रविवार, १ सप्टेंबर, २०१३

यूँ तो हमने...





यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं
तुमसा नहीं देखा

उफ़ ये नज़र, उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
ज़ुल्फ़ें हैं या बदलियां
आँखें हैं या बिजलियां
जाने किस किसकी आएगी सज़ा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

तुम भी हंसीं, रुत भी हंसीं
आज ये दिल बस में नहीं
रास्ते ख़ामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पीये बिन आज हमें चढ़ा हैं नशा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

तुम न अगर, बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतनी क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसी का कहा
यूँ तो हमने लाख हंसीं...

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: ओ.पी. नय्यर
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: तुमसा नहीं देखा

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