रविवार, १९ जानेवारी, २०१४

ये शाम मस्तानी...





ये शाम मस्तानी, मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी और लिए जाए

दूर रहती हैं तू, मेरे पास आती नहीं
होठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं
ऐसा लगे जैसे के तू, हँस के जहर कोई पिए जाए

बात जब मैं करू, मुझे रोक लेती हैं क्यों
तेरी मीठी नजर, मुझे टोक देती हैं क्यों
तेरी हया, तेरी शर्म  तेरी कसम  मेरे होठ सिये जाए

एक रूठी हुयी, तकदीर जैसे कोई
खामोश ऐसे हैं तू, तसवीर जैसे कोई
तेरी नजर, बन के जुबान  लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए

गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: राहुल देव बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: कटी पतंग

२ टिप्पण्या:

शैलेंद्र रघूनाथ साठे म्हणाले...

नाही जमलं. अर्थात हे गाणं न वाटता नाईट क्लब मधले गायक गातात तसा फिल मात्र येतोय. :ड

प्रमोद देव म्हणाले...

पुन्हा एकदा प्रयत्न करतो.