शनिवार, २० जुलै, २०१३

वो जब याद आये...


वो जब याद आये, बहोत याद आये
गम-ए-जिन्दगी के, अँधेरे में हम हैं
चराग-ए-मोहब्बत जलाए, बुझाए

आहटे जाग उठी, रास्ते हँस दिए
थामकर दिल उठे, हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ हैं
चले आ रहे है, वो नज़रे झुकाए

दिल सुलगने लगा, अश्क बहने लगे
जाने क्या क्या हमे, लोग कहने लगे
मगर रोते रोते हँसी आ गयी हैं
खयालों में आ के वो जब मुस्कुराये

वो जुदा क्या हुए, जिन्दगी खो गयी
शम्मा जलती रही, रोशनी खो गयी
बहूत कोशिशें की, मगर दिल ना बहला
कई साज छेड़े, कई गीत गाए

गीतकार: फारूक कैसर
संगीतकार: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी,लता मंगेशकर
चित्रपट: पारसमणी

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत: