इक परदेसी मेरा दिल ले गया
जाते जाते मीठा मीठा गम दे गया
कौन परदेसी तेरा दिल ले गया
मोटी मोटी अखियों में आसूं दे गया
मेरे परदेसीयों की यही हैं निशानी
अखियां बिलोर की, शीशे की जवानी
ठण्डी ठण्डी आहों का सलाम दे गया
ढुँढ रहे तुझे लाखो दिलवाले
कर दें ओ गोरी जरा ऑंखो सें उजाले
ऑंखों का उजाला परदेसी ले गया
उस को बुला दूँ, सामने ला दूँ
क्या मुझे दोगी जो तुम से मिला दूँ
जो भी मेरे पास था वो सब ले गया
गीतकार:कमर जलालाबादी
संगीतकार: ओ.पी.नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,आशा भोसले
चित्रपट: फागुन
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