मैं तो कब से खड़ी इस पार ये अखियाँ थक गयी पंथ निहार आजा रे, परदेसी मैं दिये की ऐसी बाती जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती आ मिल मेरे जीवन साथी तुम संग जनम जनम के फेरे भूल गये क्यों साजन मेरे तडपत हूँ मैं साँझ सवेरे मैं नदियाँ फिर भी मैं प्यासी भेद ये गहरा, बात ज़रा सी बिन तेरे हर साँस उदासी गीतकार: शैलेंद्र संगीतकार: सलील चौधरी गायिका: लता मंगेशकर चित्रपट : मधुमती
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