रविवार, १४ जुलै, २०१३

आयो कहां से घनश्याम...



आयो कहां से घनश्याम
रैना बितायी किस धाम
हाय राम, आयो कहां से....

हा रात की जागी रे...
रात की जागी रे अखियां तोरी
हो रही गली गली जिया की चोरी
हो नही जाना बदनाम हाय राम
आयो कहां से....


सज धज तुम्हरी का कहू रसिया
धनीध ध धनीध ध मधप गपम रेमग
मगसा निसा निसा निसागमग सागम पनीगम
पनीसा गमगसा नीनीप मगसा प
ऐसे लगे तेरे हातो मे बन्सियां
जैसे कटारी लियो थाम हाय राम
आयो कहां से....

हां मै ना कहूं कछु मोसे ना रुठो
तुम खुद अपने जियरा से पुंछो
बिती कहां पे कला शाम,
आयो कहां से....

गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: आर. डी. बर्मन
गायक: मन्ना डे
चित्रपट: बुढ्ढा मिल गया

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