गुरुवार, १४ जून, २०१२

मुसाफिर हूँ यारो...





मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जूड गयी
मै मूडा तो साथ साथ राह मूड गयी
हवाके परोपर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

दिनने हाथ थामकर इधर बिठा लिया
रातने इशारेसे उधर बुला लिया
सुबहसे शामसे मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो, ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना

गीतकार: गुलजार
संगीतकार: आर डी बर्मन
गायक: किशोरकुमार
चित्रपट: परिचय

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