तोरा मन दर्पन कहलाये भले बुरे, सारे कर्मों को, देखे और दिखाए मन ही देवता, मन ही ईश्वर मन से बड़ा ना कोय मन उजियारा, जब जब फैले जग उजियारा होए इस उजले, दर्पन पर प्रानी, धूल ना ज़मने पाए सुख की कलियाँ, दुःख के काँटे मन सब का आधार मन से कोई, बात छूपे ना मन के नैन हजार जग से चाहे, भाग ले कोई, मन से भाग ना पाए गीतकार: साहिर लुधियानवी संगीतकार: रवि गायिका: आशा भोसले चित्रपट: काजल
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