कभी खुद पे, कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
हम तो समजे थे के हम भूल गए हैं उनको
क्या हुवा आज ये किस बात पे रोना आया
किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं
बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया
कौन रोता हैं किसी और की खातिर ऐ दोस्त
सबको अपने ही किसी बात पे रोना आया
गीतकार : साहिर लुधियानवी
संगीतकार : जयदेव
गायक : मोहम्मद रफी
चित्रपट : हम दोनो
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा