आज पुरानी राहों से, कोई मुझे आवाज़ ना दे दर्द में डूबे गीत ना दे, गम का सिसकता साज़ ना दे बीते दिनों की याद थी जिन में, मैं वो तराने भूल चूका आज नयी मंज़िल हैं मेरी, कल के ठिकाने भूल चूका ना वो दिल ना सनम, ना वो दिन धरम अब दूर हूँ सारे गुनाहों से टूट चुके सब प्यार के बंधन, आज कोई जंजीर नहीं शीशा-ए-दिल में अरमानों की, आज कोई तसवीर नहीं अब शाद हूँ मैं, आज़ाद हूँ मैं कुछ काम नहीं हैं आहों से जीवन बदला, दुनियाँ बदली, मन को अनोखा ज्ञान मिला आज मुझे अपने ही दिल में, एक नया इंसान मिला पहुँचा हूँ वहाँ, नहीं दूर जहाँ भगवान भी मेरी निगाहों से गीतकार: शकिल बदायुनी संगीतकार: नौशाद गायक: मोहम्मद रफी चित्रपट: आदमी
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
सोमवार, ६ जानेवारी, २०१४
आज पुरानी राहों से...
याची सदस्यत्व घ्या:
टिप्पणी पोस्ट करा (Atom)
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा