हम आज कही दिल खो बैठे, हम आज कही(२)
यूं समझो किसी के हो बैठे (२)
हम आज कही
हरदम जो कोई पास आने लगा, हरदम जो कोई
भेद उल्फत के समझाने लगा, भेद उल्फत के
नजरो से नजर का टकराना (२)
था दिल के लिये एक अफसाना(२)
हम हाथो से दिल को खो बैठे
यूं समझो किसी के हो बैठे
हम आज कही
ऑंखो मे समाया कोई मगर
कौन आया किसी को क्या ये खबर- (२)
पुछो तो यही है उसका पता (२)
चंचल नैना और शोख अदा (२)
हम दिल की नैया डूबो बैठे
यूं समझो किसी के हो बैठे
हम आज कही दिल खो बैठे, हम आज कही
गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी
संगीतकार: नौशाद
गायक : मुकेश
चित्रपट: अंदाज
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
सोमवार, ३ फेब्रुवारी, २०१४
हम आज कही दिल खो बैठे...
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1 टिप्पणी:
khupach sundar jamalay..best wishesh
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