माना जनाब ने पुकारा नहीं
क्या मेरा साथ भी गॅंवारा नहीं
मुफ्तमें बनके चल दिये तनके
वल्लाह जवाब तुम्हारा नही
माना जनाबने....
यारोंका चलन है गुलामी
देते है हसींनोको सलामी
गुस्सा ना कीजिये जाने भी दीजिये
बंदगी तो बंदगी तो लीजिये साहब
माना जनाबने...
माशा अल्लाह कहना तो माना
बन गया बिगडा जमाना
तुमको हॅंसा दिया प्यार सिखा दिया
शुक्रिया तो शुक्रिया तो कीजिये साहब
माना जनाबने...
गीतकार: मजरूह सुलतानपुरी
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक : किशोर कुमार
चित्रपट: पेईंग गेस्ट
1 टिप्पणी:
देव साहेब,
मस्त, आवडले !
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