दीवाना हुआ बादल सावन की घटा छाई
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगडाई
ऐसी तो मेरी तकदीर ना थी
तुम सा जो कोई महबूब मिले
दिल आज खुशी से पागल है
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले
दिल क्यों ना बने पागल क्या तुमने अदा पाई
जब तुम से नजर टकराई सनम
जजबात का एक तूफ़ान उठा
तिनके की तरह मैं बह निकली
सैलाब मेरे रोके ना रुका
जीवन में मची हलचल और बजने लगी शहनाई
है आज नए अरमानों से
आबाद मेरे दिल की नगरी
बरसों से खिजा का आलम था
वीरान बड़ी दुनियाँ थी मेरी
हाथों में तेरा आँचल आया के बहार आयी
गीतकार: एस. एच बिहारी
संगीतकार: ओ.पी नय्यर
गायक-गायिका: मोहम्मद रफी , आशा भोसले
चित्रपट: काश्मीर की कली
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