तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....
वो बहारें वो चॉंदनी रातें
हमने की थी जो प्यार की बातें...२
उन नजारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं....
मेरे हाथों मे तेरा चेहेरा था
जैसे कोई गुलाब होता है...२
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तर्हा भुलाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग-संग तुम भी गुन-गुनाओगे
हॉं तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे
हो तुम मूझे यूं...
गीतकार: हसरत जयपुरी
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गायक: मोहम्मद रफी
चित्रपट: पगला कहीं का
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