मंगळवार, ५ जून, २०१२

शाम-ए-ग़म की कसम...



शाम-ए-ग़म की कसम आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा आ भी जा आज मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की कसम
दिल परेशान हैं रात विरान हैं
देख जा किस तरह आज तनहा हैं हम
शाम-ए-ग़म की कसम

चैन कैसा जो पेहलूमें तू ही नहीं
मार डाले ना दर्द-ए-जुदाई कहीं
रूत हसीं हैं तो क्या चांदनी है तो क्या
चांदनी ज़ुल्म है और जुदाई सितम
शाम-ए-ग़म की कसम

अब तो आजा के अब रात भी सो गई
ज़िंदगी ग़मके सेहरावमें खो गई
ढुंढती है नज़र तू कहॉं है मगर
देखते देखते आया ऑंखोंमें नम
शाम-ए-ग़म की कसम

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: खय्याम
गायक: तलत मेहमूद
चित्रपट: फूटपाथ

२ टिप्पण्या:

अनामित म्हणाले...

Mazya awadtya gaanyanpaiki ek aahe he. Me pan adhunmadhun gungunto.

अनामित म्हणाले...

One of my favourites