ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लायी, आखियों में प्यार लायी
तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा
मीठी मीठी अगनी में, जले मोरा जियरा
ऐसे रिमझीम में, ओ सजन
प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख्वाबों में खो गये
सावली सलोनी घटा, जब जब छायी
आखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी
गीतकार:शैलेंद्र
संगीतकार:सलील चौधरी
गयिका: लता मंगेशकर
चित्रपट:परख
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