नाही खर्चली कवडी दमडी, नाही वेचला दाम
विकत घेतला श्याम, बाई मी विकत घेतला श्याम
कुणी म्हणे ही असेल चोरी, कुणा वाटते असे उधारी
जन्मभरीच्या श्वासाइतुके, मोजियले हरी नाम
बाळ गुराखी यमुनेवरचा, गुलाम काळा संतांघरचा
हाच तुक्याचा विठठल आणि दासाचा श्रीराम
जितुके मालक, तितुकी नावे, हृदये तितुकी याची गावे
कुणी न ओळखी तरिही याला, दिन अनाथ अनाम
गीतकार:ग.दि.माडगूळकर
संगीतकार: सुधीर फडके
गायक-गायिका: सुधीर फडके,आशा भोसले
माझ्या जन्माच्या वेळी म्हणजे १९५२ साली प्रकाशित झालेलं हे गाणं
आजही तेवढेच ताजंतवानं वाटतंय. :)
ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू तेरी जूस्तजू में बहार है
तुझे क्या खबर है ओ बे खबर
तेरी इक नजर में है क्या असर
जो गज़ब मे आये तो केहर है
जो हो मेहरबां तो करार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात,ये चांदनी...
तेरी बात बात है दिल नशी
कोई तुझ से बढ के नही हसीं
है कली कली पे जो मस्तियां
तेरी आंखका ये खुमार है
मुझे क्यूं ना हो तेरी आरझू, तेरी जूस्तजू में बहार है
ये हवा, ये रात, ये चांदनी, तेरी इक अदा पे निसार हैं
हे माझं ह्या जालनिशीवरचं ५० वं गाणं आहे....
हा प्रयत्न कितपत यशस्वी झालाय सांगा...मी स्वत: अजून पूर्ण समाधानी नाहीये..
पण सद्द्या तरी ह्यापेक्षा जास्त चांगलं मला गाता येत नाहीये.
ज़िंदगी भर नही भुलेगी वो बरसात की रात
एक अन्जान हसीना से मुलाकात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
हाय वो रेशमी ज़ुल्फो से बरसता पानी
फुल से गालो पे रुकने को तरसता पानी
दिल मे तुफान उठाते हुवे जज़बात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
डरके बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखाके सिमटना उसका
कभी देखी ना सुनी ऐसी तिलिस्मातकी रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
सुर्ख आचल को दबाकर जो निचोडा उसने
दिल पे जलता हुवा एक तीर सा छोडा उसने
आग पानी मे लगाते हुवे
आग पानी मे लगाते हुवे हालात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
मेरे नग़मो मे जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसी ख्वाब की तावीर थी वो
आसमानो से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िंदगी भर नही भुलेगी
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रोशन
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी
चित्रपट: बरसात की रात
खरं तर ह्या गाण्याला माझा आवाज अजिबात पोषक नाहीये हे कळतंय..
पण मला हे गाणं आवडत असल्यामुळे मुद्दाम गायचा प्रयत्न केलाय मी.
प्रभाती सूर नभी रंगती, दशदिशा भूपाळी म्हणती
पानोपानी अमृत शिंपित, उषा हासरी हसते धुंदित
जागी होऊन फुले सुगंधित, तालावर डोलती
कृषीवलाची हाक ऐकूनी, मोट धावते शेतामधूनी
पक्षी अपुल्या मधूर स्वरांनी, स्वरांत स्वर मिळविती
प्रसन्न वदनी सुहासिनी कुणी, सडे शिंपिती मृदुल करांनी
श्रीविष्णुचे नाम स्मरुनी, तार कुणी छेडिती
गीतकार : रमेश आणावकर
संगीतकार: वसंत प्रभू
गायिका: आशा भोसले
चंदनसा बदन चंचल चितवन
धीरेसे तेरा ये मुसकाना
मुझे दोष ना देना जगवालों
हो जाऊ अगर मैं दिवाना
ये काम कमान भवें तेरी
पलकोंके किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होठो पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड जाये
आबाद हो दिलका विराना
चंदनसा बदन चंचल चितवन
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरताकी मूरत है
किसी औरको शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरूरत है
पहले भी बहोत मैं तरसा हूँ
तू और न दिलको तरसाना
गीतकार: इंदीवर
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट सरस्वतीचंद्र
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जूड गयी
मै मूडा तो साथ साथ राह मूड गयी
हवाके परोपर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
दिनने हाथ थामकर इधर बिठा लिया
रातने इशारेसे उधर बुला लिया
सुबहसे शामसे मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोलीभाली है दो नैना सीधेसादे हैं
दो नैना सीधेसादे हैं
ऐसाही रूप खयालोंमें था ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
मेरी खुशियांही ना बॉंटे मेरे गमभी सेहना चाहे
मेरी खुशियांही ना बॉंटे मेरे गमभी सेहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलोंके मेरे दिलमें रेहना चाहे
मेरे दिलमें रेहना चाहे
इस दुनियामें कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
चॉंदसी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
हॉं तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट हिमालयकी गोदमें
एका तळ्यात होती, बदके पिले सुरेख
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
कोणी न त्यास घेई, खेळावयास संगे
सर्वाहूनी निराळे ते वेगळे तरंगे
दावूनि बोट त्याला, म्हणती हसून लोक
आहे कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
पिल्लास दुःख भारी, भोळे रडे स्वतःशी
भावंड ना विचारी, सांगेल ते कुणाशी ?
जे ते तयास टोची, दावी उगाच धाक
होते कुरुप वेडे, पिल्लू तयात एक
एके दिनी परंतू, पिल्लास त्या कळाले
भय वेड पार त्याचे, वार्यासवे पळाले
पाण्यात पाहताना, चोरुनिया क्षणैक
त्याचेच त्या कळाले, तो राजहंस एक
गीतकार:ग.दि. माडगुळकर
संगीतकार: श्रीनिवास खळे
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: सुखाचे सोबती
ज़िंदगी देनेवाले सून
तेरी दुनियासे दिल भर गया
मैं यहॉं जीते जी मर गया
रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
ऑंख विरान है, दिल परेशान है
ग़मका सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...
बेखता तूने मुझसे खुशी छीन ली
ज़िंदा रखा मगर ज़िंदगी छीन ली
कर दिया दिलका ख़ून चूप कहॉं तक रहूँ
साफ क्यूँ ना कहूँ
तू खुशीसे मेरी डर गया
ज़िंदगी देनेवाले सून...
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गम की दुनियासे दिल भर गया
ढुंढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
चल जहां गमके मारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
झुटी आशा के तारे ना हो
इन बहारोसे क्या फायदा
जिसमें दिलकी कली जल गई
जख्म फिरसे हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कही और चल
चार आंसू कोई रो दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
फेरके मुंह कोई चल दिया
लुट रहा था किसीका जहां
देखती रह गई ये जमीं
चूप रहा बेरहम आसमां
ऐ मेरे दिल कहीं और चल
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: तलत महमूद
चित्रपट: दाग
तुझे दिलके आईनेमे मैने बार बार देखा
तेरी अखरियोंमे देखा तो छलकता प्यार देखा
तेरा तीर मैने देखा तो जिगरके पार देखा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
तेरा रंग है सलोना तेरे अंगमें लचक है
तेरी बातमें है जादू तेरे बोलमें खनक है
तेरी हर अदा मुहब्बत तू जमीं की खनक है
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
मेरा दिल लुभा रहा है तेरा रूप सादा सादा
ये झुकीझुकी निगाहें करे प्यार और ज्यादा
मैं तुझीपे जान दूंगा, है यही मेरा इरादा
मैं कहीं कवी ना बन जाऊं
तेरे प्यारमें ऐ कविता
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: प्यार ही प्यार
ओ हो आ हा
ओ जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जिया ओ जिया कुछ बोल दो...
नजरोसे जितने तीर चले, चलने दो जिगर पर झेलेंगे
इन प्यारकी उजली राहोंपर हम जानकी बाजी खेलेंगे
इन दो नैनोंके सागरमें,कोई दिलकी नैया डुबोता है
जिया ओ,जिया ओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो...
तुमभी तो इस आगमें जलते हो, चेहरेसे बयॉं हो जाता हैं
हर बातपे आहे भरते हो, हर बातपे दिल थर्राता है
जब दिलपे छुरिया चलती हैं, तब चैनसे कोई सोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
आहा हा हा हा
जब प्यार किसीसे होता है, तो दर्दसा दिलमें होता है
तुम एक हसीन हो लाखोमें,भला पाके तुम्हे कोई खोता है
जिया ओ, जियाओ जिया कुछ बोल दो
अरे ओ, दिल का परदा खोल दो
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: जब प्यार किसीसे होता है