गुरुवार, ५ सप्टेंबर, २०१३

जाईये आप कहॉं जायेंगे...

’मोद’गाणी वरील हे माझं १७५वं गाणं आहे....मी लौकिकार्थाने गाणं शिकलेलो नाहीये...पण आपल्यासारख्या कानसेन श्रोत्यांकडून ज्या अमूल्य सूचना मिळत असतात त्यातूनच मी शिकत जातोय..त्यासाठीच माझ्या ह्या सर्व श्रोतेरूपी शिक्षकांना हे गाणं आजच्या शिक्षकदिनी अर्पण करतोय.
_/\_





जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी
दूर तक आप के पीछे पीछे
मेरी आवाज चली जायेगी

आपको प्यार मेरा याद जहॉं आयेगा
कोई कांटा वोही दामन से लिपट जायेगा (२)
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

जब उठोगे मेरी बेताब निगाहों की तरह
रोक लेंगी कोई डाली मेरी बाहों की तरह (२)
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

देखिये चैन मिलेगा ना कहीं दिल के सिवा
आपका कोई नही, कोई नही दिल के सिवा
जाईये आप कहॉं जायेंगे
ये नजर लौट के फिर आयेगी

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: ओ. पी. नय्यर
गायिका: आशा भोसले
चित्रपट: मेरे सनम

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत: