ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल ना जाना
बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
ढुंढेंगे तुझे गली-गली सब ये गम के मारे
पुछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना
जानेवाले हो सके तो लौट के आना
है तेरा वहॉं कौन सभी लोग हैं पराये
परदेस की गर्दिश में कहीं तू भी खो ना जाये
कॉंटों भरी डगर है तू दामन बचाना
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
दे दे के ये आवाज कोई हर घडी बुलाये
फिर जाये जो उस पार कभी लौटके ना आये
है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना
ओ जानेवाले हो सके तो लौटके आना
गीतकार: शैलेंद्र
संगीतकार: सचिन देव बर्मन
गायक: मुकेश
चित्रपट बंदिनी
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