चंदनसा बदन चंचल चितवन
धीरेसे तेरा ये मुसकाना
मुझे दोष ना देना जगवालों
हो जाऊ अगर मैं दिवाना
ये काम कमान भवें तेरी
पलकोंके किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होठो पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड जाये
आबाद हो दिलका विराना
चंदनसा बदन चंचल चितवन
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरताकी मूरत है
किसी औरको शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरूरत है
पहले भी बहोत मैं तरसा हूँ
तू और न दिलको तरसाना
गीतकार: इंदीवर
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: मुकेश
चित्रपट सरस्वतीचंद्र
३ टिप्पण्या:
Mastay :)
Mastay
Sundar mhatlay
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