बुधवार, १२ फेब्रुवारी, २०१४

करू क्या आस निरास भयी...





करू क्या आस निरास भयी - (४)
दिया बुझे फिर से जल जाये
रात अंधेरी जाये दिन आये - (२)
मिटती आस है ज्योत अखियन की - २
समझो गयी तो गयी
करू क्या आस निरास भयी - (३)

जब ना किसी ने राह सुझायी
दिल से इक आवाज ये आयी - (२)
हिम्मत बान्ध संभल बढ आगे
रोक नही है कोयी - (२)
कहो ना आस निरास भयी - (२)

करना होगा खून का पानी
देना होगी हर कुर्बानी
हिम्मत है इतनी तो समझ ले  - (२)
आस बन्धेगी नयी - (२)
कहो ना आस निरास भयी  - (२)

गीतकार: आरझू लखनवी
संगीतकार: पंकज मलिक
गायक: कुंदनलाल सहगल
चित्रपट: दुश्मन

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