हम छोड़ चले हैं महफ़िल को याद आये कभी तो मत रोना इस दिल को तसल्ली दे लेना घबराये कभी तो मत रोना एक खाब सा देखा था हमने जब आँख खुली तो टूट गया ये प्यार तुम्हें सपना बनकर तडपाये कभी तो मत रोना तुम मेरे ख़यालों में खोकर बरबाद ना करना जीवन को जब कोई सहेली बात तुम्हें समझाये कभी तो मत रोना जीवन के सफ़र में तनहाई मुझको तो ना ज़िंदा छोड़ेगी मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर मिल जाये कभी तो मत रोना गीतकार: हसरत जयपूरी संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी गायक: मुकेश चित्रपट: जी चाहता हैं
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
मंगळवार, १८ फेब्रुवारी, २०१४
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
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