शुक्रवार, २५ मे, २०१२

बार बार देखो,हजार बार देखो...



बार बार देखो,हजार बार देखो
के देखनेकी चीज है हमारा दिलरुबा
ताली हो...

हांजी हां और भी होंगे दिलदार यहां
लाखों दिलोंकी बहार यहां
पर ये बात कहां
ये बेमिसाल-हुस्न-लाजवाब-ये अदा
ताली हो...

दिल मिला,एक जान-ए-मेहफिल मिला
यार जिराग-ए-मंझिल मिला
ये ना पुछो के कहां
नया-नया-ये-आशिकीका राज-है-मेरा
ताली हो....

बल्ले बल्ले, उठके मिस्टर क्यूं चले
प्यारपे मेरे कहूं क्यूं जले
बैठभी जावो मेहेरबान
दुवा-करो-मिले-तुम्हे-भी-ऐसा-दिलरूबा
ताली हो....

गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: रवी
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: चायना टाऊन

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