कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम हैं कहना
छोडो बेकार की, बातो में कही, बीत ना जाऽऽए रैना
कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुयी
तू, कौन है, तेरा नाम हैं क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुयी
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना
हम को जो, ताने देते है
हम खोये हैं, इन रंग रलियों में
हम ने उन को भी, छुप छुप के
आते देखा इन गलियों में
ये सच हैं, झूठी बात नहीं
तुम बोलो, ये सच हैं ना
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: आर डी बर्मन
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: अमर प्रेम
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