शनिवार, ६ जुलै, २०१३

मेघा छाये आधी रात...



मेघा छाये आधी रात  बैरन  बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू

सब के आंगन दिया जले रे, मोरे आंगन जिया
हवा लागे शूल जैसी, ताना मारे चुनरियां
आयी हैं  आंसू की  बरात, बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात  बैरन बन गयी निंदियां

रूठ गये रे सपने सारे, टूट गयी रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे , फिर भी मन हैं प्यासा
किसे कहू रे मन की बात,  बैरन बन गयी निंदियां
बता दे मैं क्या करू
मेघा छाये आधी रात  बैरन बन गयी निंदियां

गीतकार: नीरज
संगीतकार: एस. डी बर्मन
गायिका: लता मंगेशकर
चित्रपट : शर्मिली

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