो सकता पिता अपने बालक से बिछुडके सुख से कभी ना सो सकता हमे डरने की जग में क्या बात है जब हात मे तिहारे मेरी लाज है यूं छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज है जरा सामने तो आओ छलिये... प्रेम की है ये आग सजन जो इधर उठे और उधर लगे प्यार का है ये तार पिया जो इधर सजे और उधर बजे तेरी प्रीत पे बडा हमे नाझ है मेरे सर का तू ही रे सरताज है यूं छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज है जरा सामने तो आओ छलिये, छुप छुप छलने में क्या राज है यूं छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज है जरा सामने तो आओ छलिये... गीतकार: भरत व्यास संगीतकार: एस. एन. त्रिपाठी गायक-गायिका: मोहम्मद रफी-लता मंगेशकर चित्रपट: जनम जनम के पेहेरे
गुरुवार, १६ जानेवारी, २०१४
सुख के सब साथी...
सुख के सब साथी, दुख में ना कोई मेरे राम, तेरा नाम एक साचा दूजा ना कोई जीवन आनी जानी छाया, झूठी माया, झूठी काया फिर काहे को सारी उमरियाँ, पाप की गठड़ी ढोई ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा, ये जग जोगीवाला फेरा राजा हो या रंक सभी का, अंत एक सा होई बाहर की तू मांटी फांके, मन के भीतर क्यों ना झांके उजले तन पर मान किया, और मन की मैल ना धोई गीतकार: राजेंद्र कृष्ण संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: गोपी
बुधवार, १५ जानेवारी, २०१४
राधा ही बावरी...
काका, तुम्ही नेहमी जुनीच गाणी गाता..कधी तरी आमच्यासाठी एखादे नवे गाणेही गा ना...अशी इच्छा माझ्या जालावरच्या एक-दोन पुतण्यांनी व्यक्त केली....म्हणून ही हिंमत करतोय...एरवी हे गाणं माझ्यासारख्या वयस्काच्या आवाजासाठी मुळीच नाहीये हे मलाही माहीत आहे..आता ऐका आणि गोड मानून घ्या.
रंगात रंग तो श्यामरंग पाहण्या नजर भिरभिरते
ऐकून तान विसरून भान ही वाट कुणाची बघते
त्या सप्तसुरांच्या लाटेवरुनि साद ऐकुनी होई -
राधा ही बावरी, हरीची राधा ही बावरी !
हिरव्याहिरव्या झाडांची पिवळी पाने झुलताना
चिंब चिंब देहावरुनी श्रावणधारा झरताना
हा दरवळणारा गंध मातीचा मनास बिलगून जाई
हा उनाड वारा गूज प्रीतिचे कानी सांगून जाई
त्या सप्तसुरांच्या लाटेवरुनि साद ऐकुनी होई -
राधा ही बावरी, हरीची राधा ही बावरी !
आज इथे या तरुतळी सूर वेणुचे खुणावती
तुजसामोरी जाताना उगा पाऊले घुटमळती
हे स्वप्न असे की सत्य म्हणावे राधा हरखून जाई
हा चंद्र चांदणे ढगा आडुनी प्रेम तयांचे पाही
त्या सप्तसुरांच्या लाटेवरुनि साद ऐकुनी होई -
राधा ही बावरी, हरीची राधा ही बावरी !
गीतकार आणि संगीतकार: अशोक पत्की
गायक: स्वप्नील बांदोडकर
रविवार, १२ जानेवारी, २०१४
ओ दुनियाँ के रखवाले
ह्या जालनिशीसाठी गायलेले हे २०० वे गाणे आहे (ह्या जालनिशीत ’यारी है इमान मेरा’ हे एक गाणं माझे मित्र श्री. शैलेंद्र साठे ह्यांनी गायलेलंही सामील केलेलं आहे.)
नौशाद साहेबांचं जादूई संगीत आणि मोहम्मद रफी साहेबांचा स्वर्गीय आवाज ज्या अनेक गाण्यांना लाभलाय त्यातले हे माझे सगळ्यात आवडते गाणे आहे...एक काळ असा होता की मी हेच गाणं, मूळ पट्टीत
(रफीसाहेबांनी गायलेल्या) गाऊ शकत होतो पण तेव्हा हे ध्वनीमुद्रणाचं तंत्र मला अवगत नव्हतं आणि आज ते तंत्र काही प्रमाणात अवगत झालंय तर वयोमानानुसार आवाज मनासारखा काम देत नाहीये..पण माझं आवडतं गाणं गाण्याची माझी इच्छा दूर्दम्य असल्यामुळे गाण्याच्या मूळ पट्टीपेक्षा बर्याच खालच्या पट्टीत का होईना पण गाण्याचा मी प्रामाणिक प्रयत्न केला आहे...तो कितपत जमलाय ते आता आपणच ठरवा.
