बुधवार, १९ जून, २०१३

बहोत शुक्रिया बडी मेहरबानी




बहोत शुक्रिया बडी मेहरबानी
मेरी जिंदगीमे हुजूर आप आये
कदम चूम लू या, के ऑंखे बिछा दू
करूं क्या ये मेरी समज मे ना आये
बहोत शुक्रिया...

करूं पेश तुमको
नजराना  दिल का (२)...२
के बन जाये कोई अफसाना दिल का
खुदा जाने ऐसी, सुहानी घडी फिर (२)
मेरी जिंदगी मे पलट के न आये
बहोत शुक्रिया बडी मेहरबानी
मेरी जिंदगीमे हुजूर आप आये
बहोत शुक्रिया

खुशी तो बहोत है
मगर ये भी गम है (२)
के ये साथ अपना कदम दो कदम है
मगर ये मुसाफिर दुवा मांगता है (२)
खुदा आपसे फिर किसी दिन मिलाये
बहोत शुक्रिया बडी मेहरबानी
मेरी जिंदगीमे हुजूर आप आये
बहोत शुक्रिया


मुझे डर है मुझ मे
गुरूर आ ना जाये
लगू झुमने मैं
सुरूर आ ना जाये(२)
कही दिल ना मेरा,ये तारीफ सून कर (२)
तुम्हारा बने और मुझे भूल जाये
बहोत शुक्रिया बडी मेहरबानी
मेरी जिंदगीमे हुजूर आप आये
कदम चूम लू या, के ऑंखे बिछा दू
करूं क्या ये मेरी समज मे ना आये
बहोत शुक्रिया

गीतकार : एस. एच. बिहारी
संगीतकार: ओ पी नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,आशा भोसले
चित्रपट: एक मुसाफिर,एक हसीना

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