तेरी जुल्फों से जुदाई तो नही मॉंगी थी,
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे
प्यार मॉंगा था , खुदाई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
मेरा हक था तेरी, ऑंखो की छलकती मय पर
मेरा हक था तेरी, ऑंखो की छलकती मय पर
चीज अपनी थी, पराई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
अपने बिमार पे, इतना भी सितम ठीक नही
अपने बिमार पे, इतना भी सितम ठीक नही
तेरी उल्फत मे बुराई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
चाहनेवालों को कभी, तूने सितम भी ना दिया
चाहनेवालों को कभी, तूने सितम भी ना दिया
तेरी महफिल से, रसोई तो नही मॉंगी थी
कैद मॉंगी थी, रिहाई तो नही मॉंगी थी
गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार शंकर-जयकिशन
गायक: मोहम्म्द रफी
चित्रपट: जब प्यार किसीसे होता है
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