माझं अजून एक आवडतं गाणं ऐका....प्रभाकर जोग ह्यांच्या गाणार्या वायोलिनचा रूळ बनवून मीच गायलंय ते.
ज्योती कलश छलके
हुये गुलाबी, लाल सुनहरे
रंग दल बादलके
घर आंगन वन उपवन उपवन
करती ज्योती अमरितके पूजन
मंगल घट ढलके...ज्योती कलश छलके
पात पात बिरवा हरियाला
धरतीका मुख हुआ उजाला
सच सपने कल के...ज्योती कलश छलके
उषाने ऑंचल फैलाया
फैली सुखकी शीतल छाया
नीचे ऑंचलके...ज्योती कलश छलके
ज्योती यशोदा धरती गय्या
नील गगन गोपाल कन्हैया
शामल छबी छलके...ज्योती कलश छलके
गीत: नरेंद्र शर्मा
संगीत: सुधीर फडके
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: भाभी की चुडियॉं
ज्योती कलश छलके
हुये गुलाबी, लाल सुनहरे
रंग दल बादलके
घर आंगन वन उपवन उपवन
करती ज्योती अमरितके पूजन
मंगल घट ढलके...ज्योती कलश छलके
पात पात बिरवा हरियाला
धरतीका मुख हुआ उजाला
सच सपने कल के...ज्योती कलश छलके
उषाने ऑंचल फैलाया
फैली सुखकी शीतल छाया
नीचे ऑंचलके...ज्योती कलश छलके
ज्योती यशोदा धरती गय्या
नील गगन गोपाल कन्हैया
शामल छबी छलके...ज्योती कलश छलके
गीत: नरेंद्र शर्मा
संगीत: सुधीर फडके
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट: भाभी की चुडियॉं
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