बुधवार, २९ जानेवारी, २०१४

चल अकेला, चल अकेला....



चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला

हजारों मील लम्बे रास्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वासते तुझको बुलाते
है कौन सा वो इंसान यहाँ पर जिसने दुःख ना झेला
चल अकेला...

तेरा कोई साथ ना दे तो खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को करके अरे आकाश ओढ़ ले
यहाँ पूरा खेल अभी जीवन का तुने कहाँ है खेला
चल अकेला...


गीतकार: पदीप
संगीतकार: ओ.पी.नैय्यर
गायक: मुकेश
चित्रपट: संबंध


कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत: