सोमवार, ८ जुलै, २०१३

आवाज दे के हमें तुम बुलाओ...





आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

अभी तो मेरी जिंदगी हैं परेशां
कही मर के हो खाक भी  ना परेशां
दिये की तरह से ना हम को जलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

मैं सांसों के हर तार में छूप रहा हू
मैं धडकन के हर राग में बस रहा हू
जरा दिल की जानिब निगाहे झुकाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

न होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ
आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना ना हमको सताओ

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गायिका-गायक: लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी
चित्रपट: प्रोफेसर

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