मंगळवार, ३० जुलै, २०१३

छलके तेरी आंखों से...



छलके तेरी आंखों से शराब और ज्यादा
खिलते रहे होटो के गुलाब और ज्यादा

क्या बात है जाने तेरी मेहफिल मे सितमगर
धडके हैं दिल-ए-खाना खराब और ज्यादा

इस दिल मे अभी और भी जख्मो की जगह है
अब रुकी कटारी को दुआब और ज्यादा

तू इश्क के तुफान को बाहो मे जकड ले
अल्लाह करे जोरे शबाब और ज्यादा

छलके तेरी आंखों से शराब और ज्यादा
खिलते रहे होटो के गुलाब और ज्यादा

गीतकार: हसरत जयपूरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: आरजू

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