शनिवार, ९ ऑगस्ट, २०१४

दो सितारों का जमीं पर....


दो सितारों का जमीं पर हैं मिलन आज की रात
दो सितारों का जमीं पर हैं मिलन आज की रात
मुस्कुराता हैं उम्मीदों का चमन आज की रात
रंग लायी हैं मेरे दिल की लगन आज की रात
सारी दुनिया नजर आती हैं दुल्हन आज की रात
दो सितारों का जमीं पर हैं मिलन आज की रात
आज की रात

हुस्न वाले तेरी दुनिया में कोई आया हैं
तेरे दिदार की हसरत भी कोई लाया है
तोड दे, तोड दे, परदे का चलन आज की रात
मुस्कुराता हैं उम्मीदों का चमन आज की रात
दो सितारों का जमीं पर हैं मिलन आज की रात
आज की रात

जिनसे मिलने की तमन्ना थी वो दिन आते हैं
चांद-तारे मेरी राहो में बिछे जाते हैं
चूमता हैं मेरे कदमो को गगन आज की रात
सारी दुनिया नजर आती हैं दुल्हन आज की रात
दो सितारों का जमीं पर हैं मिलन आज की रात
आज की रात

गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार: नौशाद
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी-लता मंगेशकर
चित्रपट: कोहिनूर

२ टिप्पण्या:

शैलेंद्र रघूनाथ साठे म्हणाले...

Barech diwasani awaj aikala tumacha ! Changla prayatna kelay ! Arthat Duet asalyane sahajikach damchhak hote ti janavate ahe. Pan Naushad che gane ganyache dhadas kelet he mahatvache ! All the best ! - Shailendra

प्रमोद देव म्हणाले...

धन्यवाद राजाभाऊ!
तसा मी स्वभावत:च धाडसी माणूस आहे...कोणत्याही प्रकारचे गाणे गाण्याचे धाडस करू शकतो आणि करतो...ते धाडस प्रत्येकवेळी यशस्वी होईल न होईल ह्याची चिंता अजिबात करत नाही...नौशादची खूप गाणी गायलेत मी. :D
बर्‍याच कालावधीनंतर आपण आलात, आपेल हार्दिक स्वागत आहे.