गाये जा गीत मिलनके, तू अपने लगन के
सजन घर जाना है - (२)
काहे छलके नैनो की गगरी, काहे बरसे जल
तुम बिन सुनी साजन की नगरी, परदेसिया घर चल
प्यासे है दीप नयन के. तेरे दर्शन के सजन घर जाना है
गाये जा गीत मिलनके, तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
गाये जा गीत मिलनके, तू अपने लगन के
सजन घर जाना है - (२)
लूट ना जाये जीवन का डेरा, मुझको है ये गम
हम अकेले, ये जग लुटेरा, बिछडे ना मिलके हम
बिगडे नसीब ना बन के, ये दिन जीवन के सजन घर जाना है
गाये जा गीत मिलनके, तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
गाये जा गीत मिलनके, तू अपने लगन के
सजन घर जाना है - (२)
डोले नैना पीतम के द्वारे मिलने की ये धूम
बालम तेरा तुझको पुकारे याद आने वाले सून
साथी मिलेंगे बचपन के, खिलेंगे फूल मन के, सजन घर जाना है
गाये जा गीत मिलन के तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
गीतकार: शकील बदायुनी
संगीतकार: नौशाद
गायक: मुकेश
चित्रपट: मेला
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