जीवनसे भरी, तेरी आँखें मजबूर करे, जीने के लिए सागर भी तरसते, रहते हैं तेरे रूप का रस, पीने के लिए तसवीर बनाए, क्या कोई क्या कोई लिखे, तुझ पे कविता रंगों छंदों में समायेगी किस तरह से, इतनी, सुन्दरता एक धड़कन हैं,तू दिल के लिए एक जान हैं, तू जीने के लिए मधुबन की, सुगंध हैं, साँसों में बाहों में कमल की कोमलता किरनों का, तेज हैं, चेहरे पे हिरनों की हैं, तुझ में, चंचलता आँचल का तेरे, हैं ताऽऽर बहुत कोई शाख जिगर, सीने के लिए गीतकार: इंदीवर संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी गायक: किशोर कुमार चित्रपट: सफर
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
रविवार, २ फेब्रुवारी, २०१४
जीवन से भरी तेरी ऑंखें...
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