हम, और तुम, और ये समा, क्या, नशा, नशा सा है बोलिये, ना बोलिये, सब, सुना, सुना सा है हम और तुम, और ये समा, क्या, नशा, नशा सा है बे करार से हो क्युं , हम को पास, आने भी दो गिर पडा जो हाथ से, वो रूमाल उठाने भी दो बन्ते, क्यूं हो, जाने भी दो, बन्ते, क्यूं हो, जाने भी दो हम, और तुम, और ये समा, क्या, नशा, नशा सा है बोलिये, ना बोलिये, सब, सुना, सुना सा है आज बात बात पे, आप क्यूं संभलने लगे थरथराये होठ क्यूं, अश्क क्यूं मचलने लगे लिपटे गेसू खुलने लगे, लिपटे गेसू खुलने लगे हम, और तुम, और ये समा, क्या, नशा, नशा सा है बोलिये, ना बोलिये, सब, सुना, सुना सा है गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार: उषा खन्ना गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: दिल देके देखो
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
गुरुवार, २० फेब्रुवारी, २०१४
हम और तुम और ये समा क्या नशा नशा सा है...
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