जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए-जिंदगी नही जलता हुआ दिया हूँ मगर रोशनी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... वो मुद्दते हुई है किसी से जुदा हुये लेकिन ये दिलकी आग अभी तक बुझी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... आने को आ चुका था किनारा भी सामने खुद उसके पास भी मेरी नैया गई नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... होटो के पास आये हँसी, क्या मजाल है दिलका मुआमला है कोई दिल्लगी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... ये चॉंद ये हवा ये फजा सब है मांद मांद जब तू नही तो इन में कोई दिलकशी नही जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए... गीतकार: बेहजाद लखनवी संगीतकार: राम गांगुली गायक: मुकेश चित्रपट: आग
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
शनिवार, २५ जानेवारी, २०१४
जिंदा हूँ इस तरह....
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