मेरी भीगी भीगी सी, पलकों पे रह गए जैसे मेरे सपने बिखर के जले मन तेरा भी किसी के मिलन को अनामिका, तू भी तरसे तुझे बीन जाने, बीन पहचाने, मैंने हृदय से लगाया पर मेरे प्यार के बदले में तूने, मुझ को ये दिन दिखलाया जैसे बिरहा की रुत मैंने काटी, तड़प के आहें भर भर के जले मन तेरा... .. आग से नाता, नारी से रिश्ता, काहे मन समझ न पाया मुझे क्या हुआ था, एक बेवफा पे हाय मुझे क्यों, प्यार आया तेरी बेवफाई पे, हँसे जग सारा, गली गली गुजरे जिधर से जले मन तेरा... . गीतकार: मजरूह सुलतानपूरी संगीतकार: राहूल देव बर्मन गायक: किशोर कुमार चित्रपट: अनामिका
माझी,गाण्याची,स्वत:ची अशी वेगळी शैली आहे...आपल्याला आवडली तर आनंदच आहे...नाही आवडली तरी खंत नाही.
शनिवार, २८ डिसेंबर, २०१३
मेरी भीगी भीगी सी...
याची सदस्यत्व घ्या:
टिप्पणी पोस्ट करा (Atom)
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा