सबकुछ सीखा हम ने, ना सीखी होशियारी सच हैं दुनियाँ वालों, के हम हैं अनाड़ी दुनिया ने कितना समझाया, कौन हैं अपना कौन पराया फिर भी दिल की चोट छूपाकर, हम ने आप का दिल बहलाया खुद ही मर मिटने की ये ज़िद हैं हमारी दिल का चमन उजडते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा हम ने हर जीने वाले को, धन दौलत पे मरते देखा दिल पे मरने वाले मरेंगे भिकारी असली नकली चेहरे देखे, दिल पे सौ सौ पहरे देखे मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी गीतकार:शैलेंद्र संगीतकार:शंकर-जयकिशन गायक: मुकेश चित्रपट:अनाडी
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
शुक्रवार, २६ जुलै, २०१३
सबकुछ सीखा हम ने...
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