शनिवार, २८ डिसेंबर, २०१३

ओह रे ताल मिले नदी के जल में...


ओह रे ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने ना

सूरज को धरती तरसे, धरती को चंद्रमा
पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा
बूँद छूपी किस बादल में कोई जाने ना

अनजाने होठों पर क्यों पहचाने गीत हैं
कल तक जो बेगाने थे, जन्मों के मीत हैं
क्या होगा कौन से पल में कोई जाने ना

गीतकार: इंदिवर
संगीतकार: रोशन
गायक: मुकेश
चित्रपट: अनोखी रात

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