मैं ज़िंदगीका साथ निभाता चला गया
हर फिक्र को धुवेंमें उडाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा
बरबादियोंका सोग मनाना फिज़ूल था
बरबादियोंका जश्न मनाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा
जो मिल गया उसीको मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फिक्रको धुवेंमें उडा
ग़म और खुशीमें फ़र्क ना मेहसूस हो जहॉं
मैं दिलको उस मकामपे लाता चला गया
मैं ज़िंदगीका साथ निभाता चला गया
हर फिक्र को धुवेंमें उडाता चला गया
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: जयदेव
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: हम दोनो
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