कोई होता जिस को अपना
हम अपना कह लेते यारो
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकीन कोई मेरा अपना
आंखो में नींद ना होती
आंसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता
भूला हुवा कोई वादा
बिती हुई कुछ यादे
तनहाई दोहराती हैं रातभर
कोई दिलासा होता
कोई तो अपना होता
गीतकार: गुलजार
संगीतकार: सलिल चौधरी
गायक: किशोर कुमार
चित्रपट: मेरे अपने
६ टिप्पण्या:
sundar :-)
धन्यवाद वाहिदा!
मस्त गायलेत.... जोरदार पुनरागमन
धन्यवाद प्रशांतशेठ!
mast kaka...kharach awadlay
धन्यवाद अमोल.
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