हमे तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बीना सूना गम जुदाई का, उठाते हैं लोग जाने जिन्दगी कैसे, बिताते हैं लोग दिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समान हमे इंतज़ार कितना, ये हम नहीं जानते मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बीना तुम्हें कोई और देखे, तो जलता हैं दिल बड़ी मुश्किलों से फिर, संभलता हैं दिल क्या, क्या जतन करते है, तुम्हे क्या पता ये दिल बेकरार कितना, ये हम नहीं जानते मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बीना गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार: राहूल देव बर्मन गायक: किशोर कुमार चित्रपट: कुदरत
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
रविवार, २९ डिसेंबर, २०१३
हमे तुम से प्यार कितना...
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