ओ दुनियाँ के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले आशा निराशा के दो रंगो से दुनियाँ तू ने बनाई नैय्या संग तूफान बनाया, मिलन के साथ जुदाई जा देख लिया हरजाई लूट गयी मेरे प्यार की नगरी, अब तो नीर बहा ले आग बनी सावन की बरखा, फूल बने अंगारे नागण बन गयी रात सुहानी, पत्थर बन गये तारे सब टूट चूके हैं सहारे जीवन अपना वापस ले ले, जीवन देने वाले चाँद को ढूँढे पागल सूरज, शाम को ढूँढे सवेरा मैं भी ढूंढू उस प्रीतम को, हो ना सका जो मेरा भगवान भला हो तेरा किस्मत फूटी आस ना टूटी, पाँव में पड़ गये छाले महल उदास और गलिया सुनी, चूप चूप हैं दीवारे दिल क्या उजड़ा, दुनियाँ उजड़ी, रूठ गयी हैं बहारे हम जीवन कैसे गुज़ारे मंदीर गिरता फिर बन जाता, दिल को कौन संभाले गीतकार: शकील बदायुनी संगीतकार: नौशाद गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: बैजू बावरा
शनिवार, ११ जानेवारी, २०१४
तू गंगा की मौज, मैं...
अकेली मत जईयो, राधे जमुना के तीर तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा हो रहेगा मिलन ये हमारा तुम्हारा अगर तू हैं सागर तो मझधार मैं हूँ तेरे दिल की कश्ती का पतवार मैं हूँ चलेगी अकेले ना तुम से ये नैय्या मिलेगी ना मंज़िल तुम्हे बिन खेवय्या चले आओ जी, चले आओ जी चले आओ मौजों का लेकर सहारा भला कैसे टूटेंगे बंधन ये दिल के बिछड़ती नहीं मौज से मौज मिल के छूपोगे भंवर में तो छूपने ना देंगे डूबो देंगे नैय्या, तुम्हे ढूँढ लेंगे बनायेंगे हम, बनायेंगे हम बनायेंगे तूफाँ को एक दिन किनारा गीतकार: शकिल बदायुनी संगीतकार नौशाद गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: बैजू बावरा
तेरी जुल्फों से जुदाई...
तेरी जुल्फों से जुदाई तो नही मॉंगी थी,
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे
प्यार मॉंगा था , खुदाई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
मेरा हक था तेरी, ऑंखो की छलकती मय पर
मेरा हक था तेरी, ऑंखो की छलकती मय पर
चीज अपनी थी, पराई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
अपने बिमार पे, इतना भी सितम ठीक नही
अपने बिमार पे, इतना भी सितम ठीक नही
तेरी उल्फत मे बुराई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
चाहनेवालों को कभी, तूने सितम भी ना दिया
चाहनेवालों को कभी, तूने सितम भी ना दिया
तेरी महफिल से, रसोई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार शंकर-जयकिशन
गायक: मोहम्म्द रफी
चित्रपट: जब प्यार किसीसे होता है
शुक्रवार, १० जानेवारी, २०१४
ये दुनिया, ये महफिल...
ये दुनिया, ये महफिल,
मेरे काम की नही, मेरे काम की नही
किसको सुनाऊं हाल दिल-ए-बेकरार का
बुझता हुआ चराग हूँ अपने मजार का
ऐ काश भूल जाऊ मगर भूलता नही
किस धूम से उठा जनाजा बहार का
ये दुनिया ये...
अपना पता मिले ना खबर यार की मिले
दुश्मन को भी ना ऐसी सजा प्यार की मिले
उनको खुदा मिले है खुदा की जिन्हे तलाश
मुझको बस एक झलक मेरे दिलदार की मिले
ये दुनिया, ये ....
सहरा मे आके भी मुझको ठिकाना ना मिला
गम को भुलाने को कोई बहाना ना मिला
दिल तरसे जिसमें प्यार को, क्या समझू उस संसार को
इक जीती बाजी हार के, मैं ढुंढू बिछडे यार को
ये दुनिया, ये...
दूर निगाहों से ऑंसू बहाता है कोई
कैसे ना जाऊं मैं मुझको बुलाता है कोई
या टूटे दिल को जोड दो, या सारे बंधन तोड दो
ऐ परबत रस्ता दे मुझे, ऐ कॉंटो दामन छोड दो
ये दुनिया, ये...
गीतकार: कैफी आझमी
संगीतकार: मदन मोहन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: हीर-रांझा
बुधवार, ८ जानेवारी, २०१४
प्रीतिच्या चांदराती...
प्रीतिच्या चांदराती घेऊनी हात हाती
जोडू अमोल नाती, ये ना,
ये प्रिये !
फुलला हा कुंज सारा, हसली पाने फुले
रुसवा आता कशाला अधरी प्रीती फुले
हासते.... चांदणे !
सरला आता दुरावा, मिटती का लोचने
सखये या मीलनाला नुरले काही उणे
हात दे, साथ दे !
गीतकार: शांताराम नांदगांवकर
संगीतकार: अनिल-अरूण
गायक: हेमंतकुमार
गम दिये मुस्तकिल...
आवाज माझाच ठेवून मी केवळ सहगलसाहेबांच्या शैलीची नक्कल करण्याचा इथे प्रयत्न केलाय.. मूळ रूळ मिळत नसल्यामुळे इथे वापरलेला रूळ रिमिक्स पद्धतीचा आहे ह्याची कृपया नोंद घ्यावी.
गम दिये मुस्तकिल
कितना नाजुक है दिल, ये ना जाना
हाय हाय ये जालिम जमाना
दे उठे दाग लो
उनसे ऐ मह-नो, कह सुनाना
हाय हाय ये जालिम जमाना
दिल के हाथों से दामन छुडाकर
गम की नजरों से नजरें बचाकर
दिल के हाथों से दामन छुडाकर
गम की नजरों से नजरें बचाकर
उठके वोह चल दिये
कहते ही रह गये, हम फसाना
हाय हाय ये जालिम जमाना
कोई मेरी ये रुदाद देखे
ये मुहब्बत की बेदाद देखे
कोई मेरी ये रुदाद देखे
ये मुहब्बत की बेदाद देखे
फुक रहा है जिकर
पड रहा है मगर, मुस्कुराना
हाय हाय ये जालिम जमाना
गम दिये मुस्तकिल
कितना नाजुक है दिल, ये ना जाना
हाय हाय ये जालिम जमाना
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार : नौशाद
गायक: कुंदनलाल सहगल
चित्रपट: शाहजहॉं
सोमवार, ६ जानेवारी, २०१४
आज पुरानी राहों से...
आज पुरानी राहों से, कोई मुझे आवाज़ ना दे दर्द में डूबे गीत ना दे, गम का सिसकता साज़ ना दे बीते दिनों की याद थी जिन में, मैं वो तराने भूल चूका आज नयी मंज़िल हैं मेरी, कल के ठिकाने भूल चूका ना वो दिल ना सनम, ना वो दिन धरम अब दूर हूँ सारे गुनाहों से टूट चुके सब प्यार के बंधन, आज कोई जंजीर नहीं शीशा-ए-दिल में अरमानों की, आज कोई तसवीर नहीं अब शाद हूँ मैं, आज़ाद हूँ मैं कुछ काम नहीं हैं आहों से जीवन बदला, दुनियाँ बदली, मन को अनोखा ज्ञान मिला आज मुझे अपने ही दिल में, एक नया इंसान मिला पहुँचा हूँ वहाँ, नहीं दूर जहाँ भगवान भी मेरी निगाहों से गीतकार: शकिल बदायुनी संगीतकार: नौशाद गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: आदमी
याद ना जाये
याद ना जाये, बीते दिनों की जा के ना आये जो दिन दिल क्यों बुलाये, उन्हें दिल क्यों बुलाये? दिन जो पखेरू होते, पिंजरें में मैं रख लेता पालता उनको जतन से, मोती के दाने देता सीने से रहता लगाये तसवीर उनकी छूपा के, रख दू जहाँ जी चाहे मन में बसी ये मूरत लेकिन मिटे ना मिटाये कहने को हैं वो पराये गीतकार: शैलेंद्र संगीतकार: शंकर-जयकिशन गायक : मोहम्मद रफी चित्रपट: दिल एक मंदिर
रविवार, ५ जानेवारी, २०१४
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा...
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा ये क्या बात हैं, आज की चाँदनी में के हम खो गये, प्यार की रागनी में ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें लो आने लगा जिंदगी का मज़ा सितारों की महफ़िल नें कर के इशारा कहा अब तो सारा, जहाँ हैं तुम्हारा मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो करे कोई दिल आरजू और क्या कसम हैं तुम्हे, तुम अगर मुझ से रूठे रहे साँस जब तक ये बंधन ना टूटे तुम्हे दिल दिया हैं, ये वादा किया हैं सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा गीतकार: शैलेंद्र संगीतकार: रवी गायक-गायिका: किशोर कुमार-आशा भोसले चित्रपट: दिल्ली का ठग
अजीब दास्तॉं हैं ये...
अजीब दास्ताँ हैं ये, कहॉं शुरू कहॉं ख़तम ये मंझीले हैं कौन सी, न वो समझ सके ना हम ये रोशनी के साथ क्यूं, धुवां उठा चिराग से ये ख्वाब देखती हूँ मैं, के जग पडी हूँ ख्वाब से मुबारके तुम्हे के तुम किसी के नूर हो गए किसी के इतने पास हो, के सब से दूर हो गए किसी का प्यार ले के तुम नया जहां बसाओगे ये शाम जब भी आयेगी, तुम हम को याद आओगे गीतकार: शैलेंद्र संगीतकार: शंकर-जयकिशन गायिका: लता मंगेशकर चित्रपट: दिल अपना और प्रीत पराई
आजा सनम,मधुर चॉंदनी में हम...
आजा सनम, मधुर चाँदनी में हम तुम मिले तो वीराने में भी आ जाएगी बहार झुमने लगेगा आसमान, झुमने लगेगा आसमान कहता हैं दिल और मचलता हैं दिल मोरे साजन ले चल मुझे तारों के पार लगता नहीं हैं दिल यहाँ, लगता नहीं हैं दिल यहाँ भीगी भीगी रात में, दिल का दामन थाम ले खोई खोई जिंदगी, हर दम तेरा नाम ले चाँद की बहकी नज़र, कह रही हैं प्यार कर जिंदगी हैं एक सफ़र, कौन जाने कल किधर दिल ये चाहे आज तो, बादल बन उड़ जाऊ मैं दुल्हन जैसा आसमां , धरती पर ले आऊ मैं चाँद का डोला सजे, धूम तारों में मचे झूम के दुनियाँ कहे, प्यार में दो दिल मिले गीतकार: हसरत जयपूरी संगीतकार: शंकर जयकिशन गायक-गायिका: मन्ना डे आणि लता मंगेशकर चित्रपट: चोरी चोरी
शनिवार, ४ जानेवारी, २०१४
बाजे, मुरलिया बाजे
इथे मी रूळ म्हणून ज्याचा वापर केलाय ते श्री. नरेंद्र साळसकरांचे गिटारवादन आहे...त्यांना माझ्यातर्फे खास धन्यवाद.
विमुख शिखर से धारा
धाये राधा हरी सन्मुख आये
बॉंसुरिया हरि सॉंवरिया की
राधा गोरी सून भावे
बाजे मुरलिया बाजे, बाजे रे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे, बाजे रे मुरलिया बाजे।
अधर धरे मोहन मुरली पर,
होंठ पे माया बिराजे॥
बाजे मुरलिया बाजे, बाजे रे मुरलिया बाजे।
हरे हरे बांस की बनी मुरलिया,
मरम मरम को छुवे अंगुरिया।
चंचल चतुर अंगुरिया जिस पर,
कनक मुन्दरिया साजे॥
पीली मुन्दरी अंगूरी श्याम,
मुन्दरी पे राधा का नाम।
आखर देखे सुने मधुर स्वर,
राधा गोरी लाजे॥
भूल गयी राधा भरी गागरिया,
भूल गए गो धन को सांवरिया।
जाने ना जाने एह दो जाने,
जाने लग जग राजे॥
गीतकार: नरेंद्र शर्मा
संगीतकार: श्रीनिवास खळे
गायक-गायिका: भीमसेन जोशी-लता मंगेशकर
कानडा हो विठ्ठलू...
इथे मी रूळ म्हणून ज्याचा वापर केलाय ते श्री. नरेंद्र साळसकरांचे गिटारवादन आहे...त्यांना माझ्यातर्फे खास धन्यवाद.
पांडुरंगकांती दिव्य तेज झळकती ।
रत्नकीळ फांकती प्रभा ।
अगणित लावण्य तेजःपुंजाळले ।
न वर्णवे तेथींची शोभा ॥१॥
कानडा हो विठ्ठलु कर्नाटकु ।
तेणें मज लावियला वेधु ।
खोळ बुंथी घेऊनि खुणाची पालवी ।
आळविल्या नेदी सादु ॥२॥
शब्देंविण संवादु दुजेंवीण अनुवादु ।
हें तंव कैसेंनि गमे ।
परेहि परतें बोलणें खुंटलें ।
वैखरी कैसेंनि सांगें ॥३॥
पाया पडूं गेलें तंव पाउलचि न दिसे ।
उभाचि स्वयंभु असे ।
समोर कीं पाठिमोरा न कळे ।
ठकचि पडिलें कैसें ॥४॥
क्षेमालागी जीव उतावीळ माझा ।
म्हणवूनि स्फुरताती बाहो ।
क्षेम देऊं गेलें तंव मीचि मी एकली ।
आसावला जीव राहो ॥५॥
बाप रखुमदेवीवरू हृदयीचा जाणूनी ।
अनुभवू सौरसू केला ।
दृष्टीचा डोळा पाहो गेले तव ।
भीतरी पालटू झाला ॥ ६ ॥
रचनाकार: संत ज्ञानेश्वर
संगीतकार: हृदयनाथ मंगेशकर
गायिका: आशा भोसले
याची सदस्यत्व घ्या:
पोस्ट (Atom)